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Breaking,खतरनाक माल से लदा लाइबेरियाई कंटेनर पोत डूब गया, केरल तट के समीप हुई घटना, चालक दल के सभी 24 सदस्यों को बचा लिया गया, बचाव कार्य में भारतीय तटरक्षक बल की बड़ी भूमिका,नौसेना के साथ मिलकर चलाया रेस्क्यू अभियान

  नई दिल्ली,केरल. असल बात न्यूज़. वह कंटेनर पोत  लगभग दक्षिण-पश्चिम में 26 डिग्री झुक गया था. चालक दल ने संतुलन बनाने की पूरी कोशिश की लेकिन...

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 नई दिल्ली,केरल.

असल बात न्यूज़.

वह कंटेनर पोत लगभग दक्षिण-पश्चिम में 26 डिग्री झुक गया था. चालक दल ने संतुलन बनाने की पूरी कोशिश की लेकिन हो नहीं पाया। यह कोई फिल्मी कहानी नहीं है,वरन लाइबेरियाई कंटेनर पोत एमएससी ईएलएसए 3 (आईएमओ नं. 9123221) के साथ हुए हादसे की कहानी है जो आज आज 25 मई को सुबह लगभग 0750 बजे कोच्चि तट पर बाढ़ के कारण डूब गया। पोत पर सवार चालक दल के सभी 24 सदस्यों को बचा लिया गया जिनमें से 21 को आईसीजी ने और तीन को भारतीय नौसेना के आईएनएस सुजाता ने बचाया। यह पोत 640 कंटेनरों के साथ डूबा गया। इसमें 13 खतरनाक माल और 12 कैल्शियम कार्बाइड वाले कंटेनर थे। इसमें 84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल भी भरा हुआ था।दुर्घटना का कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।

केरल के तट पर संवेदनशील समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को देखते हुए, आईसीजी ने प्रदूषण प्रतिक्रिया की पूरी तैयारी शुरू कर दी है। तेल रिसाव का पता लगाने वाली उन्नत प्रणालियों से लैस आईसीजी का विमान हवाई निगरानी कर रहा है और प्रदूषण प्रतिक्रिया उपकरण लेकर आईसीजी जहाज सक्षम मौके पर तैनात है। अभी तक, तेल रिसाव की कोई सूचना नहीं मिली है। 

यह आपात स्थिति 24 मई को शुरू हुई, जब विझिनजाम से कोच्चि जाते समय एमएससी ईएलएसए 3 का स्टारबोर्ड लगभग 38 समुद्री मील दक्षिण-पश्चिम में 26 डिग्री झुक गया। पोत ने संतुलन खो दिया जिसके कारण संकट की सूचना दी गई। कोच्चि में आईसीजी के समुद्री बचाव उप-केंद्र (एमआरएससी) ने तुरंत समन्वित कार्रवाई शुरू की। आईसीजी डोर्नियर विमान को हवाई निगरानी के लिए तैनात किया गया जिसने जीवित बचे लोगों के साथ दो लाइफराफ्ट देखे। वैश्विक खोज और बचाव प्रोटोकॉल के अनुरूप आईसीजी गश्ती जहाजों और व्यापारिक जहाजों एमवी हान यी और एमएससी सिल्वर 2 को भी सहायता के लिए भेजा गया।

देर शाम तक, रूस, यूक्रेन, जॉर्जिया और फिलीपींस के नागरिकों सहित चालक दल के 24 सदस्‍यों में से 21 को बचा लिया गया था। चालक दल के तीन वरिष्ठ सदस्य बचाव व्यवस्था में सहायता के लिए पोत पर ही रहे। हालांकि, रात भर में पोत की हालत खराब हो गई और 25 मई, 2025 को यह पोत उलट गया। चालक दल के तीन सदस्यों को पोत छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा और उन्हें आईएनएस सुजाता ने बचा लिया।