सातवें चरण में 8.45 बजे तक 59.45 प्रतिशत मतदान सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश और ओडिशा विधानसभा क्षेत्रों के लिए भी मतदान पूरा आयोग...
सातवें चरण में 8.45 बजे तक 59.45 प्रतिशत मतदान
सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश और ओडिशा विधानसभा क्षेत्रों के लिए भी मतदान पूरा
आयोग ने मतदाताओं और सभी हितधारकों के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया
18वीं लोकसभा के लिए सातवें और अंतिम चरण के शांतिपूर्ण मतदान के साथ आम चुनाव आज संपन्न हो गया। आम चुनाव 2024 के सातवें चरण के लिए 57 संसदीय क्षेत्रों में मतदान हुआ, जिसमें रात 8.45 बजे तक लगभग 59.45 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।आम चुनाव के सातवें चरण के लिए हुए मतदान में रात 11:45 बजे तक कुल मतदान लगभग 61.63 प्रतिशत दर्ज किया गया। जैसे-जैसे मतदान दल वापस लौटते रहेंगे, इस आंकड़े को फील्ड स्तर के अधिकारियों द्वारा अपडेट किया जाता रहेगा और यह पहले के चरणों की तरह ही वीटीआर ऐप पर संसदीय क्षेत्र वार (संबंधित विधानसभा क्षेत्र खंड के साथ) सीधा उपलब्ध होगा।
रात 11:45 बजे राज्यवार लगभग कुल मतदान इस प्रकार है:
क्र.सं. | राज्य/केन्द्र-शासित प्रदेश | संसदीय क्षेत्रों की संख्या | लगभग कुल मतदान ( % में) |
1 | बिहार | 8 | 51.92 |
2 | चंडीगढ़ | 1 | 67.9 |
3 | हिमाचल प्रदेश | 4 | 69.67 |
4 | झारखंड | 3 | 70.66 |
5 | ओडिशा | 6 | 70.67 |
6 | पंजाब | 13 | 58.33 |
7 | उत्तर प्रदेश | 13 | 55.59 |
8 | पश्चिम बंगाल | 9 | 73.36 |
उपरोक्त 8 राज्य/केन्द्र-शासित प्रदेश | 57 | 61.63 |
यहां प्रदर्शित आंकड़े फील्ड अधिकारी द्वारा प्रणाली में भरी जा रही जानकारी के अनुसार है। यह एक अनुमानित रूझान है, क्योंकि कुछ मतदान केन्द्रों (पीएस) से आंकड़े प्राप्त करने में समय लगता है और इस रूझान में डाक मतपत्र शामिल नहीं है।
हिमाचल प्रदेश के सबसे ऊंचे मतदान केन्द्र, ताशीगंग में मतदाता
ओडिशा में संसदीय क्षेत्रों के साथ-साथ 42 विधानसभा क्षेत्रों के लिए भी मतदान हुआ। सातवें चरण के समापन के साथ ही 2024 के आम चुनाव के लिए मतदान पूरा हो गया है। अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, आंध्र प्रदेश और ओडिशा की राज्य विधानसभाओं के चुनावों के लिए भी मतदान पूरा हो गया है।
ओडिशा में मतदाता
लोकसभा 2024 के आम चुनाव और आंध्र प्रदेश व ओडिशा की राज्य विधानसभाओं के लिए मतों की गिनती 4 जून, 2024 को निर्धारित है। अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम की राज्य विधानसभाओं के चुनावों के लिए मतों की गिनती 2 जून, 2024 को होगी।
पंजाब और चंडीगढ़ के मतदाता
भारत के निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं, मतदान कर्मियों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों, सुरक्षा और अर्धसैनिक बलों, स्वयंसेवकों, भारतीय रेलवे व वायुसेना सहित सभी हितधारकों के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने इस विशाल प्रक्रिया को एक शानदार सफलता बनाने में योगदान दिया।
भारत में लोकतांत्रिक मूल्यों की ताकत अंडमान और निकोबार और लक्षद्वीप द्वीप समूह में मतदाताओं की भारी संख्या को देखने से परिलक्षित हुई। इन दोनों केन्द्र शासित प्रदेशों में पहले चरण में मतदान हुआ। अंडमान और निकोबार में 64.10 प्रतिशत मतदान हुआ। ग्रेट निकोबार की शोम्पेन जनजाति ने पहली बार लोकसभा चुनाव में भाग लिया। लक्षद्वीप में भी 84.16 प्रतिशत मतदान देखने को मिला। इससे पता चलता है कि मुख्य भूमि से दूर रहते हुए भी इन द्वीपों के लोगों का विश्वास और भरोसा मुख्य भूमि में रहने वालों के समान ही मजबूत है।
सीविजिल पर 87 प्रतिशत से अधिक शिकायतों का 100 मिनट के भीतर समाधान किया गया, जिससे अभियान की अव्यवस्था और शोर कम हो गया क्योंकि नागरिकों ने चुनाव से धन और बाहुबल को बाहर निकालने की जिम्मेदारी ले ली। पहले आओ पहले पाओ के सिद्धांत के आधार पर, सुविधा मंच ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा रैलियों, मैदानों, हॉल आदि के लिए अनुमति मांगने के लिए विभिन्न श्रेणियों के 78 प्रतिशत से अधिक अनुरोधों का पारदर्शी और समय पर अनुमोदन सुनिश्चित किया।
बिहार, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, पंजाब, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल ऐसे राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश हैं जहां इस अंतिम चरण में मतदान हुआ। कुल 904 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे।
देश के 8 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में मतदान
सातवें चरण में राज्यवार अनुमानित मतदाता मतदान (रात 8.45 बजे)
क्रम संख्या | राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश | संसदीय क्षेत्रों की संख्या | अनुमानित मतदाताओं का % |
1 | बिहार | 8 | 50.79 |
2 | चंडीगढ़ | 1 | 62.80 |
3 | हिमाचल प्रदेश | 4 | 67.53 |
4 | झारखंड | 3 | 69.59 |
5 | ओडिशा | 6 | 63.57 |
6 | पंजाब | 13 | 55.86 |
7 | उत्तर प्रदेश | 13 | 55.60 |
8 | पश्चिम बंगाल | 9 | 69.89 |
उपरोक्त 8 राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश | 57 | 59.45 |
निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार, मतदान के एक दिन बाद उम्मीदवारों या उनके अधिकृत मतदान एजेंटों की उपस्थिति में चुनाव पत्रों की जांच की जाती है। यदि कहीं जरूरत हो, तो पुनर्मतदान कराने का निर्णय उसके बाद लिया जाता है।