Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


दुर्ग में 14 बटुकों का यज्ञोपवीत संस्कार हुआ,छत्तीसगढ़िया विप्र कल्याण परिषद दुर्ग द्वारा चंडी माता मंदिर दुर्ग में भव्य सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार का आयोजन

दुर्ग,असल बात छत्तीसगढ़िया विप्र कल्याण परिषद दुर्ग द्वारा चंडी माता मंदिर दुर्ग में भव्य सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार का आयोजन किया गया जिसमें...

Also Read

दुर्ग,असल बात



छत्तीसगढ़िया विप्र कल्याण परिषद दुर्ग द्वारा चंडी माता मंदिर दुर्ग में भव्य सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार का आयोजन किया गया जिसमें बिलासपुर कांकेर राजनंदगांव दुर्ग भिलाई के 14 बटुक शामिल हुए

    विप्र कल्याण समिति के अध्यक्ष आचार्य डॉ विक्रांत प्रसाद दुबे ने बताया कि रविवार को चंडी मंदिर दुर्ग में यज्ञोपवीत संस्कार का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें पूरे विधि-विधान के साथ 14 बटुकों ने यज्ञोपवीत (जनेऊ) धारण किया। गणेश पूजन के बाद हवन हुआ। अलग-अलग कुंडों पर बटुकों ने मंत्रोच्चार के बीच आहुतियां दी। यज्ञोपवीत धारण करने के बाद सभी अपने गुरु के लिए भिक्षा मांगकर लाए।

यज्ञोपवीत संस्कार के दौरान उपस्थित आचार्यों एवं पंडितों ने बटुकों को गुरुमंत्र दिया और यज्ञोपवीत धारण करने का महत्व बताया। उन्होंने कहा प्रतिदिन सभी बटुक गुरु मंत्र का यथासंभव जाप करें। इसमें बहुत शक्ति है।

    कार्यक्रम में उपस्थित विप्र कल्याण परिषद के संरक्षक रुपेश शर्मा विनय जोशी पंडित पुरन प्रसाद दुबे भीष्म प्रसाद तिवारी एवं चंडी मंदिर न्यास समिति के प्रधान जय शर्मा का साल एवं श्रीफल से सम्मान किया गया, सभी उपस्थित सरंक्षको ने बटुकों को मंत्रोच्चार के साथ यज्ञोपवीत धारण करवाते हुए इसकी उपयोगिता व नियमों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जनेऊ धारण करना व इसके नियमों पर दृढ़तापूर्वक चलना प्रत्येक ब्राह्यण का नैतिक कर्तव्य है।

 उपनयन संस्कार के दौरान बटुकों की तेल हल्दी की रस्म के साथ ही मंडप पूजन की विधि की गई। आचार्य ने उपनयन संस्कार के बारे में बताते हुए ब्रह्मचर्य का महत्व बताया और गुरु मंत्र के साथ ही दीक्षा दी। इस अवसर पर बटुकों की शिक्षा के लिए काशी गमन स्वरूप की विधि हुई। एक साथ 14 बटुकों का भ्रमण आकर्षण का केंद्र रहा। उनके वापस आने के बाद बटुकों के परिजन ने उनका स्वागत किया। बटुकों ने भी भिक्षाम देही.. के स्वर के साथ गुरु-शिष्य परंपरा के तहत भिक्षा भी मांगी। इसमें उनके परिजन और उपस्थित लोगों ने उन्हें नए वस्त्र, शगुन की राशि सहित अनेक उपहार दिए। आचार्य विक्रांत दुबे ने बताया कि सभी संस्कारों से उपनयन संस्कार सबसे महत्वपूर्ण होता है। इससे जीवन में अनुशासन आता है और धर्म की शिक्षा भी मिलती है। उपनयन संस्कार के समय चंडी मंदिर परिसर बटुकों और उनके परिजन से भरा रहा। 

    इस आयोजन में जीत दुबे विनायक शर्मा निखिल तिवारी मुकुंद दुबे धर्मेंद्र शर्मा नमन उपाध्याय हितेश शुक्ला सहस शर्मा भावेश शुक्ला गोपाल दुबे यश शर्मा नमन चौबे कुणाल शुक्ला हर्ष मिश्रा इन ब्राह्मण बालकों का उपनयन संस्कार संपन्न हुआ

    कार्यक्रम में प्रमुख रूप से नरसिंह शर्मा तोरण तिवारी गोपाल शर्मा सुनील शर्मा निरंजन तिवारी यश शर्मा सिद्धार्थ शर्मा पंकज शर्मा निलेश तिवारी दीपक मिश्रा रौनक शर्मा बटुक शर्मा  हिमालय तिवारी देवकृष्ण शुक्ला आदि गणमान्य व्यक्ति शामिल थे

असल बात,न्यूज