भिलाई . असल बात news. स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के वनस्पति शास्त्र विभाग के विद्यार्थियों ने सहभागी शिक्षण के तहत राजीव ...
भिलाई .
असल बात news.
स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के वनस्पति शास्त्र विभाग के विद्यार्थियों ने सहभागी शिक्षण के तहत राजीव लोचन आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल दुर्ग में दसवें आयुर्वेद दिवस के अवसर पर आयोजित विशेष प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों में जिज्ञासा और कुछ जानने का उत्साह था।
प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने औषधीय पौधों की पहचान, प्रकृति परीक्षण, आयुर्वेदिक औषधि निर्माण की विधियाँ और आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के विविध पहलुओं का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त किया। यह अवसर छात्रों के लिए केवल शैक्षणिक ही नहीं बल्कि जीवनोपयोगी भी साबित हुआ।
प्रदर्शनी में दुर्लभ जड़ी-बूटियाँ, आयुर्वेदिक औषधियाँ और आधुनिक चिकित्सा में आयुर्वेद के प्रयोग को सरल ढंग से प्रस्तुत किया गया था।
वनस्पति शास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. नीना बागची, जो विद्यार्थियों के साथ उपस्थित रहीं, ने कहा“आयुर्वेद सिर्फ चिकित्सा पद्धति नहीं है, यह जीवन जीने का मार्ग है। छात्रों को यहां व्यावहारिक ज्ञान मिला, जो पुस्तकों से परे है और उन्हें प्रकृति के साथ गहरा संबंध बनाने में मदद करेगा।”
गितिशा बीएससी अंतिम वर्ष की छात्रा ने कहा –“हमने औषधीय पौधों और उनकी उपयोगिता के बारे में बहुत कुछ सीखा। प्रदर्शनी ने यह समझाया कि प्रकृति ही सच्चा चिकित्सक है और हम सभी उसके अंग हैं।”
स्वाति, दीक्षा, जूदित , भूमिका एवं अम्रता ने कहा –“आयुर्वेद को करीब से समझने का यह पहला मौका था। अब हमें विश्वास है कि यह पद्धति आधुनिक युग में भी अत्यंत प्रासंगिक है।”
राजीव लोचन आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज परिवार ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और इस आयोजन को सफल बनाने में सहयोग देने वालों का आभार व्यक्त किया। प्रबंधन ने कहा कि – “आयुर्वेद दिवस केवल औपचारिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को अपनी जड़ों से जोड़ने का प्रयास है। भविष्य में भी ऐसे आयोजन और विस्तार से किए जाएंगे ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थी एवं लोग आयुर्वेद से जुड़ सकें।”
शंकराचार्य शिक्षक परिसर के निदेशक डॉ.दीपक शर्मा एवं मोनीषा शर्मा ने कहा –“आधुनिक शिक्षा तभी सार्थक है जब उसमें परंपरा और विज्ञान का संतुलन हो। आयुर्वेद हमें यह सिखाता है कि प्रकृति के साथ सामंजस्य ही दीर्घायु और स्वास्थ्य का आधार है। हमारे विद्यार्थियों का यह अनुभव उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा।
महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. श्रीमती हंसा शुक्ला ने इसे विद्यार्थियों की बौद्धिक उन्नति के लिए महत्वपूर्ण बताया।“इस तरह के शैक्षणिक भ्रमण विद्यार्थियों में नई दृष्टि पैदा करते हैं। आयुर्वेद जैसी प्राचीन पद्धति को निकट से जानना विद्यार्थियों के बौद्धिक और व्यावहारिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।”
यह शैक्षणिक भ्रमण न केवल छात्रों के लिए ज्ञानवर्धक साबित हुआ बल्कि आयुर्वेद की प्रासंगिकता को भी उजागर करता है।
छात्रों ने प्रदर्शनी को प्रेरणादायी अनुभव बताया और यह माना कि आयुर्वेद आज के समय में स्वस्थ जीवन का सबसे सहज और प्राकृतिक मार्ग है।



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