Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

पोकसो एक्ट में 18 साल के अभियुक्त को 20 साल की सजा

  रायपुर   . असल बात news.   न्यायालय ने पास्को एक्ट के अपराध में दोषसिद्ध हो जाने पर लगभग18 साल के अभियुक्त को 20 साल के सश्रम कारावास की स...

Also Read

 रायपुर   .

असल बात news.  

न्यायालय ने पास्को एक्ट के अपराध में दोषसिद्ध हो जाने पर लगभग18 साल के अभियुक्त को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.अपर सत्र न्यायालय द्वितीय फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय पोकसो रायपुर विनय कुमार प्रधान के न्यायालय ने यह सदस्य नहीं है. न्यायालय ने आरोपी के अपराध को गंभीर माना और उसे कड़ी सजा देना उचित माना. आरोपी की उम्र पटना के समय 18 वर्ष से कुछ वर्ष कुछ महीने अधिक रही है और उसे अब अपने अपराध के चलते यह कड़ी सजा भगतनी पड़ेगी.असल बात न्यूज़ के द्वारा युवाओं को ऐसे अपराध से दूर रहने के लिए जागरूक करने का प्रयास कर रहा है,लेकिन यह अपराध कहीं ना कहीं आए दिन घटित हो ही रहा है. हम यहां युवाओं से फिर से अपील करते हैं कि वे ऐसे अपराधों को समझने की कोशिश करें और इससे दूर रहें.

प्रकरण में कोई स्वीकृत तथ्य नहीं है. घटना आरक्षी केंद्र गुढ़ियारी रायपुर की है जिसमें 13 जून 2023 को प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज कराई गई. प्रकरण में न्यायालय का निर्णय यहां 2 वर्ष कुछ महीने के भीतर आ गया है. अभियोजन पक्ष के अनुसार घटना के तहत इस प्रकार है कि पीड़िता जोकि 14 वर्ष से कम आयु की स्त्री है को आरोपी अपने साथ भिलाई में एक कॉलोनी में ले जाने के लिए विवश कर उसका व्यपहरण किया और यह संभाव्य जानते हुए कि वह आयुक्त संभोग के लिए विवश की जाएगी लगभग 15 दिनों की अवधि के दौरान उसके साथ एक से अधिक बार जबरदस्ती शारीरिक संभोग कर गुरुत्तर लैंगिक हमला कारित किया गया. पीड़िता वहां अपनी मौसी के साथ समीप ही काम करने गई थी तथा बाथरूम जाकर जा रही हूँ कह कर गई और वापस नहीं आई.बहुत पूछताछ करने पर भी उसका पता नहीं चलने पर पीड़िता की मां के द्वारा उसके गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई.

 न्यायालय के द्वारा स्कूल के दाखिला खारिज के आधार पर पीड़िता की उम्र निर्धारित की गई. आरोपी की ओर से बचाव पत्र के वकील ने दंड के प्रश्न पर आरोपी का यह पहला अपराध होने तथा उसकी उम्र कम होने के आधार पर उसे कम से कम सजा देने का आग्रह किया.न्यायालय ने आरोपी को कठोर सजा देना उचित माना.

न्यायालय ने आरोपी को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(ठ)/6 के अपराध में 20 वर्ष, भारतीय जनता की धारा 373 के अपराध में 3 वर्ष और धारा 366 के अपराध में 10 वर्ष के सश्रम करावास की सजा सुनाई है, यह सभी सजाएं एक साथ चलेगी.



अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोग अभियोजक श्रीमती विमला टांडी ने पैरवी की.