रायपुर . असल बात news. ऐसा लग रहा था कि राज्य सरकार की सामूहिक रूप से सेवा समाप्ति की कार्रवाई के बाद एनएचएम कर्मचारी दबाव में आ जाएंगे...
रायपुर .
असल बात news.
ऐसा लग रहा था कि राज्य सरकार की सामूहिक रूप से सेवा समाप्ति की कार्रवाई के बाद एनएचएम कर्मचारी दबाव में आ जाएंगे, लेकिन आज एनएचएम कर्मचारियों ने अलग-अलग रुख बदल लिया है. एनएचएम कर्मचारियों ने प्रदेश भर में राज्य सरकार के विरोध में सामूहिक इस्तीफा देना शुरू कर दिया है. NHM कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों की सेवा समाप्त कर दिए जाने के बाद आंदोलनरत कर्मचारियों मैं और गुस्सा प्रकट किया है. प्रदेशभर में आज एनएचएम कर्मचारियों ने अपने-अपने जिले के स्वास्थ्य अधिकारी को सामूहिक इस्तीफा सौंपा है. जानकारी के अनुसार बस्तर जिले में 887, कांकेर में 655, बलौदाबाजार जिले में 421 एनएचएम कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफा दिया है.
बता दें कि नोटिस के बाद भी काम पर नहीं लौटने पर सरकार ने 35 एनएचएम अधिकारी-कर्मचारियों की सेवा समाप्ति कर दी है. इसके चलते अब आक्रोश बढ़ गया है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय रायपुर में रायपुर जिले के NHM अधिकारी-कर्मचारी इस्तीफा देने पहुंचे हैं. CMHO कार्यालय के सामने प्रदर्शन जारी है
नियमितीकरण समेत 10 सूत्री मांगो को लेकर NHM कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है. बलौदाबाजार जिले में 421 एनएचएम कर्मचारियों ने अपना इस्तीफा सीएमएचओ को सौंप दिया है. वहीं कांकेर में 655 स्वास्थ्यकर्मियों ने अपना सामूहिक इस्तीफा जिला स्वास्थ्य अधिकारी को सौंपा है.
बस्तर जिले में 887 एनएचएम कर्मचारियों ने दिया सामूहिक इस्तीफा
बस्तर जिले के 887 एनएचएम कर्मचारियों ने सीएमएचओ प्रभारी को अपना इस्तीफा देकर शासन के खिलाफ मोर्चा और मजबूत कर दिया है. जिला अध्यक्ष शकुंतला का कहना है कि शासन ने हमारे कई कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. एनएचएम कर्मचारियों ने कई बार बातचीत की कोशिश की थी, लेकिन जब शासन की ओर से कोई पहल नहीं हुई. जब शासन ने हमारे 10 कर्मचारियों की बर्खास्ती की तो पूरे प्रदेश के 33 जिलों में सामूहिक इस्तीफा देने का फैसला लिया गया. इस्तीफा देने के बावजूद एनएचएम कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे रहेंगे. इस हड़ताल से स्वास्थ्य केंद्र और उप स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाएं पूरी तरह प्रभावित हो गई हैं. वहीं सीएमएचओ प्रभारी बीके ठाकुर ने कहा कि सभी इस्तीफे शासन को भेजे जाएंगे और आगे का निर्णय शासन स्तर पर लिया जाएगा.