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नेशनल हाइवे 930 पर करोड़ों की लागत से बनी सड़क धंसी, कलेक्टर के आश्वासन के बावजूद अब तक जिम्मेदारों पर नहीं हुई कार्रवाई

  बालोद।  जिले में हो रही मूसलादार बारिश ने नेशनल हाइवे पर हुए घटिया सड़क निर्माण की पोल खोल दी है. आज डौंडी ब्लॉक में कुसुमकसा से बालोद जाने...

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 बालोद। जिले में हो रही मूसलादार बारिश ने नेशनल हाइवे पर हुए घटिया सड़क निर्माण की पोल खोल दी है. आज डौंडी ब्लॉक में कुसुमकसा से बालोद जाने वाले नेशनल हाइवे 930 पर करियाटोला के पास बने पुल के आगे एक तरफ की सड़क बुरी तरह से धसक गई. जिसके बाद अनहोनी की आशंका को लेकर पुलिस विभाग ने राहगीरों को दुर्घटना से बचाने और सचेत करने अस्थाई बैरिकेटिंग लगाए गए है. ऐसे में अगर आगामी दिनों में अतिवृष्टि होती है, तो सड़क टूट-बिखर व उखड़ जाएगी, इससे इंकार नहीं किया जा सकता है. वहीं शिकायत के बावजूद अब तक इसका कोई हल न निकलने और जिम्मेदारों पर कार्रवाई न होने से कुसुमकसा गांव के लोगो में आक्रोश है.

बता दें कि कि झलमला से शेरपार तक लगभग 133 करोड़ की भारी भरकम राशि से बनाई जा रही रोड पर कई जगहों पर दरारें उभर आई है, वहीं कुसुमकसा से बालोद की ओर जाने वाले इस एनएच 930 पर बने बड़े पुल के एक ओर सड़क के नीचे डाली गई मिट्टी को खसकने से बचाने के लिए कांक्रीट से लिए से बनाई गई रिटर्निंग वाल के बावजूद 10 मीटर की सड़क बुरी तरह से बैठ गई है, वहीं दूसरी तरफ भी 10 मीटर की सड़क छह इंच से अधिक नीचे बैठ गई और इसी बड़े पुल के साइड से बनाई गई एप्रोच रोड भी बुरी तरह से टूट गई है.

पूर्व जनपद सदस्य अनिल सुधार का कहना है कि उन्होंने सौ से अधिक बार इस बेतरतीब तरीके से बन रहे एनएच की शिकायत मौखिक और लिखित तौर पर जिला प्रशासन सहित एनएच के अधिकारियों को की है, लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ठेकेदार की पहुंच कहां तक है और ऐसे घटिया निर्माण के बाद भी कोई ठोस कार्यवाही न तो ठेकेदार पर होती है और न ही एनएच के अधिकारियों पर, ऐसा प्रतीत होता है कि अब जब इस क्षेत्र की जनता सड़कों पर उतरेगी तभी प्रशासन की नींद खुलेगी.

गौरतलब है कि इससे पहले शनिवार को इसी एनएच पर मानपुर-मोहला में एक निर्माणाधीन पुल के बाजू में आवागमन हेतु बनाया गया परिवर्तित मार्ग बह गया था और वहां के लोगो के द्वारा इस प्रकार के घटिया निर्माण की जांच सहित जल्द से जल्द सड़क को नहीं बनाने पर चक्काजाम और आंदोलन करने की चेतावनी भी दी गई है. वहीं इस संबंध में जिला प्रशासन सहित एनएच का कोई भी अधिकारी जवाब देने को तैयार नहीं है. अब देखना होगा कि राज्य सहित केंद्र सरकार के बड़े नेता और अधिकारी ठेकेदार सहित संबंधित अधिकारियों पर क्या एक्शन लेते है.