भिलाई . असल बात news. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको, भिलाई में योग महोत्सव का भव्...
भिलाई .
असल बात news.
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको, भिलाई में योग महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया।। यह कार्यक्रम शिक्षा विभाग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं समाज के बीच योग को एक जीवनशैली के रूप में स्थापित करना रहा।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रातःकालीन सभा में सामूहिक प्रार्थना एवं योग अभ्यास के साथ हुई। महाविद्यालय परिसर में प्राध्यापकों एवम विद्यार्थियों की उपस्थिति और सहभागिता ने पूरे वातावरण को आध्यात्मिक और ऊर्जावान बना दिया। योग प्रशिक्षक पूरणप्रकाश एवम बी.एड. तृतीय सेमेस्टर के छात्र सोमेश कुमार साहू एवं प्रकाश देशमुख ने योग के विभिन्न आसनों का प्रभावशाली प्रदर्शन करते हुए प्रतिभागियों को योगाभ्यास करवाया। उन्होंने ताड़ासन, भुजंगासन, वृक्षासन, त्रिकोणासन तथा प्राणायाम के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
श्रीमती संयुक्ता पाढ़ी, कार्यक्रम अधिकारी, राष्ट्रीय सेवा योजना ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विद्यार्थियों को योग के माध्यम से स्वास्थ्य के प्रति सजग बनाना, उनमें अनुशासन, एकाग्रता एवं संतुलन के गुणों को विकसित करना है । “योग संगम” के माध्यम से शरीर, मन और आत्मा के त्रिकोणीय संतुलन पर विशेष बल दिया गया है l
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने योग को भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर बताते हुए कहा कि – “योग न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि मन को भी स्थिर करता है। यह विद्यार्थियों के लिए अनुशासन, एकाग्रता और मानसिक संतुलन का साधन है।”
उपप्राचार्य डॉ. अज़रा हुसैन ने अपने संबोधन में कहा कि – “योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन का विज्ञान है। विद्यार्थियों को चाहिए कि वे योग को परीक्षा की तैयारी, करियर निर्माण में अपनाये।
कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षा विभाग की प्राध्यापिका डॉ. पूनम निकुंभ, डॉ. शैलजा पवार, श्रीमती उषा साहू, श्रीमती मधुमिता सरकार, श्रीमती लक्ष्मी वर्मा तथा महाविद्यालय के खेल अधिकारी श्री मुरली मनोहर तिवारी की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
अंत में, सभी प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे न केवल स्वयं योग को अपनाएंगे, बल्कि अपने परिवेश में भी योग के प्रति जागरूकता फैलाएंगे, जिससे "स्वस्थ विद्यार्थी, सशक्त भारत" की संकल्पना साकार हो सके।