* आरक्षक को थाना पुरानी भिलाई के एनडीपीएस के अपराध में गिरफ्तार कर किया गया था निलंबित * आरक्षक के कब्जे से जप्त किया गया था गांजा ...
* आरक्षक को थाना पुरानी भिलाई के एनडीपीएस के अपराध में गिरफ्तार कर किया गया था निलंबित
* आरक्षक के कब्जे से जप्त किया गया था गांजा
भिलाई,दुर्ग .
असल बात news.
एनडीपीएस के लगभग डेढ़ महीने पुराने एक मामले में गंभीर कदाचरण करने के आरोप में एक आरक्षक को आज सेवा से पद मुक्त कर दिया गया है.आरक्षक की घटना के दिन डायल 112 पर ड्यूटी लगाई गई थी. घटना के दिन पुलिस को अवैध गांजा परिवहन की सूचना मिली थी.आरोप है कि आरोपी आरक्षक ने उसमें से गांजे की कुछ पुड़िया को उतार लिया और उसे झाड़ियां में छुपा दिया और बाद में गांव के घर ले गया.आरोपी आरक्षक को पहले निलंबित किया गया था. जिला पुलिस अधीक्षक दुर्ग के द्वारा उसके सेवा में गंभीर का लक्ष्मण को देखते हुए आज उसे सेवा से मुक्त करने का आदेश दे दिया गया है.
प्राप्त जानकारी अनुसार थाना पुरानी भिलाई में पदस्थ आरक्षक विजय धुरंधर क्रमांक-1654 की 03 मार्च 2025 को डायल 112 में ड्यूटी लगाई गई थी। इस दिन प्राप्त इवेंट के क्रम में कालर मोबाईल पर प्राप्त सूचना के आधार पर एक्सयूव्ही वाहन में दो सफेद रंग की बोरी तथा एक लाल रंग की बोरी कुल 03 बोरियों में गांजा के पैकेट थे। उसमें से लाल रंग की बोरी जिसमें तीन पैकेट गांजा रखे थे, को आरक्षक विजय धुरंधर 1654 एवं डायल 112 का चालक अनिल कुमार टण्डन ने मिलकर वहीं पास में कटीली झाड़ियों में छिपा दिए व बाद में इन दोनों ने इस बोरी को निकालकर अनिल कुमार टण्डन के गांव औंधी के मकान में छिपाकर रखे थे, जिसे अनिल कुमार टण्डन की निशानदेही पर विधिवत् जप्त कर थाना पुरानी भिलाई में आरक्षक विजय धुरंधर 1654 एवं अनिल कुमार टण्डन के विरूद्ध अप.क्र.- 126/2025, धारा 20 (बी) (II) (बी) एनडीपीएस एक्ट कायम कर दोनों आरोपी आरक्षक एवं अनिल टण्डन को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में पेश किया गया । प्रकरण पंजीबद्ध होने एवं गिरफ्तार होने पर आरक्षक विजय धुरंधर 1654 को निलंबित किया गया था ।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, दुर्ग श्री विजय अग्रवाल व्दारा निलंबित आरक्षक विजय धुरंधर क्रमांक-1654 के व्दारा पुलिस रेग्यूलेशन के पैरा 64 (2) (3) व 596 एवं म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 03 का स्पष्ट अवहेलना किये जाने पर भारत का संविधान के अनुच्छेद-311 के खण्ड (2) के उपखण्ड "ख" के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों के आधार पर निलंबित आरक्षक 1654 विजय धुरंधर को गंभीर कदाचरण के लिए "सेवा से पदच्युत" (Dismissal from service) किये जाने का आदेश पारित किया गया है।