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सुशासन तिहार 2025ः समाधान शिविर में जनसमस्याओं का त्वरित समाधान बना बदलाव की मिसाल, धमकी, मजगांव और कुई समाधान शिविरों में 43 हितग्राहियों को मिला पेंशन स्वीकृति पत्र

कवर्धा,असल बात          कवर्धा, छत्तीसगढ़ में सुशासन तिहार 2025 के अंतर्गत आयोजित समाधान शिविर जनसेवा की एक अनूठी पहल बनकर उभर रहा है। मुख्यम...

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कवर्धा,असल बात



         कवर्धा, छत्तीसगढ़ में सुशासन तिहार 2025 के अंतर्गत आयोजित समाधान शिविर जनसेवा की एक अनूठी पहल बनकर उभर रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में चल रहे इस अभियान ने शासन और आम जनता के बीच की दूरी को पाटते हुए सीधे ज़मीनी स्तर पर राहत पहुँचाने का कार्य कर रही है। ग्राम धमकी, मजगांव और कुई में आयोजित समाधान शिविरों में सामाजिक सहायता योजनाओं के अंतर्गत समाज कल्याण विभाग द्वारा कुल 43 वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और दिव्यांगजनों को पेंशन की स्वीकृति प्रदान की गई। इनमें से 16 हितग्राहियों को धमकी, 18 हितग्राहियों को मजगांव और 09 हितग्राहियों को कुई शिविर में स्वीकृति पत्र वितरित किए गए। वर्षों से सहायता की प्रतीक्षा कर रहे इन लोगों के चेहरों पर अब राहत और उम्मीद की झलक स्पष्ट दिखाई देती है।

    मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि ग्रामीण अंचलों में रह रहे प्रत्येक पात्र नागरिक को शासन की योजनाओं का सीधा लाभ मिले। समाधान शिविरों की अवधारणा इसी सोच का परिणाम है, जहाँ समस्याओं का त्वरित समाधान और योजनाओं का तुरंत क्रियान्वयन प्राथमिकता है। सुशासन तिहार सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह राज्य सरकार की जवाबदेही, पारदर्शिता और संवेदनशील शासन व्यवस्था का साक्षात उदाहरण है। मुख्यमंत्री की यह पहल, शासन को लोगों के द्वार तक ले जाने का सफल प्रयास साबित हो रही है। जहाँ ग्रामीण अंचलों में बगैर किसी जटिल प्रक्रिया के आमजन को योजनाओं का लाभ मिल रहा है।

     स्वीकृति पत्र प्राप्त करने वाले वरिष्ठ नागरिकों ने कहा कि सुशासन तिहार में आवेदन करने से उनके समस्या का त्वरित निराकरण हुआ है। समाधान शिविर की मदद से पेंशन की पात्रता सूची में शामिल हो चुकी हैं।आज स्वकृति पत्र प्रदान किया गया है, ये कागज़ नहीं, हमारे लिए सम्मान और आत्मनिर्भरता की चिट्ठी है। उन्होंने कहा अब हर महीने कुछ आर्थिक सहारा मिलेगा, जिससे दवाई और राशन के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

असल बात,न्यूज