भिलाई। असल बात news. स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको भिलाई के सभागार में छत्तीसगढ़ राज्य के रजत जयंती समारोह के अवसर पर ...
भिलाई।
असल बात news.
स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको भिलाई के सभागार में छत्तीसगढ़ राज्य के रजत जयंती समारोह के अवसर पर भव्य एल्यूमनी मीट का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के विभिन्न संकायों के पूर्व छात्र-छात्राएँ उत्साहपूर्वक शामिल हुए। कार्यक्रम का आयोजन ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों मोड में किया गया, जिससे जो पूर्व विद्यार्थी प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित नहीं हो पाए, वे भी वर्चुअली जुड़े और अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। महाविद्यालय के भूतपूर्व विद्यार्थी ऑफलाइन एवम ऑनलाइन मोड में शामिल हुए।
कार्यक्रम का शुभारंभ विभागाध्यक्ष, रसायन शास्त्र डॉ. एस. रजनी मुदलियार द्वारा स्वागत भाषण से हुआ। उन्होंने कहा—
"एल्यूमनी महाविद्यालय की रीढ़ हैं, जो समय-समय पर अपने अनुभव, सहयोग और मार्गदर्शन से संस्थान को मजबूत बनाते हैं।"
श्री शंकराचार्य शैक्षणिक परिसर हुडको के निदेशक डॉ. दीपक शर्मा ने सफल पूर्व विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा—
"एल्यूमनी की उपलब्धियाँ ही महाविद्यालय की सच्ची पहचान और गौरव हैं।"
प्राचार्या डॉ. हंसा शुक्ला ने विभिन्न पदों पर कार्यरत पूर्व विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा—
"आज हमारे एल्यूमनी देश-विदेश के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहे हैं। यह हमारे लिए गर्व का विषय है।"
इस अवसर पर महाविद्यालय के पूर्व छात्र-छात्राओं ने अपने अनुभव साझा किए।
दीपक सिंह ने कहा—“महाविद्यालय ने पढ़ाई के साथ-साथ खेल और अन्य गतिविधियों में भी हमेशा प्रोत्साहित किया।”कमल नारायण ने बताया—“कैरियर के हर मोड़ पर महाविद्यालय के प्राध्यापकों का मार्गदर्शन अमूल्य रहा।”
सोनाली लोया, सहायक प्राध्यापक, रसायन शास्त्र, शाशकीय महाविद्यालय बालोद ने कहा—
"स्वरूपानंद महाविद्यालय ने मुझे न केवल विषय का गहन ज्ञान दिया बल्कि जीवन मूल्यों को भी सिखाया। यहाँ के प्राध्यापक सदा मार्गदर्शक बने रहे। महाविद्यालय का सकारात्मक शैक्षणिक वातावरण मुझे ऊँचाइयों तक पहुँचने की प्रेरणा देता रहा। मैं सदैव इस संस्थान का आभारी रहूँगा।"डॉ. नरेश देवांगन, सहायक प्राध्यापक, बायोटेक्नोलॉजी, श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा—"यहाँ बिताए छात्र जीवन के अनुभव आज भी मेरे लिए प्रेरणास्रोत हैं। महाविद्यालय के प्राध्यापकों ने शोध और नवाचार की दिशा में हमेशा आगे बढ़ने को प्रेरित किया। मेरी सफलता का श्रेय इस संस्थान को जाता है और मैं गौरवान्वित हूँ कि इसका हिस्सा रहा। एल्यूमनी मीट में विशेष रूप से वर्चुअली जुड़े—"सुनील कुमार साहू, वैज्ञानिक, चीन ने कहा—"स्वरूपानंद महाविद्यालय ने मेरे करियर की मजबूत नींव रखी। अध्ययन के साथ-साथ रिसर्च की दृष्टि और आत्मविश्वास यहीं से मिला। आज मैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत हूँ तो इसका श्रेय इस महाविद्यालय की शिक्षा और संस्कार को है।"
कार्यक्रम में डिंपल देवांगन, ज्योति तिवारी, पुष्पिता साहू सहित कई एल्यूमनी की सक्रिय भागीदारी रही। कार्यक्रम का संचालन सराहनीय ढंग से किया गया और अंत में डॉ. मंजू कनौजिया, सहायक प्राध्यापक, शिक्षा विभाग ने आभार व्यक्त किया।
यह एल्यूमनी मीट न केवल पुराने विद्यार्थियों के पुनर्मिलन का अवसर बना, बल्कि महाविद्यालय और विद्यार्थियों के बीच गहरे संबंधों को और प्रगाढ़ करने का माध्यम भी सिद्ध हुआ।


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