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समय पर हर कार्य करने का महत्व...पूनम दीदी,..ब्रह्माकुमारीज़ का आयोजन गुड बाय टेंशन अलविदा तनाव शिवर- आठवां दिन

  *वर्तमान समय विश्व पटल पर भारत पुनः सोने की चिड़िया स्वर्णिम भारत के रूप में प्रत्यक्षता का समय... भिलाई  . असल बात news.  10 जून 25. प्रज...

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*वर्तमान समय विश्व पटल पर भारत पुनः सोने की चिड़िया स्वर्णिम भारत के रूप में प्रत्यक्षता का समय...

भिलाई  .

असल बात news. 

10 जून 25.

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडिटोरियम  में आयोजित नौ दिवसीय “गुड बाय टेंशन अलविदा तनाव शिविर” के आठवें दिन तनावमुक्ति विशेषज्ञा ब्रह्माकुमारी पूनम दीदी ने कहा कि समय पर हर कार्य करने का विशेष महत्व होता है। समय पर कार्य न करने से चिंता तनाव होता है। 

सतयुग में सृष्टि पर भारत में देवी देवताओं का राज्य था, जहां  शांति, खुशी, निश्चिंतता ,सुखचैन अथाह धन सम्पदा वैभव था | वहां आपसी संबंधों में निस्वार्थ प्यार था|उसी सतयुग स्वर्णिम भारत का गायन है - जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती थी बसेरा, वह भारत देश है मेरा.....| त्रेतायुग के अंत की जनसंख्या 33 करोड़ थी|आदि सनातन देवी देवता धर्म दैवीय संस्कृति जिसका शास्त्रों में 33 करोड़ देवी देवताओं का गायन है।

 फिर सृष्टि में काल चक्र द्वारा कलयुग का आगमन हुआ जिसमें आत्मा रूपी बैटरी की डिग्री 0 हो गई|न तन का सुख, न मन का सुख, न संबंधों का सुख|अनिद्रा, तनाव, डिप्रेशन, फास्ट फूड फास्ट ड्राइव फास्ट डेथ आदि  बढ़ गए|समय परिवर्तनशील है | युग परिवर्तन का समय आ गया है|विश्व पटल पर भारत पुनः सोने की चिड़िया स्वर्णिम भारत के रूप में प्रत्यक्ष होगा।

शिविर के अंतिम चरण में “महाविजय उत्सव” मनाया गया जिसमें शंख, घंटी  लेकर  जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती थी बसेरा..... गीत के साथ ब्रह्माकुमारी बहनें हाथ में शिव ध्वज लेकर तथा भारत माता द्वारा लहराते तिरंगे के साथ पीस ऑडिटोरियम के मंच पर प्रवेश होने पर मानो स्वर्णिम भारत सतयुग का आगमन खुशी उमंग उत्साह की किरणे संपूर्ण अंतर्दीशा भवन में प्रवाहित हो गई।

विशेष  हवनकुण्ड  में पंडित जी द्वारा तनाव, भय, क्रोध,घृणा,डिप्रेशन, ईर्ष्या, हृदयरोग, सिरदर्द, डायबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर, व्यसन-गुटका, बीड़ी-सिगरेट, शराब-तंबाकू, सभी कमी- कमजोरियों, सभी दु:ख-अशांति स्वाहा करवाया गया| सभी ने अपनी-अपनी  कमजोरी परमात्मा को सामने रखते हुए कागज पर लिखकर उसी हवनकुण्ड अग्नि में स्वाहा किया यानि उन्हें समर्पित किया |