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स्वरूपानंद महाविद्यालय में बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन

  भिलाई. असल बात news.     स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको ,भिलाई में  बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर पोस्टर प्रतियोगिता ,...

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भिलाई.

असल बात news.    

स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको ,भिलाई में  बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर पोस्टर प्रतियोगिता ,विचारों की अभिव्यक्ति एवं ई- शपथ का आयोजन किया गयाl 

कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए संयोजिका डॉ सावित्री शर्मा, प्रोफेसर, शिक्षा विभाग ने बताया कि बचपन जीवन का सबसे अनमोल समय होता हैl यह दिवस बाल श्रम को खत्म करने और बच्चों को शोषण से बचने के लिए सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता पर जोड़ देता है l बाल श्रम से मुक्त दुनिया बनाने के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित करता हैl समाज में इसी जागरूकता को फैलाने के लिए प्रति वर्ष 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता हैl 

इस वर्ष की थीम है -- "  आईये  अपनी प्रतिबद्धताओं पर काम करें ; बाल श्रम को खत्म करें"


महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ दीपक शर्मा ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि महाविद्यालय द्वारा विविध कार्यक्रमों के माध्यम से आज की ज्वलंत समस्या बाल श्रम जागरूकता हेतु विविध कार्यक्रम आयोजन प्रशंसनीय प्रयास है lउन्होंने कहा कि वर्तमान में बाल मजदूरी के सभी रूपों को समाप्त करने के प्रति प्रतिबद्धता आवश्यक हैl दुनिया भर में 10 में से एक बच्चा बाल मजदूरी में लगा हुआ है बच्चों के बचपन को बचाने के लिए समाज में जागरूकता बढ़ाने के मकसद से यह दिवस अत्यंत महत्वपूर्ण हैl


महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने अपने उद्बोधन में कहा  कहा कि यूनिसेफ का मानना है कि विश्व भर में बच्चों को श्रम कार्य में इसलिए लगाया जाता है ,क्योंकि उनका शोषण आसानी से किया जा सकता है lउन्होंने कहा कि बाल श्रम के साथ-साथ बाल तस्करी की समस्या भी अत्यंत चिंतनीय है lबचपन बचाओ आंदोलन की रिपोर्ट के अनुसार अनिवार्य शिक्षा से वंचित बच्चेसंगठित अपराध रैकेट के शिकार होकर बाल श्रम के लिए मजबूर किए जाते हैंl हमें समाज में जागरूकता लाकर यह सुनिश्चित करना होगा ,कि प्रत्येक बच्चे को स्कूल जाने का अवसर मिले एवं भारत सरकार द्वारा क्रियान्वित कानून का सख्ती से पालन हो l


इस अवसर पर महाविद्यालय के शैक्षणिक एवं और शैक्षणिक स्टाफ द्वारा शपथ ली गई कि बाल श्रम हेतु हर संभव प्रयास किए जाएंगेl अध्यापिका एवं विद्यार्थियों ने भारत सरकार के श्रम मंत्रालय द्वारा ई- सर्टिफिकेट प्राप्त  किया l

पोस्टर प्रतियोगिता के निर्णायक श्रीमती ज्योति तिवारी, सहायक प्राध्यापक ,कला संकाय  ने प्रतियोगिता के परिणामों से अवगत करायाl  l प्रथम स्थान अब्दुल हमीद ने प्राप्त किया ,द्वितीय स्थान ट्विंकल नायक एवं प्रिय परमार ने संयुक्त रूप से प्राप्त कियाl पारस देवांगन तृतीय स्थान पर रहे l

महाविद्यालय की प्राध्यापिकाओं ने विचारों की अभिव्यक्ति कार्यक्रम के अंतर्गत अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बाल श्रम के कारण शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों ही प्रभावित होते हैंl 14 साल से कम उम्र के बच्चों से श्रम करना अपराध माना गया हैl बच्चे हमारे देश का भविष्य है ,उनके हाथों में कलम होनी चाहिएl बाल श्रम का विरोध सबसे महत्वपूर्ण मानव अधिकार मुद्दों में से एक है ,जो बच्चों को उनके मौलिक स्वतंत्रता से वंचित होने से बचाता हैl कार्यक्रम मे महाविद्यालय की समस्त प्राध्यापिका एवं विद्यार्थी उपस्थित रहेl