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हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुक्तिधामों की बदहाल स्थिति पर कड़ी नाराज़गी जताई, मुख्य सचिव को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया

  बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने प्रदेशभर में मुक्तिधामों (अंत्येष्टि स्थलों) की स्थिति और सुधार कार्यों पर गंभीर रुख अपनाते हुए मुख्य...

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 बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने प्रदेशभर में मुक्तिधामों (अंत्येष्टि स्थलों) की स्थिति और सुधार कार्यों पर गंभीर रुख अपनाते हुए मुख्य सचिव को व्यक्तिगत हलफनामा पेश करने के निर्देश दिए हैं. अदालत ने कहा कि राज्य सरकार सभी जिलों में मुक्तिधामों की मूलभूत सुविधाओं की स्थिति पर स्पष्ट जानकारी दे.



सोमवार को हुई सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति अमितेंद्र प्रसाद की खंडपीठ ने बिलासपुर जिले के रहंगी ग्राम पंचायत स्थित मुक्तिधाम में फैली अव्यवस्था पर दायर जनहित याचिका पर विचार किया.

सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन. भारत ने अदालत को बताया कि मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव और कलेक्टर बिलासपुर ने इस मामले में शपथपत्र (हलफनामा) दाखिल कर दिया है. साथ ही छत्तीसगढ़ पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और शहरी विकास विभाग की ओर से 6 और 8 अक्टूबर 2025 को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.


कलेक्टर बिलासपुर ने अदालत को जानकारी दी कि रहंगी मुक्तिधाम में बैठने की व्यवस्था, पीने के पानी की सुविधा और शेड निर्माण पूरा कर लिया गया है, जबकि मुक्तिधाम तक सड़क निर्माण का प्रस्ताव प्रक्रिया में है.खंडपीठ ने मुख्य सचिव को आदेश दिया कि वे सभी जिलों के कलेक्टरों, कमिश्नरों और नगरीय निकाय अधिकारियों से रिपोर्ट लेकर शासन के दोनों विभागों द्वारा जारी आदेशों के अनुपालन का विवरण अदालत में पेश करें.

मामले की अगली सुनवाई अब 8 दिसंबर 2025 को निर्धारित की गई है.