Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


यूपी के ईंट भट्ठे में छत्तीसगढ़ के मजदूरों को बंधक बनाने का आरोप, पति की रिहाई के लिए पत्नी ने कलेक्टर से लगाई गुहार

  जांजगीर-चांपा। उत्तरप्रदेश के एक ईंट भट्ठी में छत्तीसगढ़ से काम करने गए 15-20 मजदूरों को बंधन बनाकर रखने के आरोप लगे हैं. छत्तीसगढ़ के जा...

Also Read

 जांजगीर-चांपा। उत्तरप्रदेश के एक ईंट भट्ठी में छत्तीसगढ़ से काम करने गए 15-20 मजदूरों को बंधन बनाकर रखने के आरोप लगे हैं. छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में एक महिला ने अपने पति को ईंट भट्टा मालिक द्वारा बंधक बनाए जाने की शिकायत की है. पीड़िता ने जिला कलेक्टर को आवेदन देकर पति को वहां से छुड़वाने की गुहार लगाई है. साथ ही वहां प्रदेश से कमाने गए 15-20 लोगों को भी बंधक बनाने का आरोप लगाया गया है.



क्या है मामला?

जानकारी के मुताबिक, पामगढ़ थाना के ग्राम मेकेरी निवासी प्रमा सूर्यवंशी ने पुलिस को बताया कि उसका पति राजेश कुमार सूर्यवंशी रोज़ी-रोटी के लिए उत्तरप्रदेश के जालौन जिले के एक ईंट भट्टे पर काम करने गया था. वहां ईंट भट्टा मालिक अमित सिंह गोंड (मोबाइल नंबर 9721520520) ने राजेश और उसके साथ गए अन्य मजदूरों को जबरन बंधक बना लिया है.



आवेदिका ने बताया कि मालिक मजदूरों से जबरन मारपीट करवा रहा है और उन्हें भट्टे से बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा है. राजेश ने फोन पर जानकारी दी कि लगभग 15–20 अन्य मजदूर भी उसी जगह बंधक बनाए गए हैं और उन्हें भी बुरी तरह प्रताड़ित किया जा रहा है.


मजदूरों की जान को खतरा


पत्र में आरोप लगाया गया कि बंधक बनाए गए मजदूरों की स्थिति बेहद खराब है और किसी भी समय उनकी जान को खतरा हो सकता है. मजदूरों को उचित भोजन, दवा और आराम नहीं मिल पा रहा है.


प्रशासन से मदद की गुहार


आवेदिका ने जिला कलेक्टर से निवेदन किया है कि उसके पति और अन्य मजदूरों को तत्काल मुक्त कराया जाए. उसका कहना है कि पति की कमाई से ही बच्चों की पढ़ाई, दवा और परिवार का खर्च चलता है. यदि उन्हें सुरक्षित नहीं निकाला गया तो पूरे परिवार का जीवन संकट में पड़ जाएगा.


किन-किन को भेजा गया है आवेदन?


इस मामले की प्रतिलिपि उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, पुलिस अधीक्षक जांजगीर-चांपा और श्रम अधिकारी को भी भेजी गई है. आवेदन 25 सितंबर 2025 को कलेक्टर कार्यालय में प्रस्तुत किया गया, जिस पर कलेक्टर कार्यालय की मुहर और प्राप्ति दर्ज की गई है.