भिलाई .. असल बात न्यूज़. स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के शिक्षा विभाग द्वारा बीएड के प्रशिक्षार्थियों के शिक्षण कौशल विकास ...
भिलाई ..
असल बात न्यूज़.
स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के शिक्षा विभाग द्वारा बीएड के प्रशिक्षार्थियों के शिक्षण कौशल विकास हेतु बारह दिवसीय टीचिंग एवं लर्निंग कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में विद्यार्थी पहले किसी अध्याय या पाठ का अभ्यास करते हैं, उसकी तैयारी करते हैं एवं विभिन्न कौशलों जैसे शिक्षण कौशल, शिक्षण विधियां, शिक्षण सूत्र, शिक्षण तकनीकी, प्रश्नों के प्रकार, शिक्षण प्रविधियां, सहायक शिक्षण सामग्री, शिक्षण सिद्धांत, शिक्षण सूत्र, सूक्ष्म शिक्षण आदि विषयों पर प्रशिक्षण देते हैं, जिससे बीएड प्रशिक्षार्थियों में अच्छे शिक्षक के गुण विकसित हो सके इसी के तहत टीचिंग लर्निंग कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए डॉ. अभिलाषा शर्मा स.प्रा. शिक्षा विभाग ने कहा बीएड के विद्यार्थियों में शिक्षण कौशल के विकास के साथ ही विषय वस्तु को खुद से सीखने के कौशल का विकास करना है।
कार्यशाला में विद्यार्थियों के विभिन्न समूह ने विभिन्न विषयों पर प्रस्तुतीकरण द्वारा विषयों के सूक्ष्म बिंदुओं पर प्रकाश डाला तथा मुख्य बिंदुओं को नोट भी किया जिससे विद्यार्थियों को शिक्षक प्रायोगिक परीक्षा में उसका लाभ प्राप्त हो सके एवं साथ ही उन्हें कुशल शिक्षक बनने में सहयोग प्रदान कर सके। अंत में प्रत्येक विषय के व्याख्यान के पश्चात प्रशिक्षार्थी समूह से विद्यार्थियों द्वारा शंका समाधान किया गया, जिसका प्रशिक्षार्थियों के समूह ने उत्तर देकर निवारण किया यदि समूह के जवाब से विद्यार्थी संतुष्ट नहीं हुए तो प्राध्यापकों के पैनल द्वारा उनके प्रश्नों का उत्तर देकर उनकी समस्याओं का समाधान किया गया।
श्री शंकराचार्य शिक्षण परिसर, हुडको के निदेशक डॉ. दीपक शर्मा ने कहा टीचिंग लर्निंग कार्यशाला विद्यार्थियों के द्वारा विषय वस्तु को आसानी से समझने एवं सीखने सिखाने की प्रक्रिया है, इसके लिए शिक्षा विभाग को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने विद्यार्थियों को स्वयं करके सीखने की मनोवैज्ञानिक विधि द्वारा विषय एवं शिक्षण कौशल के अधिगम सिखाने हेतु प्राध्यापकों को बधाई दी तथा उनके अच्छे एवं कुशल शिक्षक बनने की कामना की। उपप्राचार्य डॉ. अजरा हुसैन ने कहा कि, इस प्रकार के प्रशिक्षण द्वारा हम विद्यार्थियों में विभिन्न शिक्षण कौशलों का विकास कर युवा विद्यार्थियों को उत्तम शिक्षक बनाकर श्रेष्ठ राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं।
शिक्षक बनने हेतु जिन कौशलो की आवश्यकता होती है उन बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुये राजगुरु ग्रुप ने सूक्ष्म शिक्षण क्या है? उसकी आवयश्कता को समझाया। भूदीप सार्वा, सेजस, शिवा झा बीएड चतुर्थ सेमेस्टर ने बताया पाठ योजना जो शिक्षण का महत्वपूर्ण अंग है उस पाठ्योजना को तीन प्रकार हरबर्ट की पंचपदी, ब्लूम का वर्गीकरण एवं नई तालिम शिल्प आधारित विधि द्वारा पाठ्योजना बनाकर स्कूल में विद्याथियों को पढ़ाया जाता है। मनमीत कौर लूथरा, प्रगति कौर पोथिवाल, मानस, प्राची खापरे बीएड चतुर्थ सेमेस्टर ने बताया कि शिक्षण विधियां शिक्षक के लिए अति आवश्यक है। इन विधियो प्रविधियां के बिना अध्ययन पूर्ण नहीं है। अच्छे शिक्षक के गुण को समझाते हुए डाली पिस्दा, रेशमी कुंजाम, संदीप टिर्की बीएड चतुर्थ सेमेस्टर ने बताया कि एक अच्छे शिक्षक में धैर्य, सहानुभूति, स्पष्ट ज्ञान संचार और छात्रों के प्रति समर्पण होना चाहिए। विज्ञान गणित जैसे विषयों को हम शिक्षण सहायक साम्रगी के द्वारा अच्छे से समझा सकते है जैसे रोटी, बॉल दिखाकर गोलाकार आकृति को समझाया गया, नमक को पानी में घोलकर घुलनशील पदार्थ के बारे में दिखाया गया, ठोस को पत्थर दिखाकर बताया गया। इस विषय में जिससे विद्याथियों का ज्ञान स्थिर रहता है शिक्षण सहायक सामग्री की जानकारी विभा, हिमांशु मेश्राम, बाबई बिस्वास, ऐश्वर्य वर्मा बीएड चतुर्थ सेमेस्टर ने दिया। ज्योति साहू, हेमा साहू, खुशाल पटेल, हर्षा साहू बीएड चतुर्थ सेमेस्टर द्वारा शिक्षण सिद्धांत को प्रस्तुत किया गया।
दिक्षा, आसफा अजहर, समीक्षा, हर्षिता गजेन्द्र, रितिका बघेल बीएड चतुर्थ सेमेस्टर ने शिक्षण सूत्र को विस्तार से समझाया। शिक्षण कौशल की बेहतरीन प्रस्तुती हुमेश कुमार, प्रेरणा, अनुपम, कुलेश्वर कुमार बीएड चतुर्थ सेमेस्टर द्वारा की गई। सीखने सिखाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए अन्य समूह ने शिक्षण युक्तियों के बारे में जानकारी मुस्कान, दीपक कुमार, भावना ठाकुर, टिकेश्वर बीएड चतुर्थ सेमेस्टर ने दिया। विद्यार्थियों के प्रश्नों का उत्तर डॉ. शैलजा पवार प्रोफेसर शिक्षा विभाग ने पाठ योजना के पंचपदी नियम के बारे में जानकारी दी। डॉ. दुर्गावती मिश्रा स.प्रा. शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों को शिक्षण कौशलों के सही उपयोग के बारे में जानकारी दी।
स.प्रा. डॉ. दुर्गावती मिश्रा, स.प्रा. डॉ. मंजू कनौजिया, प्रोफेसर डॉ. शैलजा पवार शिक्षा विभाग ने कार्यशाला को सफल बनाने में विशेष सहयोग एवं मार्गदर्शन प्रदान किया। इस अवसर पर बीएड चतुर्थ वर्ष के समस्त विद्यार्थीगण एवं प्राध्यापक उपस्थित थे।