छत्तीसगढ़ . असल बात news. 0 विशेष संवाददाता 0 अशोक त्रिपाठी नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण स...
छत्तीसगढ़ .
असल बात news.
0 विशेष संवाददाता
0 अशोक त्रिपाठी
नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह तय हो गया है तो राजनीतिक गालियारे में अब चारों तरफ सिर्फ यही चर्चा चल रही है कि मंत्रिमंडल में आखिर किसे -किसे शामिल किया जा रहा है. मंत्रिमंडल में मंत्री बनाना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है मंत्रिमंडल में कौन रहेगा और कौन नहीं रहेगा अंततः वही तय करते हैं. लेकिन राजनीतिक विश्लेषक फिर भी अपने तरीके से कयास लगा रहे हैं. मीडिया के लोगों ने इस बारे में मुख्यमंत्री श्री साय से बातचीत की है तो उन्होंने हंसते हुए यही कहा है कि धैर्य रखें धीरे-धीरे सब सामने आ जाएगा. लेकिन काफी कुछ स्पष्ट लग रहा है कि जिन नाम को लेकर चर्चाएं होती रही हैं वही मंत्री बनने जा रहे हैं. भाजपा संसदीय दल की ओर से, अपने सभी विधायकों को शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित रहने को कहा गया है. इस तरह से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किसी को भी स्पष्ट नहीं कहा गया है कि कौन मंत्री बनने जा रहा है. लेकिन अंदरखाने से जो खबर है उसके अनुसार जो नाम पहले से आ रहे हैं विधायक सर्वश्री गजेंद्र यादव, खुशवंत साहिब और राजेश अग्रवाल ही मंत्री बनने जा रहे हैं. यह दावा किया जा रहा है कि नए लोगों को मंत्री बनाए जाने की खबरों से वरिष्ठ सदस्यों में जो नाराजगी आ रही है उसे दूर कर लिया गया है.
कई महीनो की माथामच्ची के बाद छत्तीसगढ़ को कल नए मंत्री मिल जाएंगे. अब छत्तीसगढ़ राज्य में में कुल 14 मंत्री होने जा रहे हैं. मंत्रिमंडल में नए चेहरे कौन-कौन से होंगे....? क्या किसी पुराने चेहरे को हटाया भी जा सकता है....? और जो पहले मंत्री रह चुके हैं क्या उनमें से भी किसी को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है...? ऐसे सवालों के बारे में कहीं से अधिकृत तौर पर तो कोई सूचना नहीं दी गई है... लेकिन अंदरखाने से जिस तरह से खबरें आ रही हैं, उसके अनुसार सब कुछ तय हो गया है.. पुराने चेहरों, जो पहले मंत्री रहे चुके हैं उनमें से किसी को भी अभी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने जा रही है.तीन नए मंत्री बनाए जाएंगे... और जो स्थिति दिख रही है दुर्ग जिले को एक मंत्री मिलने जा रहा है. रायपुर जिले को भी एक मंत्री मिलेगा. वही अंबिकापुर संभाग से भी मंत्री बनाया जाना तय हो गया है. इस तरह से क्षेत्रीय समीकरण को भी साधने की कोशिश की गई है तो वही जातिय समीकरण का भी ध्यान रखा जा रहा है. सामान्य पिछड़ा और एससी वर्ग से मंत्री बनाया जाना तय हो गया है.
दुर्ग जिले से खबर आ रही हैं कि यहां गजेंद्र यादव खेमा मंत्रीमण्डल मैं जगह मिलने के लिए पूरी तरह से आश्वास्त है. विधायक गजेंद्र यादव के निवास के आसपास कार्यकर्ताओं की भीड़ पहुंच रही है. लोग उनसे मुलाकात कर उन्हें अग्रिम बधाइयां देने लगे हैं. इसी तरह से विधायक खुशवंत साहिब को भी बधाइयां देने का सिलसिला शुरू हो गया है. दुर्ग. रायपुर सभी जगह खुशियां ही खुशियां देखने को मिल रही है.. यह तो तय माना जा रहा है कि गजेंद्र यादव मंत्री बनते हैं तो इसके पीछे आरएसएस का बहुत बड़ा योगदान माना जाएगा .
हम यहां नए चेहरों के मंत्री बनने की बात कर रहे हैं तो यह भी देख लीजिए कि कौन-कौन वरिष्ठ विधायक मंत्री नहीं बन पाया है..
पुन्नूलाल मोहिले, मुंगेली विधायक, एससी ( बिलासपुर संभाग )
पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक 6 बार के विधायक पुन्नूलाल मोहिले अविभाजित मध्यप्रदेश में पहली बार 1985 में विधानसभा पहुंचे थे. रमन सरकार में 2008 से 2018 तक लगातार 10 साल मंत्री रहे.
अमर अग्रवाल, बिलासपुर विधायक, सामान्य वैश्य समाज ( बिलासपुर संभाग)
5 बार के विधायक अमर अग्रवाल 1998 में अविभाजित मध्यप्रदेश में पहली बार विधानसभा पहुंचे थे. रमन सरकार में 2003 से 2018 तक लगातार 15 साल तक मंत्री रहे.
अजय चंद्राकर, कुरूद विधायक, ओबीसी ( रायपुर संभाग)
5 बार के विधायक अजय चंद्राकर भी 1998 में अविभाजित मध्यप्रदेश में पहली बार विधानसभा पहुंचे थे. रमन सरकार में 2003 से 2008 और 2013 से 2018 तक 10 साल मंत्री रहे. उन्होंने पंचायत, उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य, संस्कृति एवं पर्यटन के साथ संसदीय कार्य मंत्री की बड़ी जिम्मेदारी संभाली थी.
राजेश मूणत, रायपुर पश्चिम विधायक, अल्पसंख्यक, ( रायपुर संभाग)
4 बार के विधायक राजेश मूणत पहली बार 2003 में विधायक बने थे. रमन सरकार में 2003 से 2018 तक लगातार 15 वर्षों तक मंत्री रहे. उन्होंने लोक निर्माण, उच्च शिक्षा, आवास एवं पर्यावरण, परिवहन, नगरीय-प्रशासन जैसे विभागों की जिम्मेदारी संभाली थी.
लता उसेंडी, कोंडागांव विधायक, एसटी ( बस्तर संभाग)
3 बार की विधायक लता उसेंडी भी 2003 में पहली बार विधायक बनीं थीं. रमन सरकार में 2003 से 2013 तक 10 साल मंत्री रहीं हैं.
विक्रम उसेंडी, अंतागढ़ विधायक, एसटी ( बस्तर संभाग)
4 बार के विधायक विक्रम उसेंडी अविभाजित मध्यप्रदेश में 1993 में पहली बार विधानसभा पहुंचे के बाद रमन सरकार में 2003 से 2008 तक मंत्री रहे. उन्होंने वन, स्कूल शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, सूचना प्रद्योगिकी जैसे मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली थी. सांसद और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रहे.
धरम लाल कौशिक, बिल्हा विधायक, ओबीसी
4 बार के विधायक धरम लाल कौशिक अविभाजित मध्यप्रदेश में 1998 में पहली बार विधानसभा पहुंचे थे.
साय सरकार का वर्तमान मंत्रिमंडल और संभागवार स्थिति
सरगुजा संभाग( 14 भाजपा विधायक)
वर्तमान में 4 मंत्री
विष्णुदेव साय, मुख्यमंत्री विधायक कुनकुरी (एसटी)
रामविचार नेताम, कृषि मंत्री
विधायक रामानुजगंज (एसटी)
श्यामबिहारी जायसवाल, स्वास्थ्य मंत्री
विधायक मनेन्द्रगढ़ (ओबीसी)
लक्ष्मी राजवाड़े, महिला एवं बाल विकास मंत्री
विधायक सूरजपुर (ओबीसी)
बिलासपुर संभाग ( 8 भाजपा विधायक)
वर्तमान में 3 मंत्री
अरुण साव, उपमुख्यमंत्री
विधयाक लोरमी(ओबीसी)
लखन देवांगन, उद्योग मंत्री
विधायक कोरबा(ओबीसी)
ओपी चौधरी, वित्त मंत्री
विधायक रायगढ़ ( ओबीसी)
दुर्ग संभाग ( 9 भाजपा विधायक)
वर्तमान में 2 मंत्री
विजय शर्मा, उपमुख्यमंत्री
विधायक कवर्धा( सामान्य)
दयालदास बघेल, खाद्य मंत्री
विधायक नवागढ़ ( एससी)
रायपुर संभाग ( 12 भाजपा विधायक
वर्तमान में 1 मंत्री
टंकराम वर्मा, राजस्व मंत्री
विधायक बलौदाबाजार(ओबीसी)
बस्तर संभाग ( 8 भाजपा विधायक )
वर्तमान में मंत्री 1
केदार कश्यप, वन मंत्री
विधायक नारायणपुर (एसटी)