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कहां है सुशासन, अपने सरकार के कामकाज से भाजपा के नेता और कार्यकर्ता ही नाखुश

असल बात न्यूज  कहां है सुशासन, अपने सरकार के कामकाज से भाजपा के नेता और कार्यकर्ता ही नाखुश सुशासन तिहार में तो जनता से आवेदन लेकर सिर्फ निर...

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असल बात न्यूज 

कहां है सुशासन, अपने सरकार के कामकाज से भाजपा के नेता और कार्यकर्ता ही नाखुश

सुशासन तिहार में तो जनता से आवेदन लेकर सिर्फ निरस्त किया जा

रायपुर। पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि कहां है सुशासन जो सरकार सुशासन तिहार मना रहीं जब भाजपा के नेता और कार्यकर्ता ही अपने सरकार के कामकाज से नाखुश हैं। सुशासन तिहार में तो आम जनता से सिर्फ आवेदन लिया जा रहा है अधिकांश आवेदनो को निराकरण के बजाय निरस्त कर दिया जा रहा हैं। आवेदनो का बंडल बनाकर सचिव स्तर पर भेजकर इतिश्री कर लिया जा रहा हैं। सुशासन तिहार में कई जगह जनता जब अपने आवेदनों की स्थिति के बारे में अधिकारियों से जानकारी मांगी तो अधिकारी उन्हें पावती दिखाने को कहे जब जनता ने कहा कि आवेदन लेते समय पावती दिए नहीं हो तो दिखाएं कहां से? इस पर अधिकारी गोल-गोल जवाब देने लगे। जनता आक्रोशित हुई तो कई जगह अधिकारी भागते हुए नजर आए। सुशासन तिहार में समस्या समाधान के नाम से आम जनता को धोखा दिया जा रहा।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार के सुशासन तिहार पर भाजपा के बड़े नेता ही सवाल खड़ा कर रहे हैं, पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर ने तो यहां तक कह दिया की प्रदेश में सरकार नाम की चीज नहीं है भाजपा के नेता और कार्यकर्ता भी नाखुश है अनियंत्रित भ्रष्टाचार पर सवाल खड़े कर रहे हैं बिना लेनदेन के किसी भी विभाग में काम नहीं होने का आरोप लगा रहे हैं। सांसद बृजमोहन अग्रवाल सरकार के कामकाज को लेकर 6 से अधिक पत्र लिख चुके हैं। पूरे प्रदेश में प्रशासनिक अराजकता चरम सीमा पर है। भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की बात करने वाले भाजपा की सरकार में भ्रष्टाचार शिष्टाचार बन गया है। बिना लेनदेन का कोई काम नहीं हो रहा है।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि सुशासन त्योहार पर मिले आवेदनों सुशासन तिहार के पहले दूसरे चरण में आम जनता की समस्याओं से संबंधित लगभग 40 लाख आवेदन आए थे। इसके पहले मुख्यमंत्री जनदर्शन कार्यक्रम में 75000 से अधिक आवेदन आया था, जिसका आज तक निराकरण नहीं हुआ है।