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”स्वरुपानंद महाविद्यालय में इंटर्नशिप के अंतर्गत उद्योग व कृषि क्षेत्र का प्रत्यक्ष अनुभव“

भिलाई. असल बात news.   स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको, भिलाई के सूक्ष्मजैविकी विभाग एवं माइक्रोबायोलॉजिस्ट सोसायटी, इंडिय...

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भिलाई.

असल बात news.  

स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको, भिलाई के सूक्ष्मजैविकी विभाग एवं माइक्रोबायोलॉजिस्ट सोसायटी, इंडिया के सहयोग से आयोजित एक माह की इंटर्नशिप “बेसिक माइक्रोबियल तकनीकें” विषय के अंतर्गत विद्यार्थियों को सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक ज्ञान से समृद्ध करने हेतु दो महत्वपूर्ण शैक्षणिक औद्योगिक भ्रमण आयोजित किए गए।

विद्यार्थियों ने बिसलेरी वाटर प्लांट, थनौद का भ्रमण किया, जहाँ उन्हें पेयजल प्रसंस्करण, गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली, सूक्ष्मजैविक परीक्षण विधियाँ एवं उद्योग में प्रयोगशाला प्रक्रियाओं की प्रत्यक्ष जानकारी दी गई। उन्होंने विपरीत परासरण प्रक्रिया, पराबैंगनी (यूवी) विकिरण ट्रीटमेंट, माइक्रोबियल लोड टेस्टिंग, बोतलिंग एवं पैकेजिंग के प्रत्येक चरण को विस्तार से समझा।  

दूसरे भ्रमण में विद्यार्थियों को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ,रायपुर, छत्तीसगढ़ के सूक्ष्मजैविकी विभाग, बायोफर्टिलाइजर यूनिट, एवं मशरूम उत्पादन केंद्र का शैक्षणिक भ्रमण कराया गया। इस भ्रमण का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में सूक्ष्मजीवों की भूमिका, बायोफर्टिलाइजर निर्माण प्रक्रिया, एवं मशरूम उत्पादन तकनीकों से छात्रों को अवगत कराना था।

विद्यार्थियों को एजोटोबैक्टर, राइजोबियम, फॉस्फेट सॉल्यूबलाइजिंग बैक्टीरिया जैसे लाभकारी सूक्ष्मजीवों की उत्पत्ति, उनके संवर्धन, पैकेजिंग और गुणवत्ता नियंत्रण की प्रक्रियाएँ प्रत्यक्ष रूप से समझाई गईं। साथ ही मशरूम उत्पादन की वैज्ञानिक विधियों जैसे स्पॉन प्रिपरेशन, कंपोस्टिंग, रोग नियंत्रण आदि को भी विस्तारपूर्वक बताया गया।

इस भ्रमण हेतु डॉ. तपस चौधरी, विभागाध्यक्ष, सूक्ष्मजैविकी, का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ। डॉ. रविंद्र सोनी एवं डॉ. ए. के. सिंह ने विद्यार्थियों को विषयवस्तु अत्यंत सरल एवं प्रभावशाली रूप में समझाई।

कार्यक्रम समन्वयक एवं विभागाध्यक्ष  डॉ. शमा अफरोज बेग ने बताया कि ऐसे शैक्षणिक भ्रमण  विद्यार्थियों को वास्तविक जीवन की परिस्थितियों से जोड़ती हैं और उनके व्यावसायिक कौशल को विकसित करती हैं” जिससे उनके कौशल और करियर की दिशा को मजबूती मिलती है।” उन्होंने इसे इंटर्नशिप का एक महत्वपूर्ण व्यावहारिक घटक बताया।

डॉ. दीपक शर्मा एवं डॉ. मोनिषा शर्मा, निदेशक, श्री शंकराचार्य एजुकेशनल कैंपस, हुडको ने कहा शैक्षणिक भ्रमण विद्यार्थियों को उद्योग एवं अनुसंधान से जोड़ने का सशक्त माध्यम हैं, जो उन्हें प्रयोगात्मक दक्षता प्रदान करते हैं।” इस आयोजन को सफल बनाने में डॉ. दीपक शर्मा एवं डॉ. मोनिषा शर्मा, निदेशक, श्री शंकराचार्य एजुकेशनल कैंपस, हुडको का विशेष मार्गदर्शन और समर्थन प्राप्त हुआ। उन्होंने इस प्रकार के अनुभवात्मक शिक्षण कार्यक्रमों को अत्यंत उपयोगी बताया और विभाग के पहल की प्रशंसा की।

प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा “ऐसे व्यावहारिक अनुभव न केवल विद्यार्थियों के ज्ञान में वृद्धि करते हैं, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास, वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं शोध के प्रति प्रेरित भी करते हैं।” 

इस भ्रमण में जेपी जिंदल कॉलेज, डी.वाई. पाटिल कॉलेज एवं रुगंटा कॉलेज के विद्यार्थियों ने सहभागिता दी, जिससे यह एक बहु-संस्थानिक सहभागितापूर्ण अनुभव बन गया।

इन दोनों शैक्षणिक भ्रमण के प्रभावशाली संचालन हेतु विभाग सुश्री योगिता लोखंडे एवं सुश्री निकिता देवांगन के योगदान को भी सराहता है, जिन्होंने विद्यार्थियों के साथ समन्वय एवं सहयोग प्रदान किया।