पत्नी ने आपत्तिजनक हालत में देख लिया था तो दी थी परिजनों को सूचना, शादी का प्रलोभन देकर नाबालिग से बार-बार ब्लॉतसंग करने के कभी-कभी ट्यूश...
पत्नी ने आपत्तिजनक हालत में देख लिया था तो दी थी परिजनों को सूचना, शादी का प्रलोभन देकर नाबालिग से बार-बार ब्लॉतसंग करने के कभी-कभी ट्यूशन पढ़ने वाले आरोपी को आजीवन कारावास की सजाआजीवन कारावास की सजा
0 अभियुक्त के पक्ष के कई बचाव तर्कों से ही हुई उसपर लगे आरोपों की पुष्टि
0 न्यायालय ने पोक्सो एक्ट के गंभीर मामले में एक साल के भीतर सुनाई सजा,, अपराधी को नहीं मिल सकी जमानत भी
दुर्ग ..
असल बात न्यूज़.
0 विधि संवाददाता
आरोपी ने पीड़िता की न्यूड फोटो खींच ली थी और वीडियो बना लिया था. पहले तो वह शादी का प्रलोभन देता था,फिर न्यूड फोटो वायरल करने की धमकी देकर बार-बार शारीरिक संबंध बनाता रहा.लड़की बुरी तरह से परेशान और घबरा गई थी.आरोपी की पत्नी ने ही उसे संदिग्ध आपत्तिजनक हालत में देख लिया तो उसने पीड़िता के परिजनों को कुछ फोटोस भेजकर उसकी सूचना दी और तब जाकर यह मामला उजागर हो सका. न्यायालय ने आरोपी के खिलाफ दोष सिद्ध पाया है और आरोपी को पोक्सो एक्ट की धारा 6 के अपराध में शेष प्राकृतिक जीवन तक के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. आरोपी के बचाव में पीड़िता की उम्र अधिक होने का तर्क लिया गया,लेकिन न्यायालय के समक्ष बचाव पक्ष का यह तर्क ठहर नहीं सका.
यह घटना स्मृति नगर चौकी सुपेला थाना क्षेत्र के अंतर्गत की है.यह घटना जून 2023 की है और न्यायालय ने इस मामले में तेजी से विचारण औऱ सुनवाई करते हुए सिर्फ एक साल के भीतर इस प्रकरण में फैसला सुना दिया है.अपर सत्र न्यायाधीश, दुर्ग चतुर्थ एफटीएससी कोर्ट श्रीमती संगीता नवीन तिवारी के न्यायालय में प्रकरण में यह निर्णय सुनाया है. पूरा प्रकरण अत्यंत गंभीर किस्म का नजर आता है. एक नाबालिग बालिका का भयादोहन कर किस तरह से शारीरिक शोषण किया जा सकता है वह सब इस प्रकरण में नजर आता है. प्रकरण का एक पहलू यह भी है कि आरोपी की पत्नी ने भी प्रकरण को गंभीरता से लिया और अपने आरोपी पति के खिलाफ शिकायत करने के लिए वह आगे आई.
आरोपी पीड़िता के घर के बगल ही रहता था. पीड़िता दसवीं कक्षा की छात्रा थी. वह आरोपी के घर ट्यूशन पढ़ने जाती थी. उसे कभी आरोपी की पत्नी तो कभी स्वयं आरोपी ट्यूशन पढ़ाता था. माननीय न्यायालय के समक्ष यह बात भी आई कि पीड़िता को, आरोपी ने शादी का प्रलोभन देकर जिस तरह से अपने जाल में फसाया और बार-बार उससे दुष्कर्म करता रहा तो पीड़िता मानसिक रूप से इतनी त्रस्त परेशान हो गई थी कि पढ़ने में अत्यंत तेज होने के बावजूद वह दसवीं कक्षा में फ़ैल भी हो गई थी.
आरोपी विवाहित व्यक्ति है.उसने 16 वर्ष से कम आयु की अप्राप्तवय बालिका के साथ बार-बार गुरुत्तर प्रवेशन लैंगिक हमला कारित किया. न्यायालय ने इसे काफी गंभीरता से लिया है और आरोपी को सजा देने में कोई भी नरमी बरतना न्यायौचित नहीं माना है आरोपी को बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के अपराध में शेष प्राकृतिक जीवन काल तक के लिए आजीवन कारावास और ₹5000 अर्थदंड की सजा सुनाई गई है.
न्यायालय ने प्रकरण में 16 साल से कम उम्र की पीड़िता के साथ हुए अत्याचार शारीरिक शोषण को देखते हुए उसे अनुग्रह राशि देने का भी निर्देश दिया है.
प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की. आरोपी गिरफ्तारी के बाद से लगातार न्यायिक हिरासत में विरुद्ध है.