छत्तीसगढ़ . असल बात न्यूज़. 0 विशेष संवाददाता प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्षों की घोषणा होनी कब से शुरू ...
छत्तीसगढ़ .
असल बात न्यूज़.
0 विशेष संवाददाता
प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्षों की घोषणा होनी कब से शुरू हो जाएगी ?इसको लेकर पार्टी के आम कार्यकर्ताओं में ही नहीं राजनीति में झुकाव रखने वाले लोगों में भी उत्सुकता बनी हुई है.मंडल अध्यक्षों के मनोनयन के लिए पूरे प्रदेश घर में पार्टी की जिला स्तर पर बैठकें हो गई है. इन बैठकों में सभी जगह तीन-तीन नाम का पैनल बनाया गया है. हालांकि कुछ स्थानों पर एक नाम पर ही सहमति बन गई है,लेकिन वहां भी तीन नामों को रखा गया है. इधर नए राजनीतिक घटनाक्रम भी देखने में आ रहे हैं. कुछ स्थानों से कार्यकर्ता, प्रदेश संगठन प्रभारी के पास पहुंचे हैं और यहां आरोप लगाया गया है कि सत्ता और संगठन में बैठे लोगों ने,अपने पसंदीदा लोगों का नाम ही आगे बढ़ा दिया है. जो सक्रिय कार्यकर्ता हैं उनकी उपेक्षा की गई है.बताया जा रहा है कि पार्टी में ऐसी शिकायतों को गलत नहीं माना जा रहा है.कहा गया है कि चुनाव की प्रक्रिया के दौरान किसी को कोई आपत्ति है,कोई दावा करना चाहता है तो उसमें कोई बुराई नहीं है.एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि पार्टी के जिला अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया 21मई से शुरू हो जाएगी और उसके पहले मंडल अध्यक्षों का चुनाव कर लिया जाना है.पार्टी इस बार लगभग सभी जिलों में,नए अध्यक्ष को बिठाने के मूड में है.
जिला स्तर पर बैठके लेकर,मंडल अध्यक्षों के चुनाव के लिए बड़ी प्रक्रिया पूरी करने के बाद तीन-तीन नाम का पैनल तैयार किया गया है.लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि तीन -तीन नाम में से ही नाम तय किया जाना है तो आखिर,उसमें,से मंडल अध्यक्षों की घोषणा करने में इतनी देरी क्यों हो रही है? अंदरूनी सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार बताया जा रहा है कि पार्टी सभी प्रक्रिया को पूरी कर रही है. जो नाम आए हैं, वे सभी नाम पार्टी के द्वारा जो क्राइटेरिया बनाया गया है उसमें खरे उतरते हैं अथवा नहीं, इसका गहन परीक्षण किया जा रहा है.बताया जा रहा है कि जो तीन नाम आए हैं उसमें से भी कई जगह कुछ नाम उम्र के क्राइटेरिया के वजह से कट गए हैं. कुछ लोगों ने अधिक उम्र होने के बावजूद 45 वर्ष से अंडर का बताकर मंडल अध्यक्ष बनने के लिए दावा कर दिया है. शक और शिकायतें होने पर, ऐसे लोगों से दसवीं की मार्कशीट मंगाई जा रही है. क्राइटेरिया के और अन्य तथ्यों की भी गंभीरता पूर्वक जांच की जा रही है.
पार्टी के वरिष्ठ नेता और मंडल अध्यक्ष चुनाव समिति के प्रमुख पदाधिकारी अनुराग सिंह देव ने हमसे बातचीत करते हुए कहा है कि मंडल अध्यक्षों को जो चुनाव होना है वह निर्धारित समय के भीतर पूरा हो जाएगा. हम सभी प्रक्रियाओं को पूरा कर रहे हैं. जिला स्तर पर महत्वपूर्ण बैठक हुई है जिसमें चुनाव के लिए अधिकृत सभी पदाधिकारी उपस्थित थे. वहां से जो नाम आए हैं उनका अध्ययन किया जा रहा है,परीक्षण किया जा रहा है. चुनाव के लिए अलग-अलग लेवल पर वरिष्ठ पदाधिकारी से चर्चा की जा रही है. जिला निर्वाचन पर्यवेक्षक, संभाग प्रभारियों से लगभग चर्चा हो चुकी है. पार्टी का निर्देश है कि जो नाम आए सभी का वेरिफिकेशन किया जाना है और इसके चलते भी देरी हो रही है. यह कोई बहुत अधिक देरी नहीं है निर्धारित समय पर मंडल अध्यक्ष का चुनाव पूरा कर लिया जाएगा. प्रदेश स्तर पर संगठन प्रभारी से भी चर्चा की जाएगी.
वरिष्ठ पदाधिकारी शिव रतन शर्मा ने कहा कि जिला स्तर से मण्डल अध्यक्ष के नाम आ गए हैं.इसके बाद भी कोई कार्यकर्ता मंडल अध्यक्ष के नाम पर,कहीं कोई आपत्ति करता है अथवा दावा करता है तो इसमें कोई बुराई नहीं है. समन्वय समिति से नाम आ रहे हैं. सभी वरिष्ठ पदाधिकारी नेताओं के लिए सहमति से नाम तय होगा. अध्यक्ष बनने के लिए किसी को भी अपना नाम रखने का अधिकार है.मंडल अध्यक्षों का चुनाव करने में देरी नहीं होगी. इसके बाद अन्य पदाधिकारियों के चयन के लिए भी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.पार्टी की जिला अध्यक्षों का चुनाव भी शीघ्रतिशीघ्र करने की तैयारी है.
संगठन के पदाधिकारी संदीप शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में पदाधिकारियों का चयन सर्वसम्मति से होता है और मंडल अध्यक्षों का चुनाव भी आम सहमति से हो जाएगा. इसकी सभी प्रक्रिया पूरी की जा रही है.जिला स्तर पर सभी नाम पर विचार हुआ है और वहां से सूची बनाकर प्रदेश के पास आ गई है. जिला स्तर पर पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता बैठे थे. वहां जिन्होंने आवेदन किया था सभी का नाम रखा गया था. उन्होंने संकेत दिया है कि प्रदेश में आज से कुछ स्थानों पर मंडल अध्यक्षों की घोषणा होनी शुरू हो जाएगी.
प्रदेश में रायपुर,दुर्ग भिलाई,बिलासपुर अंबिकापुर रायगढ़ जैसे जिले हैं जहां भारतीय जनता पार्टी में मंडल अध्यक्षों के चुनाव के लिए भारी मारामारी की स्थिति दिख रही है. पार्टी ने उच्च स्तर पर अभी बदलाव पर जोर दिया है तो पार्टी के आम कार्यकर्ताओं के बीच से आवाज आ रही है,कि मंडल अध्यक्षों के चुनाव में भी जो संगठन और सत्ता में बैठे हुए लोग हैं सिर्फ उनकी पसंद के लोगों को ही जगह नहीं मिलनी चाहिए. बल्कि स्थानीय लोगों की भावनाओ का ध्यान रखा जाना चाहिए. पार्टी ने दावा आपत्ति करने के लिए अभी भी जो जगह दे रखी है उससे आम कार्यकर्ताओ में उत्साह दिख रहा है. हो सकता है कि कार्यकर्ताओं की भीड़,अभी भी संगठन के प्रदेश पदाधिकारियों से मिलने के लिए पहुंचती दिखे. इससे भी इनकार नहीं किया सकता कि मंडल अध्यक्षों के चुनाव में क्षेत्र के विधायक और सांसद के सुझाव की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी.
अब -यह भी जान लीजिए कि मंडल अध्यक्षों के चयन में क्या-क्या देखा जा रहा है. सबसे पहले तो यह देखा जा रहा है कि आवेदक,पार्टी के प्रति कितना समर्पित रहा है.उसमें पिछले वर्षों के दौरान क्षेत्र में क्या-क्या काम किए हैं. किन-किन पदों पर रहा है और उसमें उसकी कैसे सक्रियता रही है कैसा प्रदर्शन रहा है. इन पर जो खरा उतरेगा वही,मंडल अध्यक्ष बन सकेगा.