कवर्धा,असल बात कवर्धा। राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय तक अब शासन की योजनाओं का लाभ सशक्त रूप से...
कवर्धा,असल बात
कवर्धा। राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय तक अब शासन की योजनाओं का लाभ सशक्त रूप से पहुँच रहा है। वर्षों से झोपड़ी व कच्चे मकानों में जीवन बिताने वाले इन परिवारों के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय महान्याय (जनमन) आवास योजना आशा की एक नई किरण बनकर उभरी है।
बोड़ला विकासखंड के बैगा बाहुल्य ग्राम पंचायत राजाढार निवासी श्री देवसिंह बैगा लंबे समय से मिट्टी के कच्चे घर में अपने परिवार के साथ रहते थे। कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण पक्का मकान बनाना उनके लिए केवल सपना था। लेकिन वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत उनका नाम पात्रता सूची में शामिल किया गया और उनका आवास स्वीकृत हुआ। जैसे ही स्वीकृति मिली, उन्हें निर्माण हेतु पहली किश्त के रूप में 40,000 की राशि उनके खाते में मिली। इसके बाद द्वितीय किश्त 60,000, तृतीय किश्त 80,000 तथा अंतिम किश्त 20,000 भी निर्माण प्रगति के अनुसार जारी की गई। कुल 2 लाख की सहायता से उन्होंने अपना पक्का मकान तैयार कर लिया।
इतना ही नहीं श्री देवसिंह को मनरेगा के तहत 95 दिन का रोजगार भी मिला जिससे उन्हें अतिरिक्त 23,000 की मजदूरी प्राप्त हुई। यह उनके लिए आर्थिक रूप से दोहरी मदद साबित हुई। श्री देवसिंह बैगा बताते हैं कि पुराने कच्चे मकान में बरसात के समय पानी टपकता था, दीवारों में सीलन रहती थी और जीव-जंतुओं का डर बना रहता था। अब पक्का मकान बन जाने से उनका परिवार सुरक्षित और सुखी है। वे कहते हैं, “अब जीवन में सुकून है और गांव में मेरी प्रतिष्ठा भी पहले से बढ़ गई है।
प्रधानमंत्री आवास बना खुशियों का पर्याय-सीईओ जिला पंचायत
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अजय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के तहत जिले में 9604 आवासों की स्वीकृति दी गई है, जिनमें से 7345 हितग्राहियों को प्रथम, 6070 को द्वितीय और 3449 को तृतीय किश्त की राशि जारी की गई है। अभी तक 1721 हितग्राही अपना आवास पूर्ण कर चुके हैं। सीईओं श्री त्रिपाठी ने बताया कि पूरे प्रदेश में स्वीकृत जनमन योजना के एक तिहाई आवास केवल कबीरधाम जिले में हैं, जो अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। सुदूर वनांचलों में लगभग 10,000 आवासों का निर्माण एक चुनौती है, जिसके लिए जनप्रतिनिधियों, स्वयं सहायता समूहों और सामाजिक संगठनों से सक्रिय सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत भी विगत डेढ़ वर्ष में 12743 आवासों का निर्माण पूर्ण किया गया है। आवास मिलने से ग्रामीण परिवारों के जीवन स्तर में सकारात्मक परिवर्तन आया है और वे अब खुशी-खुशी अपने पक्के घरों में रह रहे हैं।
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