Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


मछली पालन से कुलेश्वरी बनी आत्मनिर्भर ग्रामीण आजीविका मिशन बनी जीविका का साधन

  रायपुर, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) योजना ग्रामीण महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का सशक्त माध्यम बन रही है। इस योजना के तह...

Also Read

 रायपुर, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) योजना ग्रामीण महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का सशक्त माध्यम बन रही है। इस योजना के तहत स्व-सहायता समूहों को ऋण उपलब्ध कराकर उन्हें आजीविका आधारित गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है, जिससे गांव की महिलाएं तेजी से स्वावलंबन की ओर अग्रसर हो रही हैं। मुंगेली विकासखंड के ग्राम भालापुर की कुलेश्वरी साहू ने भी एनआरएलएम योजना की मदद से आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया है। पहले वे पारंपरिक खेती-किसानी और मजदूरी के करती थीं, यही उनकी परिवार के जीवन-यापन का साधन था। सीमित आय के चलते परिवार को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।

मां शीतला स्व-सहायता समूह से जुड़कर तीन लाख रुपये का ऋण प्राप्त किया और अपने निजी डबरी में मछली पालन का कार्य प्रारंभ किया। मात्र एक वर्ष के भीतर कुलेश्वरी ने छह लाख रुपये मूल्य की मछली का विक्रय कर तीन लाख रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया। कुलेश्वरी साहू ने शासन-प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि एनआरएलएम योजना ने उनकी आर्थिक दशा ही नहीं, उनके जीवन और परिवार की दशा भी बदल दी है। उन्होंने बताया कि भविष्य में वह मछली पालन के साथ-साथ अन्य आजीविका गतिविधियों को भी अपनाकर अपनी आय को और बढ़ाने की योजना बना रही हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) योजना से न केवल महिलाओं को आर्थिक संबल मिल रहा है, बल्कि गांवों में स्वरोजगार एवं आजीविका संवर्धन के अवसर भी सृजित हो रहे हैं। यह योजना ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भरता एवं सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर प्रदान कर रही है।