रायपुर. असल बात न्यूज़. 0 विधि संवाददाता यहां लगभग 2 साल पहले एक नाबालिग का दुर्दान्त तरीके से अपहरण का प्रयास करने और मर्म स्थल ...
रायपुर.
असल बात न्यूज़.
0 विधि संवाददाता
यहां लगभग 2 साल पहले एक नाबालिग का दुर्दान्त तरीके से अपहरण का प्रयास करने और मर्म स्थल गले पर प्राणघातक हमला करने के आरोपी को 7 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है. द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश रायपुर विजय कुमार मिंज के न्यायालय ने यह सजा सुनाई है.आरोपी हुगली पश्चिम बंगाल से यहां आया था और पीड़ित बच्चे के मोहल्ले में हीनिवास कर रहा था. न्यायालय ने नाबालिग के गले में प्राणातक उपहति करने के आरोपी के प्रति सहानुभूति या सद्भावना बरतना उचित नहीं माना.
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह घटना वर्ष 2022 की है. प्रकरण में पीड़ित बच्चों के चचेरे भाई ने टिकरापारा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. अभियोजन पक्ष के अनुसार मामले की जानकारी इस प्रकार है कि लगभग 8 वर्षीय आदिल अशरफ, घटना के दिन रात में लगभग 8:30 बजे, साइकिल चलाते हुए अपने घर की तरफ लौट रहा था. झंडा चौक संजय नगर के पास आरोपियों में से एक ने उसकी साइकिल को लात मार कर उसे गिरा दिया और उसे एक व्यक्ति का पता पूछने लगे. आरोपी शेख कुर्बान ने अपने पास रखे प्लास्टिक के बोरे को निकालकर बच्चों को उसमें भरने की कोशिश की तथा उसके मर्म स्थल गले पर चाकू जैसी चीज से जानलेवा हमला कर दिया. बच्चा उन दोनों को किसी तरह से धकेल कर वहां से भाग में सफल हो गए और अपने घर पहुंच कर अपनी मां और बहन को इस घटना के बारे में जानकारी दी. पारिवारिक सदस्यों ने थाने पहुंचकर घटना के रिपोर्ट दर्ज कराई.
पुलिस ने विवेचना में पाया के आरोपी शेख कुर्बान यहीं इसी मोहल्ले में एक व्यक्ति शेख महबूब के घर आकर रह रहा था. आदिल अशरफ का अपहरण कर फिरौती वसूलने की प्लानिंग बनाई गई थी.
न्यायालय ने आरोपी के खिलाफ आरोप को प्रमाणित पाया कि 16 वर्ष से कम आयु के अयस्क को उसकी विधिपूर्ण संरक्षकता में से उसके संरक्षक की अनुमति के बिना प्लास्टिक की बोरी में खींचते हुए व्यपहरण के प्रयास का आपराधिक षडयंत्र किया गया और उसके गले जैसे मर्म स्थल पर संघातिक चोटे कारित कर उसकी जान लेने की कोशिश की गई और उसे जान से मारने की धमकी दी गई.
प्रकरण में एक आरोपी के दोष मुक्त कर दिया गया है. आरोपी शेख कुर्बान को भारतीय दंड संहिता की धारा 307, 506, 363, 511/34, 120 बी एवं आयूष अधिनियम की धारा 25 व 27 का अपराध प्रमाणित पाए जाने पर क्रमशः 7 वर्ष और तीन-तीन वर्ष के सश्रम करवा कारावास की सजा सुनाई गई है. आरोपी गिरफ्तारी के बाद से जेल में लगातार अनिरुद्ध है. प्रकरण में एक आरोपी को दोष मुक्त घोषित कर दिया गया है.