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स्वरूपानंद कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने स्वदेशी जागरण के तहत “छाछ पिएं, स्वस्थ रहें” – स्वदेशी अपनाओ अभियान का किया आयोजन

  भिलाई. असल बात news. स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको, भिलाई के सूक्ष्मजीवविज्ञान विभाग द्वारा माइक्रोबायोलॉजिस्ट सोसाइटी...

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भिलाई.

असल बात news.

स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको, भिलाई के सूक्ष्मजीवविज्ञान विभाग द्वारा माइक्रोबायोलॉजिस्ट सोसाइटी, भारत के सहयोग से “छाछ पिएं, स्वस्थ रहें” शीर्षक से जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ शासन के उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत मनाया गया, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों और प्राध्यापकों में पारंपरिक भारतीय पेयों को अपनाने की प्रेरणा देना तथा आत्मनिर्भर भारत की भावना को सशक्त करना था।

अभियान का संदेश था कि विदेशी पैकेज्ड और कार्बोनेटेड पेयों की जगह भारतीय पारंपरिक पेय छाछ का सेवन किया जाए। छाछ न केवल पाचन के लिए लाभकारी है, बल्कि इसमें मौजूद प्रोबायोटिक सूक्ष्मजीव आंतों के स्वास्थ्य को भी सुदृढ़ बनाते हैं। भारतीय परंपरा में छाछ को ऊर्जा, ताजगी और स्वास्थ्य का प्रतीक माना गया है। कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. शमा ए. बेग, विभागाध्यक्ष सूक्ष्मजीवविज्ञान ने कहा कि यह पहल विद्यार्थियों में भारतीय पारंपरिक आहार पद्धतियों को अपनाने और स्वस्थ जीवनशैली विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।इस पहल के माध्यम से युवाओं को यह संदेश दिया गया कि अपने खान-पान में स्वदेशी पेयों को शामिल करना ही वास्तविक आत्मनिर्भरता और स्वस्थ जीवन की ओर कदम है।

महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. हंसा शुक्ला ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे अभियान छात्रों एवं शिक्षकों के आत्मविश्वास और शोध क्षमता को नई ऊँचाइयों तक ले जाएंगे तथा स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाएंगे। ,श्री शंकराचार्य शिक्षण परिसर हुडको के निदेशक डॉ. दीपक शर्मा एवं डॉ. मोनिषा शर्मा ने प्रतिभागियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ देते हुए इसे संस्थान के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताया। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में इस प्रकार के कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाने चाहिए ताकि छात्र-छात्राओं में स्वदेशी परंपराओं और स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली के प्रति और अधिक जागरूकता फैले।

कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष रूप से सहायक प्राध्यापक योगिता लोखंडे एवं सहायक प्राध्यापक सुरभि श्रीवास्तव का योगदान सराहनीय रहा।