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चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) ने उत्तरी एवं पश्चिमी कमान मुख्यालयों का दौरा किया; ऑपरेशन सिंदूर के बाद रणनीतिक समीक्षा और संचालन की स्थिति का किया आंकलन

  जनरल अनिल चौहान ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में समग्र तालमेल एवंसंचालन संबंधी कार्यों को समय पर पूरा करने की सराहना की उन्होंने उभरते खतरो...

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जनरल अनिल चौहान ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में समग्र तालमेल एवंसंचालन संबंधी कार्यों को समय पर पूरा करने की सराहना की

उन्होंने उभरते खतरों से निपटने हेतु तीनो सेनाओं में निरंतर सतर्कता एवं एकजुटता पर जोर दिया

 नई दिल्ली .
असल बात न्यूज़.

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने 25 मई, 2025 को जम्मू एवं कश्मीर के उधमपुर में भारतीय सेना की उत्तरी कमान और हरियाणा के चंडीमंदिर सैन्य स्टेशन में पश्चिमी कमान का दौरा किया।उन्होंने सेना के कमांडरों लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा एवं लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार तथा उन वरिष्ठ स्टाफ अधिकारियों से बातचीत की, जो ऑपरेशन सिंदूर की योजना एवं क्रियान्वयन में सक्रिय रूप से शामिल थे।उन्होंने यात्रा के दौरान उत्तरी एवं पश्चिमी क्षेत्रों में रणनीतिक समीक्षा और संचालन संबंधीआकलन किया।

उधमपुर में, सीडीएस को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आतंकी नेटवर्क एवं आतंक को समर्थन देने वाली शत्रु की परिसंपत्तियों को प्रभावहीन करने और अपनी सैन्य परिसंपत्तियों एवं नागरिकों की रक्षा के लिए उठाए गए उत्तरी सेना के सफलजवाबी कदमों के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें शत्रु द्वारा निशाना बनाए गए सीमावर्ती क्षेत्रों के नागरिकों के पुनर्वास के संबंध में उत्तरी सेना द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में भी बताया गया।

उत्तरी सेना के कमांडर ने सीडीएस को उत्तरी सेना की संचालन एवं लॉजिस्टिक्स संबंधी निरंतर तैयारियों के बारे में अद्यतन जानकारी दी और सीमाओं की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के बारे मेंआश्वस्तकिया। साथ ही, जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने के लिए संपूर्ण प्रयास करने का भी भरोसा दिया गया।

चंडीमंदिर में, पश्चिमी सेना के कमांडर द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान गतिज और गैर-गतिज दंडात्मक प्रतिक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। पश्चिमी सीमाओं पर मौजूदा सुरक्षा स्थिति को रेखांकित करते हुए संचालन संबंधी माहौल, रक्षा तैयारियों और अभियान के प्रमुख परिणामों का विस्तृत विवरण दिया गया।तकनीकी समावेशन और उन्नतलॉजिस्टिक्स क्षमता, उच्च स्तर की संचालन दक्षता में योगदान, वास्तविक समय की स्थिति के बारे में जानकारी, पश्चिमी सेना की सैन्य क्षमता को मजबूत करने की प्रक्रिया पर भी प्रकाश डाला गया। सीडीएस को सेवारत एवं सेवानिवृत्त कर्मियों को दी जाने वाली वेटरन्स केयर और मेडिकेयर सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी गई, जो राष्ट्रीय हित में काम करने वाले लोगों के कल्याण के प्रति भारतीय सेना की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

जनरल अनिल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कर्तव्य निभाते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुरों को याद किया और सभी सैन्य कर्मियों की वीरता, दृढ़ संकल्प, सटीकता और अनुशासन की सराहना की। उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर और पंजाब में उत्तरी एवं पश्चिमी सीमाओं के लिए जिम्मेदार फील्ड संरचनाओं द्वारा हासिल की गई संचालन संबंधी उत्कृष्टता को स्वीकार किया।

सीडीएस ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में समग्र तालमेल और समय पर संचालन संबंधी कार्यों को पूरा करने की सराहना की। उन्होंने उभरते खतरों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं में निरंतर सतर्कता, एकजुटता और तालमेल के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने शत्रु द्वारा निशाना बनाए गए नागरिकों के पुनर्वास में मदद करने के लिए उनका आह्वान किया।

इस यात्रा का समापन सीडीएस द्वारा उन सैन्य अभियानों के अनुकरणीय आचरण एवं सफल क्रियान्वयन की गहरी प्रशंसा किए जाने के साथ हुआ, जिसने राष्ट्र द्वारा अपने सशस्त्र बलों में व्यक्त विश्वास की पुष्टि की। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के उद्देश्यों को पूरा करने के क्रम में हासिलहुई समग्र सफलता का श्रेय भारतीय सेना के उच्च मनोबल, अनुशासन और अटूट प्रतिबद्धता को दिया।