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स्वरुपानंद महाविद्यालय में संस्कृति के रंग दीपोत्सव के संग का आयोजन

  भिलाई . असल बात news.   स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको भिलाई में शिक्षा विभाग तथा मानसिक स्वास्थ्य उन्नयन परामर्श समिति ...

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 भिलाई .

असल बात news.  

स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको भिलाई में शिक्षा विभाग तथा मानसिक स्वास्थ्य उन्नयन परामर्श समिति के संयुक्त तत्वाधान में दीपावली के पावन अवसर पर "संस्कृति के रंग दीपोत्सव के संग" जिसमें भारतीय संस्कृति के प्रभावी प्रदर्शन एवं हस्तांतरण की मनसा से समिति की नोडल अधिकारी एवं उप प्राचार्य डॉ. अज़रा हुसैन एवं कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. शैलजा पवार शिक्षा विभाग ने प्रशिक्षणार्थियों के उत्तम मानसिक स्वास्थ्य, तनाव मुक्त परीक्षा तैयारी, शैक्षणिक बोझ को कम करने, प्रशिक्षणार्थियों की प्रतिभाओं को पहचानने,  सृजनात्मकता को प्रोत्साहित करने, भारतीय संस्कृति एवं परंपराओं के प्रभावी प्रदर्शन, वर्तमान परिपेक्ष में मानव जीवन में व्याप्त चिंता एवं तनावों के प्रबंधन, जाति एवं धर्म आधारित समरसता बनाए रखने के उद्देश्यों को दृष्टिगत रखते हुए उक्त कार्यक्रम का आयोजन किया गया।  कार्यक्रम के अन्तर्गत पारंपरिक वेशभूषा  एवं पारंपरिक व्यंजन बनाओं प्रतियोगिता का आयोजन  किया गया। इस कार्यक्रम में बी.एड. एवं डी.एल.एड. के विद्यार्थियों ने पारंपरिक वेशभूषा धारण कर भारत के विभिन्न राज्यो के पारंपरिक व्यंजन की प्रदर्शनी लगाई एवं भाईचारे के साथ प्रतियोगिता में अपनी सहभागिता दी।


प्राध्यापक शिक्षा विभाग डॉ. शैलजा पवार ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा भारतीय संस्कृति की भव्यता, आस्था और प्राचीनता को आधुनिक तकनीक के साथ जोडकर प्रदर्शित करना है, इस कार्यक्रम का लक्ष्य दीपोत्सव जैसे उत्सवों के माध्यम से देश की सांस्कृतिक विरासत को विश्व मंच पर प्रस्तुत करना और उत्सव की भावना को बढ़ावा देना।

इस अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा बनाये गये विविध प्रान्तो छत्तीसगढ़, पंजाब, मध्य प्रदेश, दक्षिण भारत, पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश, गुजरात के स्वादिष्ट व्यंजन जैसे छत्तीसगढ़ का दूधफरा, चौसेला, अइरसा रोटी, कटवा, शक्कर पारा, फरा, खुरमी, बरा, चीला, गुलगुल भजिया, सोहारी , कुसली, ठेठरी । पश्चिम बंगाल के व्यंजन खिचडी, पंचरतन सब्जी, बेगुन भाजा, खजूर चटनी, बेगुनी, पायश, मिस्ठी दोई, आलू पोस्तो, लूची आदि गुजराती व्यंजन खमण ढोकला, खांडवी, मोहनथाल, पंजाबी व्यंजन आलू पराठा, कढ़ी चावंल, आटे का हलवा, छोले भटूरे, कुलचा, गोभी पराठा,रायता, मध्य प्रदेश के व्यंजन गुजिया, इंदौरी पोहा, रतलामी सेव, पोहाजलेबी, चिवडा मिक्चर दक्षिण भारतीय व्यंजन इडली, डोसा, फूल पुरनालू, सांभर वड़ा, मैसूर वोंड़ा, पूलियोगिरी राइस की खुश्बू से शिक्षा विभाग महक उठा। आपसी सहयोग और उत्साह से सराबोर यह आयोजन केवल एक उत्साह नही बल्कि संस्कृति व परंम्परा को जानने का एक अवसर है। भारतीय संस्कृति परंपरा और व्यजनों की पारंपरिक सुगंध और स्वाद का कोई मुकाबला नही।

श्री शंकराचार्य शैक्षणिक परिसर हुडकों के निर्देशक डॉ. दीपक शर्मा ने कहा स्वदेशी को अपनाना केवल परंपरा नहीं बल्कि आत्मनिरीक्षण और नैतिक विकास को प्रोत्साहित करना है। इस तरह के कार्यक्रम से विद्यार्थियों में अपनी संस्कृति, परंपरा को समझने का अवसर मिलता है। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा दीपावली का पर्व संस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देता है। और उसे नई पीढ़ी तक पहुंचाता है यह उत्सव लोगों को एकता के सूत्र में बाधता है और सकारात्मक आशा और नई ऊर्जा के संचार को बढ़ावा देता है।

महाविद्यालय की उपप्राचार्य डॉ. अज़रा हुसैन ने कहा कि उत्साह लोगों को एकजुट करता है पारंपरिक प्रथाओं का सम्मान करता है और उन्हें आगे बढाता है। 

कार्यक्रम में निर्णायक के रूप में श्रीमति खुशबू पाठक विभागध्यक्ष मैनेजमेंट डिपार्टमेंट, डॉ. शर्मिला सामल विभागध्यक्ष कॉमर्स उपस्थित थी।

इस कार्यक्रम के परिणाम निम्नलिखित रहे प्रथम स्थान छत्तीसगढ़ी व्यंजन को मिला जिसमें प्रतिभागी नूतन, नवीन, प्रदीप, राहुल, आशीष, तनय, हर्ष साहू ,हर्ष देशमुख, दुष्यंत।

द्वितीय पुरस्कार गुजराती व्यंजन को मिला जिसके प्रतिभागी थे श्रद्धा सहारे, सूप्रिया राउते, जिज्ञासा साहू, चंचल ठाकुर, नीलकमल, सूरज साहू। 

तृतीय पुरस्कार बंगाली व्यंजन को मिला जिसके प्रतिभागी निशासाहा, रश्मि वर्मा, अनुश्री दत्ता, मानसी यदु, रितिका मंडल, नेहा सिंह  थे। दक्षिण भारत व्यंजन को सांत्वना पुरस्कार मिला जिसके प्रतिभागी रश्मि ठाकुर, रोशनी ठाकुर, मनीषा, बी मोहिनिशा , टिकेश्वरी, यामिनी साहू थे।

 कार्यक्रम में विशेष सहयोग श्रद्धा भारद्वाज सहायक प्राध्यापक शिक्षा विभाग ने दिया, इस अवसर पर शिक्षा विभाग के समस्त प्राध्यापकगण उपस्थित थे।