जगदलपुर. छत्तीसगढ़ के बस्तर विधानसभा क्षेत्र में पेयजल संकट को लेकर सियासत गरमा गई है. क्षेत्र के करीब 50 गांव पानी की किल्लत से जूझ रहे ह...
जगदलपुर. छत्तीसगढ़ के बस्तर विधानसभा क्षेत्र में पेयजल संकट को लेकर सियासत गरमा गई है. क्षेत्र के करीब 50 गांव पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं. इस समस्या को लेकर स्थानीय विधायक लखेश्वर बघेल ने आज से भूख हड़ताल पर बैठने का ऐलान किया था. लेकिन हैरानी की बात है कि प्रशासन ने न तो उन्हें भूख हड़ताल की अनुमति दी और न ही धरना देने के लिए कोई जगह मुहैया कराई.
दफ्तर के सामने विधायक ने दिया धरना
प्रशासन के इस रवैये से नाराज विधायक बघेल बुधवार को अपने समर्थकों और कांग्रेस पदाधिकारियों के साथ सीधे पीएचई विभाग के दफ्तर पहुंच गए और कार्यालय का घेराव कर दिया. बघेल ने दफ्तर के सामने ही धरने पर बैठ गए और विभाग के साथ-साथ प्रशासन के प्रति नाराज़गी जताई. विधायक लखेश्वर बघेल का कहना है कि वर्षों से बस्तर विधानसभा के कई इलाकों में पेयजल संकट बना हुआ है, और इसके समाधान के लिए बार-बार आवाज़ उठाई गई, लेकिन पीएचपी विभाग नल-जल योजना को जमीनी स्तर पर लागू करने में नाकाम रहा है.
विधायक ने एक महीने का दिया अल्टीमेटम
काफी देर तक चले इस विरोध प्रदर्शन के दौरान कार्यालय परिसर में हलचल बनी रही. आखिर में पेयजल संकट दूर करने के लिए पीएचई विभाग ने बारिश के बाद मांग पूरी करने आश्वासन दिया. इसके बाद विधायक बघेल ने एक महीने के अंदर कार्य करने का अल्टीमेटम देकर धरना समाप्त किया. उन्होंने कहा कि एक महीने में अगर मांग पूरी नहीं हुई तो वे दोबारा घेराव करेंगे. हालांकि इस पूरे मामले में पीएचई विभाग के अधिकारी कैमरे के सामने कुछ भी कहने से बचते रहे.