0 बिजली बिल हाफ का यूनिट हो सकता है 200 यूनिट तक छत्तीसगढ़. असल बात news. 0 विशेष संवाददाता 0 अशोक त्रिपाठी छ...
छत्तीसगढ़.
असल बात news.
0 विशेष संवाददाता
0 अशोक त्रिपाठी
छत्तीसगढ़,अपनी गति से आगे बढ़ रहा है.यह वह राज्य भी है जहां के पिछले कई वर्षों के आंकड़े बताते हैं कि यहां मतदान करने वालों में महिलाओं की संख्या अधिक होती है,मतदान करने में महिला मतदाताओ का प्रतिशत अधिक होता है और कॉलेज पढ़ने जाने वालों में लड़कियों की संख्या अधिक बढ़ते जाने के साथ नौकरियों में भी माताओ- बहनों की संख्या बढ़ती जा रही है.मैं 'विकास' शब्द का उपयोग करने से बचने की कोशिश करता हूं.सरकारी तंत्र को अपने कागजों में पुल-पुलिया सड़क,कारखाने,बड़ी-बड़ी बिल्डिंग के निर्माण को दिखाने की जरूरत पड़ती है इसलिए उसके लिए विकास महत्वपूर्ण होता है.आम नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण बात है आम लोगों का जीवन स्तर.लिविंग स्टैंडर्ड कैसा है. किस स्तर का है. आज के समय में स्वाभाविक रूप से कहा जा सकता है जो ताजा परिस्थितियां हैं,उसमें लोगों का परचेजिंग पावर बढ़ा है.साइकिल से चलने वालों लोगों की संख्या अब 10% से भी कम होकर रह गई है. जो लोग स्कूल कॉलेज की स्थितियों के बारे में जानते हैं,उन्हें मालूम है कि अब बच्चे भी स्कूल- कॉलेजों तक में बाइक से आना-जाना करने हैं.राजनीति से परे बात की जाए तो यह लिविंग स्टैंडर्ड में सुधार का एक स्वाभाविक लक्षण कहा जाता है. छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से भले ही यहां किसी भी पार्टी की सरकार रही हो लोगों के लिविंग स्टैंडर्ड में निरंतर सुधार होता नजर आया है.इस राज्य में खनिज संसाधनों से सबसे अधिक राजस्व की प्राप्तियां होती है.स्पष्ट कि यहां हमारी भूमि, जल,जंगल का भरपूर दोहन हो रहा है.ऐसे में इसका लाभ भी यहां के नागरिकों को मिलना चाहिए.युवाओं को रोजगार मिलना चाहिए.प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय कई सारी बातों के बीच इस पर जरूर जोर देते हैं कि युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्राथमिकता पूर्वक प्रयास होने चाहिए. और इसके लिए हम भरपूर प्रयास कर रहे हैं.वह कहते हैं सभी को शासकीय नौकरी तो दे पाना संभव नहीं है.राज्य में इस तरह की कोशिश की जा रही है कि ऐसे संसाधन विकसित किया जाए,जिससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढे.यह स्वरोजगार भी हो सकता है.छत्तीसगढ़ में अभी बड़ा नक्सल उन्मूलन अभियान चल रहा है. निश्चित रूप से पूरे देश भर के लोगों की नजर इस और है.मुख्यमंत्री श्री साय कहते हैं कि इससे इन क्षेत्रों में जहरीली हिंसा की बड़ी समस्या का उन्मूलन होने जा रहा है और एक भय दहशत का वातावरण समाप्त होगा.छत्तीसगढ़ में सब तरफ सभी लोग निश्चित होकर आ जा सकेंगे.
कई लोगों की कार्यशैली होती है दूरी बनाकर रखने की.आम जनता से दूरियां,पत्रकारों से भी दूरियां.ऐसा कई बार इसलिए भी किया आ जाता है कि कई सारे तीखे सवालों से बचा जा सके.लेकिन जिनका सब कुछ साफ होता है.कार्यशैली में,कामकाज में पारदर्शिता होती है,व्यवहार में सादगी अपनापन और सफलता होती है तथा दुराव नहीं होता तो उसे आलोचकों का भी नजदीक होना भी परेशान नहीं करता है.हताश नहीं करता है.कोई चिंता नहीं पैदा करता है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी अभी राज्य के राज्योत्सव के अवसर पर छत्तीसगढ़ आ रहे हैं.निश्चित रूप से इस समय सरकार काफी व्यस्त हो गई है. ऐसी व्यवस्तता के बावजूद प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री साय ने पत्रकारों के साथ दीपावली मिलन आयोजित किया और लगभग ढाई घंटे तक मीडिया के लोगों के बीच रहे. इस दौरान कई सारी बातें भी होती रही.कई सारे सुझाव दिए गए. महत्वपूर्ण बात यह है कि मुख्यमंत्री श्री साय ने लगभग सभी बातों को ध्यान पूर्वक से सुना.सरकार की भविष्य की योजनाओ के बारे में भी मीडिया के लोगों के साथ जानकारी साझा की. जब आपके मन में कोई दूराव नहीं होता, जिस सरकार का कोई हिडन एजेंडा नहीं होता,तो सारे सवालों का जवाब भी सहजता से दे दिया जाता है. श्री साय से जब यह पूछा गया कि प्रधानमंत्री जी आ रहे तो क्या कोई बड़े पैकेज की उम्मीद करते हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी तो छत्तीसगढ़ को हमेशा से बहुत कुछ देते आ रहे हैं. छत्तीसगढ़ को उम्मीद से अधिक मिला है. कोई पैकेज की मांग तो नहीं है लेकिन छत्तीसगढ़ को हमेशा अधिक तो मिलता ही रहेगा.
मुख्यमंत्री श्री साय ने मीडिया के लोगों से बातचीत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की आम जनता ने आगे बढ़ने,छत्तीसगढ़ को आगे जाने का बड़ा स्वप्न देखा है.यह महिलाओं, युवाओं,बुजुर्गों के साथ सभी वर्ग के लोगों की खुशहाली के साथ ही संभव है.आज, लोगों को पक्का आवास मिल रहा है.अपना खुद का पक्का आवास होने से किसे खुशियां नहीं होती. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने सभी के लिए पक्के आवास की चिंता की है. उन्होंने कहा कि राज्य में नई औद्योगिक नीति लागू की गई है. इससे बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सूचित हो रहे हैं. छत्तीसगढ़ में देश-विदेश से निवेश आ रहा है.नई औद्योगिक नीति के लागू होने के चलते अभी तक यहां 7 लाख करोड रुपए से अधिक के निवेश होने का प्रस्ताव आ चुका है.स्वीकृति के बाद इनमें से कई इकाईयों ने उद्योग की स्थापना का कार्य शुरू कर दिया है. इन उद्योगों के लगने से प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से प्रदेश की जनता को फायदा मिलने वाला है.
कई सारी बातें हुई तो छत्तीसगढ़ में अभी जो एक बड़ा मुद्दा है जिससे आम जनता का सीधे सरोकार है उस पर भी बात हुई.मतलब बिजली बिल. इस विषय पर यह बात हुई. मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अभी देश भर में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है और सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को घर-घर तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. इससे लोगों तक सिर्फ फ्री बिजली उपलब्ध कराने का ही लक्ष्य नहीं है, बल्कि उसके साथ अतिरिक्त बिजली उत्पादन से लोगों के आमदनी बढ़ाने की भी कोशिश की जा रही है. लोगों के घरों में सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना केंद्र का जो अतिरिक्त बिजली पैदा होगी वह बिजली विद्युत विभाग में जमा होगी. और इसे जमाकर्ता को आय होगी.
दावा तो नहीं किया जा सकता,लेकिन जो बातें हुई है हाफ बिजली बिल के यूनिट को कुछ हद तक बढ़ाया जा सकता है.संभवत: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय,तक इससे हो रही परेशानियों की जो जानकारियां पहुंची है उससे आने वाले दिनों में इसका हल निकलता दिख सकता है.


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