Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सीआरपीएफ कैंप पर हमले के मामले में 17 माओवादियों के खिलाफ जगदलपुर में एनआईए की विशेष अदालत के समक्ष किया चार्जशीट दाखिल

  जगदलपुर।   राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को सीआरपीएफ कैंप पर हमले के मामले में 17 माओवादियों के खिलाफ जगदलपुर में एनआईए की विश...

Also Read

 जगदलपुर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को सीआरपीएफ कैंप पर हमले के मामले में 17 माओवादियों के खिलाफ जगदलपुर में एनआईए की विशेष अदालत के समक्ष चार्जशीट दाखिल किया है. इनमें से एक माओवादी गिरफ्तार हो चुका है, जिसकी पहचान सोदी बामन उर्फ ​​देवल के रूप में हुई है.गिरफ्तार माओवादी सोदी बामन उर्फ ​​देवल के अलावा एनआईए के चार्जशीट में शेष 16 फरार माओवादियों में 2 केंद्रीय समिति सदस्य (सीसीएम), 2 विशेष क्षेत्रीय/राज्य समिति सदस्य (एसजेडसी/एससीएम) और पीएलजीए बीएन नंबर 01, तेलंगाना राज्य समिति और पामेड क्षेत्र समिति के अन्य शीर्ष कैडर शामिल हैं.

Court-Hammer-2


इन माओवादियों के खिलाफ दाखिल आईपीसी, शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और यूए(पी) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं. मामला 16 जनवरी 2024 को बीजापुर जिले के धर्मावरम में सीआरपीएफ के नए शिविर और चिंतावागु और पामेड़ में दो निकटवर्ती सीआरपीएफ/कोबरा शिविरों पर हुए हमले से संबंधित है. हमलावरों ने शिविरों से सुरक्षा बलों के हथियार और अन्य सामान लूटने का प्रयास किया था. इसके पहले 17 दिसंबर 2023 को स्थापित धर्मावरम सीआरपीएफ शिविर में सीआरपीएफ के 12 जवान हमले में घायल हो गए थे.

एनआईए ने 9 फरवरी 2024 को स्थानीय पुलिस से मामला अपने हाथ में लिया था, और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सीपीआई (माओवादी) के 21 नामजद और 250-300 अज्ञात सशस्त्र कैडरों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. जांच से पता चला कि आरोप पत्र में शामिल आरोपी भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की आपराधिक साजिश के तहत युवाओं की भर्ती में शामिल थे. उनके पास प्रतिबंधित हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री थी, और उन्होंने साजिश की बैठकों का आयोजन किया और उनमें भाग लिया.

माओवादियों ने लक्ष्य शिविर की प्रतिकृति के रूप में प्रशिक्षण डमी शिविर भी स्थापित किया था, अपने सशस्त्र कैडरों को सशस्त्र विद्रोह करने के लिए प्रशिक्षण दिया और प्रेरक भाषण दिए, इसके अलावा उक्त शिविरों की रेकी की और अंतिम हमलों को अंजाम दिया. मामले में आगे की जांच जारी है.