दुर्ग . असल बात news. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं छ०ग०राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देशानुसार वर्ष 2024 क...
दुर्ग .
असल बात news.
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं छ०ग०राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देशानुसार वर्ष 2024 की चतुर्थ एवं अंतिम "नेशनल लोक अदालत जिला न्यायालय दुर्ग, परिवार न्यायालय दुर्ग, श्रम न्यायालय दुर्ग, स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवाए) दुर्ग तथा किशोर न्याय बोर्ड, व तहसील न्यायालय भिलाई-3. पाटन, व धमधा में आयोजित की जावेगी।इस में सुनवाई एवं निराकरण हेतु कुल दस हजार से अधिक मामलें प्रस्तुत होंगे. इस लोकल से पीड़ित पक्षकारों को बड़ी उम्मीदें हैं.
उक्त तिथि को आयोजित नेशनल लोक अदालत की तैयारी अपने अंतिम चरण में है जिसके तहत आपसी राजीनामा योग्य आपराधिक मामलें, सिविल मामलें, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण से संबंधित मामलें, परिवार न्यायालय में पारिवारिक विवाद के प्रकरण, श्रम न्यायालय के प्रकरण, स्थायी लोक अदालत में जनोपयोगी सेवा से संबंधित प्रकरण व राजस्व से संबंधित लगभग 13743 मामले एवं बैंक वित्तीय संस्था / विद्युत / दूरसंचार एवं नगर निगम के बकाया राशि के संबंध में संबंधित विभाग द्वारा न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किये जाने के पूर्व "प्री-लिटिगेशन" प्रकरण के कुल 8886 से अधिक मामलें सुनवाई हेतु रखे गये है। वहीं संबंधित चिन्हांकित व रखे गये मामलों के नेशनल लोक अदालत की तिथि में अधिकाधिक संख्या में निराकरण किये जाने न्यायालय के पीठासीन अधिकारीगण द्वारा नियमित रूप से पक्षकारों के मध्य प्री-सीटिंग/बैठक का आयोजन अधिक संख्या में किये जा रहे है। जिससे 14 दिसंबर 2024 को आयोजित नेशनल लोक अदालत में अधिकाधिक संख्या में प्रकरण निराकृत होने की संभावना है।
दिनांक 14 दिसंबर 2024 को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में चिन्हांकित कर रखे गये मामलों की सुनवाई हेतु जिला न्यायालय दुर्ग परिवार न्यायालय दुर्ग, व्यवहार न्यायालय तहसील भिलाई-3, पाटन, धमधा एवं किशोर न्याय बोर्ड, जनोपयोगी सेवा से संबंधित स्थायी लोक अदालत (जनो.से.) तथा श्रम न्यायालय के कुल 34 खण्डपीठ का गठन माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश, दुर्ग के निर्देशानुसार गठित की गई है। संबंधित गठित खण्डपीठ में नेशनल लोक अदालत की तिथि में प्रकरणों की सुनवाई/निराकरण पक्षकारों के मध्य सौहाद्रपूर्ण वातावरण में आपसी सहमति / राजीनामा के आधार पर किये जायेंगे। नेशनल लोक अदालत में आपसी राजीनामा के आधार पर अपने मामलों के निराकरण हेतु पक्षकार अधिक से अधिक संख्या में संबंधित गठित खण्डपीठ / न्यायालय में उपस्थित रहें और लोक अदालत के माध्यम से अपने मामलों का निराकरण कर समय एवं अन्य कठिनाइयों से बचे क्योंकि नेशनल लोक अदालत में प्रकरण के सौहाद्रपूर्ण वातावरण में पक्षकारों के मध्य विवाद का निपटारा आपसी सहमति / राजीनामा से होने के कारण उक्त निराकृत मामलों की अपील भी नहीं होती है।