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गुप्त नवरात्र नवमी में होगा अभिषेक आरती एवं कन्याभोज

दुर्ग,असल बात दुर्ग। श्री सत्तीचौरा माँ दुर्गा मंदिर, गंजपारा में आषाढ़ महीने की गुप्त नवरात्रि के अवसर पर 26 जून से 04 जुलाई 2025 तक की पूर...

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दुर्ग,असल बात



दुर्ग। श्री सत्तीचौरा माँ दुर्गा मंदिर, गंजपारा में आषाढ़ महीने की गुप्त नवरात्रि के अवसर पर 26 जून से 04 जुलाई 2025 तक की पूरे 9 दिवस मन्दिर परिसर में विशेष आयोजन किया गया, मंदिर परिसर में 9 दिवस अखंड ज्योति कलश की स्थापना की गयी, एवं प्रतिदिन माता जी का विशेष श्रृंगार आरती की गई, 

   मन्दिर के मुख्य पुजारी पंडित सुनील पांडेय ने बताया कि हिंदू धर्म में मां दुर्गा का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है और नवरात्रि मां दुर्गा को समर्पित पर्व है जो भारत में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। एक साल में 4 बार नवरात्रि का पर्व आता है जिनमे 2 प्रकट नवरात्रि और 2 गुप्त नवरात्रि होती हैं. चैत्र और शारदीय नवरात्रि को सभी जानते हैं ये काफी लोकप्रिय पर्व है जब मां दुर्गा की 9 दिन धूमधाम के साथ पूजा की जाती है. माघ और आषाढ़ माह में पड़ने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है. गुप्त नवरात्रि पर मां दुर्गा की गुप्त रूप से पूजा करने की परंपरा है।

सत्तीचौरा दुर्गा मंदिर में प्रतिवर्ष सभी 4 नवरात्र बड़े धूम-धाम से बनाये जाते है, आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्र के अवसर पर 26 जून से 4 जुलाई तक मंदिर में प्रतिदिन माता जी का श्रृंगार, अभिषेक, पूजन एवं महाआरती की गयी।

 पुजारी पांडेय ने बताया की जिस प्रकार चैत्र और शारदीय नवरात्रि होते हैं उसी तरह आषाढ़ और माघ महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा में पड़ने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है | गुप्त नवरात्री में दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है| अगर कोई इन दस महाविद्याओं की शक्ति के रूप में उपासना करे तो उसका जीवन धन – धान्य और सुख से भर जाता है | देवी भगवत में गुप्त नवरात्र की पूजा का विधान लिखा गया है | इस तरह वर्ष में कुल चार नवरात्र होते हैं | यह चारो नवरात्र ऋतू  परिवर्तन के समय मनाये जाते हैं | इन विशेष अवसर पर साधक अपनी मनोकामनाओ की पूर्ति के लिए देवी की साधना करते हैं | गुप्त नवरात्र को सफलता पूर्वक संपन्न करने से कई बाधाये समाप्त हो जाती हैं |

गुप्त नवरात्री की दस देवियों का नाम है माँ काली माँ तारा माँ त्रिपुर सुंदरी माँ भुवनेश्वरी माँ छिन्नमस्ता माँ त्रिपुरभैरवी माँ धूमावती माँ बगलामुखी माँ मातंगी माँ कमला की विशेष पूजा अर्चना होती है

समित्ति के सदस्य कुलेश्वर साहू पूर्व पार्षद ने बताया कि गुप्त नवरात्र अष्टमी के अवसर पर 03 जुलाई को  संध्या 7 बजे से हवन पूजन, पूर्णाहुति, आरती की गयी, अष्टमी के अवसर पर भैरव अष्टमी भी बनाई गई जिसमें मंदिर परिसर में श्री भैरव बाबा की पूजा अर्चना, एवं भोग प्रसादी की गई, 

   दिनांक 4 जुलाई नवमी के अवसर पर प्रातः 9 बजे माँ दुर्गा जी के पूजन, अभिषेक किया गया 11 बजे कन्या पूजन एवं कन्या भोज का आयोजन किया गया।

कन्या पूजन एवं कन्या भोज के लिए पंडित सुनील पांडेय ने बताया कि शास्त्रों में दो साल की कन्या कुमारी, तीन साल की त्रिमूर्ति, चार साल की कल्याणी, पांच साल की रोहिणी, छ: साल की कालिका, सात साल की चंडिका, आठ साल की शांभवी, नौ साल की दुर्गा और दस साल की कन्या सुभद्रा मानी जाती हैं, सभी 4 नवरात्र में सभी धर्म प्रेमियों को अपने अपने अपने घरों में कन्या पूजन एवं कन्या भोज करवाने से निश्चित रूप से माता जी का आर्शीवाद मिलता है।

4 जुलाई नवमी के अवसर पर दुर्गा मंदिर में 11 बजे 51 कन्या माताओं का पूजन किया जावेगा जिसमें समित्ति की महिलाओं ने सभी कन्या माताओं का पैर धोकर, तिलक लगाकर भोजन करवाएगी फिर एक साथ 51 कन्या माताओं एवं 1 भैरव 1 लंगूर बाबा रूपी बालक को भोजन कराया गया, कन्या भोज के पश्चात सभी कन्या माताओं को भेंट स्वरूप टिफिन डब्बा, चॉकलेट, बिस्किट, मिष्ठान, नगद राशि भेंट दी जावेगी,

असल बात,न्यूज