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स्वरूपानंद महाविद्यालय द्वारा आयोजित अटल एफडीपी में प्रख्यात वक्ता प्रो. राकेश सिंह एवं डॉ. रंजना का व्याख्यान

  भिलाई . असल बात news.  स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको, भिलाई में कंप्यूटर साइंस विभाग द्वारा ए.आई.सी.टी.ई. द्वारा प्राय...

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 भिलाई .

असल बात news. 

स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको, भिलाई में कंप्यूटर साइंस विभाग द्वारा ए.आई.सी.टी.ई. द्वारा प्रायोजित–अटल फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (FDP) का आयोजन किया गया।प्रथम दिवस के वक्ता“ प्रो. राकेश सिंह, वरिष्ठ प्राध्यापक, कृषि अर्थशास्त्र विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी ने “जैविक उत्पादों के लिए कुशल आपूर्ति श्रृंखला"  का विकास विषय पर व्याख्यान दिया।

पहले सत्र में प्रो. सिंह ने भारतीय कृषि और खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में प्रौद्योगिकी, नवाचार एवं नीतियों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत ने खाद्यान्न उत्पादन में ऐतिहासिक प्रगति की है और अब समय है कि हम ऑर्गेनिक उत्पादों के लिए कुशल आपूर्ति श्रृंखला विकसित करें ताकि किसानों को उचित मूल्य और उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण एवं सुरक्षित उत्पाद मिल सकें। उन्होंने बताया कि भारत आज विश्व में ऑर्गेनिक उत्पादकों की संख्या में प्रथम स्थान तथा ऑर्गेनिक कृषि क्षेत्रफल में द्वितीय स्थान पर है। हाल के वर्षों में ऑर्गेनिक उत्पादों का निर्यात भी उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है। प्रो. सिंह ने इस क्षेत्र में सतत उत्पादन पद्धति, गुणवत्ता आश्वासन, सर्टिफिकेशन, ब्रांडिंग और डिजिटल ट्रेसबिलिटी को भविष्य के लिए महत्वपूर्ण बताया।

दूसरे तकनीकी सत्र की वक्ता डॉ. रंजना, निदेशक, जी.एस.ए.आर.टी.आई., गुनगुन सीड्स एंड एग्रोकेमिकल्स, एस.एस. एग्रो जेनेटिक्स एंड फर्टिलाइजर्स प्रा. लि., तथा ब्यूरो चीफ़, कॉन्फिडेंट न्यूज़, आगरा (उ.प्र.) रहीं।

उन्होंने ‘‘विपणन चुनौतियाँ, वित्त प्रबंधन’ विषय पर अत्यंत सारगर्भित एवं व्यावहारिक व्याख्यान प्रस्तुत किया। डॉ. रंजना ने कृषि–उद्योग में वित्त प्रबंधन, विपणन की जटिलताओं, ब्रांडिंग एवं आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन की चुनौतियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उनका व्याख्यान प्रतिभागियों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक रहा तथा व्यवसायिक दृष्टिकोण और उद्यमिता के नए आयामों से सभी को परिचित कराया।

प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा कि “ऐसे राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम शिक्षकों और शोधार्थियों को नवीनतम तकनीकों से जोड़ते हैं तथा उन्हें वैश्विक परिप्रेक्ष्य में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।”

सह-समन्वयक श्रीमती रुपाली खर्चे , विभागाध्यक्ष, कंप्यूटर विज्ञान ने सत्र का संचालन करते हुए विशेषज्ञों  का स्वागत किया। उन्होंने प्रतिभागियों को सत्र की रूपरेखा से अवगत कराया और कार्यक्रम को गरिमामय ढंग से आगे बढ़ाया।

कार्यक्रम समन्वयक डॉ. शमा अफ़रोज़ बेग ने सत्र का संचालन करते हुए आमंत्रित  विशेषज्ञों का स्वागत एवं परिचय कराया तथा उन्हें व्याख्यान हेतु आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि “इस एफ.डी.पी. का उद्देश्य प्रतिभागियों को विशेषज्ञों के अनुभव एवं ज्ञान से जोड़ना है ताकि वे तकनीकी नवाचारों का व्यवहारिक दृष्टिकोण प्राप्त कर सकें।” उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में देशभर से पंजीकृत 106 प्रतिभागियों ने सहभागिता की। 

श्री शंकराचार्य शिक्षण संस्था हुडको के निदेशक डा. मोनिषा शर्मा एवं डा. दीपक शर्मा ने कहा कि “महाविद्यालय सदैव नवाचार, शोध और उच्च शिक्षा की दिशा में अग्रसर रहा है। ए.आई.सी.टी.ई.–एटल एफ.डी.पी. जैसे कार्यक्रम हमारी शैक्षणिक दृष्टि और उत्कृष्टता को सुदृढ़ करते हैं।”

अंत में सुश्री योगिता लोखंडे, सहायक प्राध्यापक, सूक्ष्मजीवविज्ञान विभाग ने दोनों आमंत्रित  विशेषज्ञों के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि “आपके अनुभव और मार्गदर्शन ने प्रतिभागियों के ज्ञान में अभिवृद्धि की है तथा उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार किया है।” विषय पर आपके मार्गदर्शन ने  हमारी समझ को गहरा किया है। विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों और शंकाओं का धैर्यपूर्वक समाधान किया तथा व्यावहारिक उदाहरणों के माध्यम से सभी की जिज्ञासाओं का संतोषजनक उत्तर दिया।

कार्यक्रम का संचालन एफ.डी.पी. टीम श्री शांतुनु बनर्जी, श्री जमुना प्रसाद, श्रीमती श्रीलता नायर, सुश्री संतोषी चक्रवर्ती, श्रीमती मोनिका मेश्राम, सुश्री सीमा राठौड़, सुश्री निकिता देवांगन, सुश्री सुरभि श्रीवास्तव  द्वारा किया गया और देश के विभिन्न भागों से जुड़े प्रतिभागियों ने सत्र को सफल बनाया।