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पिछली सरकार के कार्यकाल के बहुचर्चित अवैध शराब मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई,, पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र को गिरफ्तार किया गया, विशेष न्यायालय ने 5 दिन की हिरासत में भेजा

रायपुर . असल बात news. ईडी प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई से छत्तीसगढ़ के राजनीतिक गलियारे में आज हड़कंप मचा हुआ है. राज्य के बहुचर्चित शरा...

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रायपुर .

असल बात news.

ईडी प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई से छत्तीसगढ़ के राजनीतिक गलियारे में आज हड़कंप मचा हुआ है. राज्य के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सुपुत्र चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर लिया और विशेष न्यायालय ने गिरफ्तार चैतन्य बघेल को 5 दिन की ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) हिरासत में भेज दिया है। जानकारी के अनुसार चैतन्य को कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) मामले में उनके घर से छापेमारी कर गिरफ्तार किया गया है। ईडी ने दुर्ग जिले के भिलाई शहर में उनके आवास पर छापा मारते हुए उन्हें PMLA (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत हिरासत में ले लिया। इधर विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है और विपक्ष के सदस्यों के द्वारा एक दिन पहले से सदन का बाय काट किया जा रहा है.


सूत्रों के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट से 15 दिन की रिमांड की मांग की थी, लेकिन विशेष न्यायालय ने सिर्फ पांच ही दिन की रिमांड दी है। ईडी अब इन पांच दिनों में शराब घोटाले के संबंध में पूछताछ करेगी। वहीं, कोर्ट का फैसला सुनने के बाद पूर्व सीएम भूपेश बघेल मायूस नजर आए। वे देखते ही रह गए। इधर चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद रायपुर अदालत में भारी सुरक्षा बल को तैनात किया गया है।

ईडी सूत्रों ने बताया कि मामले में नए सबूत मिलने के बाद की गई छापेमारी के दौरान चैतन्य बघेल सहयोग नहीं कर रहे थे, ऐसे में उन्हें PMLA (धनशोधन रोधी अधिनियम) की धारा 19 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उन्हें रायपुर में विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें पाँच दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया गया।


सूत्रों ने बताया कि चैतन्य बघेल से जुड़ी कंपनियों को शराब घोटाले से अर्जित लगभग 17 करोड़ रुपए की संदिग्ध आय प्राप्त हुई। सूत्रों के अनुसार, लगभग 1,070 करोड़ रुपए की धनराशि के साथ ही चैतन्य बघेल की भूमिका भी एजेंसी की जांच के दायरे में है। ईडी ने दावा किया है कि घोटाले के परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेबों में 2,100 करोड़ रुपए से अधिक की रकम गई। बेटे की गिरफ्तारी के बाद भूपेश बघेल (63) के ‘एक्स’ अकाउंट पर की गई एक पोस्ट में कहा गया कि विधानसभा सत्र के आखिरी दिन ईडी उनके घर आई है, जब रायगढ़ जिले की तमनार तहसील में अदाणी समूह की कोयला खदान परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई का मुद्दा उठाया जाना था।


बघेल के कार्यालय द्वारा जारी संदेश में कहा गया है, ‘ED आ गई, आज राज्य विधानसभा (मॉनसून) सत्र का आखिरी दिन है। अडानी के लिए तमनार में काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा आज उठना था। भिलाई निवास में “साहेब” ने ED को भेज दिया है’ भूपेश बघेल ने इस महीने की शुरुआत में तमनार तहसील का दौरा किया था और स्थानीय ग्रामीणों को समर्थन दिया था, जो क्षेत्र में एक कोयला खदान परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे हैं। यह खदान महाराष्ट्र राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड (महाजेनको) को आवंटित है, जिसने एमडीओ (खदान विकासकर्ता सह संचालक) का ठेका अदाणी समूह को दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने यह भी कहा कि विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है, लेकिन उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है और वे उनके साथ सहयोग करेंगे। कांग्रेस विधायकों ने चैतन्य की गिरफ्तारी के विरोध में आज छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया और एजेंसी पर विपक्ष को परेशान करने की कोशिश का आरोप लगाया। इससे पहले ईडी ने 10 मार्च को चैतन्य बघेल के खिलाफ इसी तरह की छापेमारी की थी।