Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


विधायक मूणत के सवाल पर आवास एवं पर्यावरण मंत्री ने की घोषणा, स्‍मार्ट सिटी में गड़बड़ियों की होगी जांच

  रायपुर।  : स्मार्ट सिटी रायपुर और नवा रायपुर की ओर से कराए गए निर्माण कार्यों की गड़बड़ियों की सरकार विभागीय जांच कराएगी। आवास एवं पर्यावर...

Also Read

 रायपुर। : स्मार्ट सिटी रायपुर और नवा रायपुर की ओर से कराए गए निर्माण कार्यों की गड़बड़ियों की सरकार विभागीय जांच कराएगी। आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने सदन में इसकी घोषणा की। विधानसभा में बजट सत्र के छठवें दिन रायपुर-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजेश मूणत ने नवा रायपुर स्मार्ट सिटी और रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड में अपात्र कंपनियों को आवंटित किए गए कामों पर सदन का ध्यान आकृष्ट कराया।



मूणत ने आरोप लगाया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में अधिकारियों ने मिलीभगत कर एक हज़ार करोड़ रुपये का काम अपनों को दे दिया गया। काम लेकर उसे सबलेट कर दिया गया। केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना की कल्पना के अनुरूप काम नहीं हुआ। रायपुर और नया रायपुर में स्मार्ट सिटी में करोड़ों की बंदरबांट शुरू हो गई।आवास एवं पर्यावरण मंत्री चौधरी ने कहा कि रायपुर में दो स्मार्ट सिटी लिमिटेड है। इनमें नवा रायपुर और रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड हैं। सभी निविदाएं आनलाइन जारी की गई थीं। न्यूनतम दर पर निविदा दी गई थी। कुछ प्रकरणों में सबलेट किया गया। यह सबलेट कुछ निविदाओं में हुआ, जो 25% के तय मानक के अनुरूप है। अधिकारियों की मिलीभगत से एक हज़ार करोड़ से ज्यादा का काम देना सही नहीं है।

चौपाटी निर्माण नियमों के विरुद्ध: राजेश मूणत

विधायक राजेश मूणत ने रायपुर के एजुकेशन हब साइंस कालेज के पास निर्मित चौपाटी का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने चौपाटी के निर्माण को नियम विरुद्ध बताते हुए कहा कि बिना एनओसी के चौपाटी बना दी गई। यूथ हब के नाम पर प्रोजेक्ट लाकर चौपाटी बना दी। हाई कोर्ट को भी गुमराह कर दिया गया।

चुनाव के पहले इतनी हड़बड़ी थी कि दुकानों के अलाटमेंट की प्रक्रिया तेज कर दी गई। स्मार्ट सिटी के नाम पर लूट मचाकर रख दिया गया था। हम भूख हड़ताल पर बैठे थे। जिन व्यक्तियों ने नियम के विपरीत जाकर काम किया है, उनके विरुद्ध क्या जांच की जाएगी? इसे लेकर मंत्री चौधरी ने कहा- रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड में सदस्य ने कई विषयों को रखा है। नगरीय प्रशासन विभाग की ओर से जांच कराकर जो गलत हुआ है, उस पर कार्रवाई करने की घोषणा सदन में की गई है।

मूणत ने कहा 2018 में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट आया था। इसके तहत अकेले रायपुर शहर में ट्रैफ़िक व्यवस्था सुधारने के लिए स्मार्ट सिटी फंड से 209 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए। मल्टीलेवल पार्किंग के लिए 28 करोड़ खर्च हुए। बूढ़ातालाब तो प्रयोगशाला बन गया है। मूल स्मार्ट सिटी की कल्पना जीरो कर दी गई।