रायपुर . असल बात news. मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी कोंडागांव के विरुद्ध अनियमितताओं,जांच और उस पर कार्रवाई का मुद्दा विधानसभा में आज जोरशोर...
रायपुर .
असल बात news.
मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी कोंडागांव के विरुद्ध अनियमितताओं,जांच और उस पर कार्रवाई का मुद्दा विधानसभा में आज जोरशोर से उछला. सदस्य सुश्री लता उसेंडी ने सदन में प्रश्नउत्तर काल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए पूछा कि इस प्रकरण में अनियमितताये पाई गई है तो क्या कार्रवाई की गई है.उन्होंने, विभागीय मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर वहीं गर्मा-गर्म वातावरण में भावुक होकर कह दिया कि लोकल जनप्रतिनिधियों की भावनाओं का आपको ध्यान नहीं है विभाग के अधिकारी आपके लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है.इस पर विभागीय मंत्री श्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा कि हमारे लिए कोई भी महत्वपूर्ण नहीं है छत्तीसगढ़ में जो भी गड़बड़ होगा करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
सदस्य सुश्री लता उसेंडी ने सदन में प्रश्न उत्तर काल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए सवाल किया कि वर्ष जनवरी 2023 से जून 2025 तक कोंडागांव जिले में कौन-कौन जिला स्वास्थ्य अधिकारी थे और उनके विरुद्ध की गई शिकायतों में कौन-कौन दोषी पाया गया तथा उनके विरुद्ध क्या-क्या कार्रवाई की गई है. उन्होंने इन शिकायतों के बारे में वर्षवर जानकारी चाही. उन्होंने यह प्रश्न भी किया कि 21 मार्च 2025 के अनुसार विधानसभा में दिए गए आश्वासन के आधार पर गठित जाँच समिति में कौन-कौन सदस्य शामिल किए गए थे और उनके द्वारा कब-कब किसके विरुद्ध क्या जांच की गई.? जांच पूर्ण होने पर क्या जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है? जांच में कौन-कौन दोषी पाया गया और उसके बाद क्या-क्या कार्रवाई की गई है.
इस पर जानकारी देते हुए लोक स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि जिला कोंडागांव में जनवरी 2023 से 26 जून 2025 तक डॉक्टर रामकेश्वर सिंह कुशवाहा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के प्रभार में थे तथा 27 जून 2025 से डॉक्टर आरके चतुर्वेदी निरंतर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के प्रभार में हैं. कोंडागांव विधायक सुश्री लता उसेंडी के द्वारा स्वास्थ्य मंत्री को 4 मार्च 2025 को की गई शिकायत एवं विधानसभा बजट सत्र 2025 में उठाए गए प्रश्न के माध्यम से जिला कोंडागांव के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के औषधि चिकित्सकीय उपकरण, कंज्यूमेंबल एवं अन्य सामग्रियों के क्रय के संबंध में प्रश्न पूछा गया था जिसके आश्वासन के परिप्रेक्ष्य में जांच संस्थित की गई. विभागीय मंत्री ने अपने उत्तर में यह भी बताया कि विधानसभा में दिए गए आश्वासन के परिपेक्ष में जान समिति का गठन किया गया है जिसमें वित्त नियंत्रक स्थानीय कार्यालय के एस मरावी अध्यक्ष, प्रभारी उपसंचालक स्थानीय कार्यालय डॉक्टर वी आर भगत सदस्य, डॉ शैलेंद्र अग्रवाल राज्य नोडल अधिकारी, सदस्य ग्रुप में शामिल किए गए थे टीम के द्वारा फील्ड विजिट कर जांच प्रक्रिया की गई इसमें विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है. जांच के आधार पर दोषियों का विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.
सदन में सुश्री लता उसेंडी ने विभागीय मंत्री से सीधे सवाल किया कि जिला स्वास्थ्य प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अभ्यावेदन पर 15मई 2025 को न्यायालय से कोई निर्देश प्राप्त हुआ है क्या? इस पर विभागीय मंत्री श्री जायसवाल ने उत्तर देते हुए बताया कि माननीय संबंधित न्यायालय से इस तारीख पर प्रकरण में कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है परंतु उससे पहले न्यायालय ने इस प्रकरण में अलग-अलग तारीख पर निर्देश दिए हैं. उन्होंने इसकी तारीख बाहर जानकारी देते हुए बताया कि पांच सितंबर 2024 को सीएमएचओ कोंडागांव को सीएस कर दिए जाने के प्रकरण में माननीय न्यायालय के द्वारा स्टे दिया गया. उसके बाद 28 फरवरी 2025 और 6 मार्च 2025 को इसी मामले में अंतरिम राहत दी गई. इसी मामले में सुनवाई करते हुए माननीय न्यायालय ने 28 अप्रैल 2025 को निर्देश दिया कि विभाग इस पर निर्णय करें कि आगे क्या करना है. विभाग की कमेटी ने इस पर निर्णय लिया. प्रकरण में स्थानांतरण नीति 2022 की नीति का पालन हुआ है इसलिए शासन का जो आदेश है वह यथावत रखने का निर्णय लिया गया. और इस पर 15 मार्च 2025 को आदेश जारी किया गया.
इस पर सदस्य सुश्री उसेंडी ने सदन को जानकारी देते हुए बताया कि उनके पास एक पत्र है 15 मार्च 2025 का. उसकी अंतिम लाइन को पढ़ाते हुए उन्होंने सदन को बताया कि माननीय न्यायालय के द्वारा 15. 5. 2025 को पूर्णविचारोंपरांत प्रकरण को अमान्य कर देने का निर्देश दिया गया है. अभ्यावेदन अमान्य किया गया है तो उसके बाद से ट्रांसफर होने तक क्या कार्रवाई हुई क्या?इसमें विभाग ने कोर्ट के आदेश का संपूर्ण तरीके से पालन किया है कि नहीं और नहीं किया है तो इसमें किसके विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि वह बस यही जानना चाहते हैं कि हमारे पास जो 15 मई 2025 का पत्र है, यह न्यायालय का पत्र है. इसमें अभ्यावेदन को अमान्य माना गया है तो इसका पालन हुआ है कि नहीं. इस पर विभागीय मंत्री जवाब देने लगे तो लता उसेंडी ने फिर से टोंकते हुए कहा कि यह अप्रैल का प्रकरण नहीं है पांचवे महीने का है. इस पर कार्रवाई क्या हुई है. स्पीकर डॉक्टर रमन सिंह ने बीच में मंत्री जी को संबोधित करते हुए कहा कि लता जी का जो सवाल है जांच प्रतिवेदन कब प्रस्तुत हुआ उसमें क्या कार्रवाई की गई यह बता दीजिए.
विभागीय मंत्री श्री जायसवाल ने इस पर बताया कि न्यायालय के आदेश का बिल्कुल पालन किया है. हमने जून महीने में संबंधित अधिकारी का ट्रांसफर सुकमा कर दिया है. इस पर सुश्री उसेंडी ने सदन में भावुक होते हुए कहा कि ठीक है,आपने लोकल जनप्रतिनिधियों की भावनाओ को ध्यान में नहीं रखा.आपके लिए अधिकारी अधिक महत्वपूर्ण है. उन्होंने प्रश्न पूछा कि वहां जाँच समिति गई थी क्या और उसकी कोई रिपोर्ट आई है क्या.
विभागीय मंत्री ने इस पर बताया कि हां जांच की रिपोर्ट आई है. जांच समिति ने प्रकरण में अप्रैल और मई महीने में जांच की तथा 11 जुलाई को इसकी रिपोर्ट आई है. जांच में अनियमितता पाई गई है. जो दोषी पाए गए हैं सभी को नोटिस दी गई है.