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खदान से 84 टन ओवरलोड कोयले की अफरा तफरी का खुलासा… कोर्ट ने बिजली चोरी का दोषी पाए जाने पर 1.54 लाख का जुर्माना किया… सचिव की मौत की जांच जारी

  कोरबा.  एसईसीएल की मेगा परियोजना कुसमुंडा कोयला खदान में कोयले की अफरा तफरी का एक बड़ा खेल उजागर हुआ है. दरअसल बुधवार की देर रात को कोयला ...

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 कोरबा. एसईसीएल की मेगा परियोजना कुसमुंडा कोयला खदान में कोयले की अफरा तफरी का एक बड़ा खेल उजागर हुआ है. दरअसल बुधवार की देर रात को कोयला खदान से कोयला लोड कर ट्रक खदान से बाहर निकले. इसे कुसमुंडा खदान प्रबंधन के रोड सेल के अधिकारियों ने देखा और उन्हें शक हुआ कि ट्रक ओवरलोडेड हैं. ट्रक रुकवा कर जांच की गई तो चारों ट्रकों को मिलाकर 84 टन कोयला अधिक होना पाया गया. ओवरलोडेड ट्रक पर वैधानिक कार्यवाही पूरी करने के बाद इन्हें कुसमुंडा पुलिस के सुपुर्द किया गया है. जहां चार ट्रक चालकों पर अलग-अलग धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है. जिन ट्रकों को पकड़ा गया है. वह सभी चारों ट्रक कोयला लोड कर बुधवार की रात को गुपचुप तरीके से खदान से बाहर निकाला जा रहा था. जिसपर रोड सेल विभाग के कुछ अधिकारियों की नजर पड़ी. ट्रक में कोयला काफी ऊंचाई तक भरा हुआ था. शक होने पर ट्रक को वे ब्रिज में भेजा गया. दोबारा इसका वजन कराया गया तब एक ट्रेलर में 20 टन अतिरिक्त कोयला मिला. जब सभी ट्रकों का वजन कराया गया. तब इन चारों ट्रक में कुल 84 टन कोयला अतिरिक्त मिला.


इसकी लिखित सूचना कुसमुंडा खदान प्रबंधन ने पुलिस को दी. पुलिस ने चारों वाहनों को जप्त कर लिया है. ट्रक चालकों को भी गिरतार किया गया है. कुसमुंडा खदान से रोज हजारों ट्रक कोयला लेकर बाहर निकलते हैं. प्रबंधन की आंखों में धूल झोंककर लगातार कोयले की अफरा तफरी की खबरें आती रहती हैं. छत्तीसगढ़ में बड़ा कोल स्कैम भी उजागर हो चुका है. कुसमुंडा खदान प्रबंधन की शिकायत पर पुलिस ने ट्रक क्रमांक सीजी 10 बीटी 2153, सीजी 10 बीटी 3353, सीजी 10 बीटी 2553, और सीजी 10 बीटी 3453 को जप्त किया है. इन चारों वाहनों में कोयला अफरा तफरी के आरोप में पुलिस में मूलचंद जायसवाल, रमेश कुमार कुशवाहा, प्रवेश कुमार जायसवाल और एक अन्य ड्राइवर पर अपराध दर्ज किया गया है.


कोरबा. बिजली चोरी के एक मामले में कोरबा की स्पेशल कोर्ट ने एक व्यक्ति को दोषी ठहराया है. उसपर एक लाख ५४ हजार रुपए जुर्माना लगाया है. अर्थदंड नहीं चुकाने पर दोषी को दो माह की साधारण कारावास हो सकती है. बिजली वितरण कंपनी की विजिलेंस टीम ने कुसमुंडा के चुनचुनी में रहने वाले राजेश कुमार को बिजली चोरी करते पकड़ा था. २०२१ वॉट बिजली के उपयोग की पुष्टि हुई थी. वितरण कंपनी की ओर से इस मामले में कार्रवाई के लिए कोरबा के कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. मामले की सुनवाई चल रही थी. स्पेशल कोर्ट ने राजेश को बिजली चोरी का दोषी हठराया. उसपर एक लाख 54 का जुर्माना लगाया है. अभियोजन पक्ष की ओर से कोरबा के स्पेशल कोर्ट को बताया गया कि २६ मार्च २०२१ को 74 हजार 474 का बिजली बिल बकाया होने पर राजेश के घर की बिजली काट दी गई थी. लेकिन राजेश ने गैरकानूनी तरीके से कटे हुए लाइन को बिजली के तार से जोड़ लिया था. वह दोबारा बिजली का उपयोग करने लगा था. वितरण कंपनी की विजिलेंस टीम को मामले की जानकारी हुई. टीम घटनास्थल पर पहुंची तो मामला सही पाया गया. टीम ने राजेश पर ५१ हजार 326 रुपए जुर्माना लगाया. राजेश की तरफ से जुर्माने की राशि वितरण कंपनी को नहीं दी गई. राशि जमा करने के लिए कंपनी ने कई बार नोटिस दिया. रुपए जमा नहीं हुए तक कंपनी ने विद्युत अधिनियम के तहत कोरबा की कोर्ट में याचिका दायर की.


सचिव की मौत की जांच जारी, परिवार को पति पर संदेह


कोरबा. ग्राम पंचायत बांगो की महिला सचिव सुषमा खुसरो 22 साल के मौत की जांच पुलिस कर रही है. सचिव की मृत्यु किन परिस्थितियों में हुई, यह अभी स्पष्ट नहीं है. लेकिन सुषमा की मां को आशंका है कि उसकी बेटी की हत्या हुई है. इस घटना में सुषमा का पति शामिल हो सकता है, इसकी भी आशंका मृतक की मां ने व्यक्त किया है. हालांकि पुलिस अभी सुषमा के पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु के कारणों का पता लग सकता है. दो दिन पहले मंगलवार दोपहर लगभग 3 बजे सुषमा की जल हुई लाश उसके गोकुल नगर खरमोरा स्थित हाउसिंग बोर्ड कालोनी के मकान में मिली थी. सुषमा ने परिवार को बिना बनाए अभिनेक आदिले संग ब्याह रचा ली थी. दोनों एक साथ रहते थे.


एसईसीएल की कालोनियों में साफ–सफाई की कमी


कोरबा. एसईसीएल की कालोनियों में बारिश के दिन में साफ-सफाई की कमी देखी जा रही है. क्षेत्र में कई जगह कचरे के ढेर लगे हैं. इसका नियमित उठाव ठेकेदार की ओर से नहीं किया जा रहा है. इससे भी बुरा हाल नालों की साफ-सफाई को लेकर है. सुभाष ब्लॉक, एसबीएस कालोनी, पंपहाउस, मानिकपुर, जेपी कॉलोनी सहित अन्य क्षेत्रों में कंपनी के आवासीय मकान हैं. हाल ही में कंपनी ने कालोनियों की नालियों की साफ-सफाई का ठेका किया है लेकिन ठेकेदार नालियों की साफ-सफाई समय पर नहीं कर रहा है. इससे बारिश में नालियां बजबजा रही है. पानी को निकलने के लिए रास्ता नहीं मिल रहा है. सबसे बुरा हाल कोरबा क्षेत्र में स्थित पंपहाउस, सुभाष ब्लॉक और मानिकपुर कालोनियों की है. सफाई कर्मी की ड्यूटी कम लगाए जाने से इस प्रकार की स्थिति बन रही है. इससे कालोनवासी परेशान हैं.