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जनजातीय वर्ग के समग्र विकास के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री- सांसद श्री महेश कश्यप

  *धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान *बुनागांव और मारागांव शिविर में शामिल हुए सांसद श्री महेश कश्यप कोंडागांव  . असल बात news.   16 जून...

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*धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान

*बुनागांव और मारागांव शिविर में शामिल हुए सांसद श्री महेश कश्यप

कोंडागांव  .

असल बात news.  

16 जून 2025.

धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत विभिन्न विभागों की महत्वपूर्ण योजनाओं से जनजातीय परिवारों को लाभान्वित किये जाने हेतु जिले के सभी विकासखंड में कलस्टर स्तर पर शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में आज बस्तर सांसद श्री महेश कश्यप कोंडागांव विकासखंड के बुनागांव और माकड़ी विकासखंड के ग्राम मारागांव में आयोजित शिविर में शामिल हुए। 

बुनागांव शिविर में किवईबालेंगा, पाला, कोंगेरा, मालाकोट, बनजुगानी, बांसगांव, तोड़म, चिंचडोंगरी, बुनागांव, मसोरा, केवटी, भीरागांव ब और देवखरगांव के ग्रामीण शामिल हुए। इसी प्रकार  ग्राम मारागांव में आयोजित शिविर में कावरा, करमरी, बवई, छोटे सलना, मारागांव, शामपुर, मांझी बोरंड, बाडरा, केरावाही, हाड़ीगांव और बड़गांव के ग्रामीण सम्मिलित हुए।

शिविर को संबोधित करते हुए सांसद श्री महेश कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जनजातीय वर्ग के समग्र विकास के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाते हुए जनजातीय समाज का गौरव को बढ़ाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के कुशल नेतृत्व में केंद्र सरकार के 11 वर्ष पूर्ण हो रही है। उनके नेतृत्व में देश प्रगति के पथ पर निरन्तर अग्रसर है। प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी और मुख्यमंत्री श्री साय के सुशासन में छत्तीसगढ़ राज्य में भी हर वर्ग का विकास हो रहा है। गांव गांव में पक्का आवास बन रहा है, जल जीवन मिशन से हर घर शुद्ध पेयजल पहुंच रहा है, घर घर  शौचालय, उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन और से महिलाओं को बहुत राहत मिली है, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से किसानों का कल्याण हो रहा है। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए कौशल विकास कार्यक्रम, अंत्यावसायी व स्वरोजगार स्थापित करने हेतु संचालित योजनाओं का लाभ दिलाएं, जिससे वे अपने पैरों पर खड़ा हो सके और आत्मनिर्भर बन सकें। 

कार्यक्रम में एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत 20 ग्रामीणों को पौधे का वितरण किया गया। इसी प्रकार खाद्य विभाग द्वारा 16 हितग्राहियों को राशन कार्ड, 05 किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड, स्वास्थ्य विभाग द्वारा 06 हितग्राहियों को आयुष्मान कार्ड का वितरण किया गया। सांसद श्री कश्यप एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने प्राथमिक शाला मारागांव में शाला प्रवेश उत्सव के अवसर पर 06 बच्चों को तिलक लगाकर प्रवेश दिलाया। 

इस अवसर पर बुनागांव शिविर में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रीता शोरी, जनपद अध्यक्ष अनीता कोर्रोम, जनपद उपाध्यक्ष श्री टोमेंद्र सिंह ठाकुर सहित स्थानीय जनप्रतिनिधिगण, ग्राम मारागांव  शिविर में जनपद पंचायत माकड़ी की अध्यक्ष श्रीमती जुगबती पोयाम, उपाध्यक्ष श्री बैसाखू कोर्राम सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित हुए।

मत्स्याखेट पर 15 अगस्त तक रहेगा प्रतिबंध

मत्स्य संचालनालय छत्तीसगढ़ के निर्देशानुसार वर्षा ऋतु में मछलियों की वंश वृद्धि (प्रजनन) को दृष्टिगत रखते हुये उन्हे संरक्षण देने हेतु राज्य में छत्तीसगढ़ नदीय मस्योद्योग अधिनियम 1972 की धारा-3 उपधारा-2 (दो) के तहत 16 जून से 15 अगस्त 2025 तक की अवधि को बंद ऋतु (क्लोज सीजन) के रूप में घोषित किया गया है। इस दौरान जिले के समस्त नदियों-नालों तथा छोटी नदियों, सहायक नदीयों में जिन पर सिंचाई के तालाब जलाशय (बड़े या छोटे) जो निर्मित किये गये हैं में किये जा रहे केज कल्चर के अतिरिक्त सभी प्रकार का मत्स्याखेट 15 अगस्त 2025 तक पूर्णतः निषिद्ध रहेगा।

मछली पालन विभाग के सहायक संचालक ने जानकारी देते हुए बताया कि नियमों का उल्लंघन करने पर छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य क्षेत्र (संशोधित) अधिनियम के नियम-3 (5) के अन्तर्गत अपराध सिद्ध होने पर एक वर्ष का कारावास अथवा 10 हजार रूपये का जुर्माना अथवा दोनों एक साथ होने का प्रावधान है। उक्त नियम केवल छोटे तालाब या अन्य जल स्त्रोत जिनका संबंध किसी नदी नाले से नहीं है, के अतिरिक्त जलाशयों में किये जा रहे केज कल्चर में लागू नहीं होगा। अन्य प्रांतों से मछली आयात कर विक्रय करने में शासन द्वारा कोई प्रतिबंध नहीं है, तथापि ऐसी मछली के परिवहन या विक्रय के दौरान मछली आयात संबंधी पर्याप्त साक्ष्य रखना आवश्यक है। जिस राज्य से मछली आयात की गई है, उस राज्य के मछली पालन विभाग द्वारा लागू नियमों का पालन भी सुनिश्चित हो।

ईथेनॉल निर्माण हेतु कोण्डागांव में मक्का खरीदी के दिशा-निर्देश जारी

कोण्डागांव.माँ दंतेश्वरी मक्का प्रसंस्करण एवं विपणन सहकारी समिति मर्यादित, कोण्डागांव द्वारा ईथेनॉल निर्माण के लिए मक्का खरीदी प्रक्रिया हेतु दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों से प्राप्त आबंटन के आधार पर समिति को 25,000 क्विंटल मक्का की आवश्यकता है, जिसकी खरीदी संस्था के अंशधारी किसान सदस्यों से की जाएगी।

मक्का की खरीदी भारत सरकार द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 हेतु घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य 2225 रुपये प्रति क्विंटल पर की जाएगी। इसके अतिरिक्त किसानों को प्रोत्साहन राशि के रूप में विकासखण्ड अनुसार अतिरिक्त भुगतान भी किया जाएगा। कोण्डागांव एवं माकड़ी के लिए 40 रुपय क्विंटल, फरसगांव हेतु 50 रुपये क्विंटल तथा केशकाल एवं बड़ेराजपुर के किसानों को 60 रुपये क्विंटल अतिरिक्त दिया जाएगा।

यह सुनिश्चित करने हेतु कि सभी अंशधारी किसानों को समान अवसर मिले, प्रति एकड़ अधिकतम 10 क्विंटल मक्का ही खरीदी जाएगी। मक्का की खरीदी सप्ताह में सोमवार से शुक्रवार तक ग्राम कोकोड़ी स्थित ईथेनॉल प्लांट में की जाएगी।

मक्का विक्रय के लिए टोकन वितरण 19 जून 2025 से प्रारंभ होगा। टोकन वितरण सोमवार से शुक्रवार तक प्रातः 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक किया जाएगा। जिले के पाँचों विकासखण्डों में चिन्हित 2-2 आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों (लैम्प्स) से टोकन वितरित किए जाएंगे। टोकन वितरण केंद्र कोण्डागांव, दहीकोंगा,माकड़ी, अमरावती, फरसगांव, बड़ेडोगर, केशकाल, धनोरा, बड़ेराजपुर, सलनास्थित लैंप्स को बनाया गया है।

टोकन प्राप्त करते समय किसानों को निम्न दस्तावेजों की छायाप्रति प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। जिसमें ऋण पुस्तिका, शेयर सर्टिफिकेट या शेयर क्रय की रसीद, आधार कार्ड, बैंक पासबुक। टोकन में किसान को मक्का विक्रय की तिथि एवं मात्रा की स्पष्ट जानकारी दी जाएगी। मक्का की खरीदी केवल निर्धारित गुणवत्ता मानकों के अनुसार ही की जाएगी। खरीदी के लिए मक्का को ‘औसत अच्छी किस्म’ (FAO ग्रेड) की श्रेणी में आना आवश्यक है, जिसके अंतर्गत निम्न मापदंड निर्धारित किए गए हैं:

न्यूनतम स्टार्च मात्रा 58%, अधिकतम नमी 14%, काला मक्का 1.3% तक कोई कटौती नहीं; 3.5% तक कटौती अनुसार; 5% से अधिक स्वीकार्य नहीं, अन्य अशुद्धियाँ 0.5% तक अनुमत, टूटा हुआ मक्का 1% तक अनुमत, अप्रिय गंध/फफूंद/कीट युक्त को खरीदी नहीं की जाएगी। साथ ही यदि मक्का गुणवत्ता मानकों से भिन्न होता है, तो उसके अनुसार कटौती कर भुगतान किया जाएगा।

मक्का का विक्रय 50 किलोग्राम के बारदानों में किया जाएगा। किसानों को मक्का विक्रय की राशि का भुगतान उनके बैंक खातों में डिजिटल माध्यम से 07 कार्य दिवसों के भीतर किया जाएगा। जिले की आधिकारिक वेबसाइट से किसान अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।