Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


सिकलसेल की चपेट में बस्तर, 3000 से ज्यादा पॉजीटिव मरीज

  World Sickle Cell Day: छत्तीसगढ़ में सिकल सेल से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है. बस्तर जिला भी इससे अछूता नहीं है. यहां...

Also Read

 World Sickle Cell Day: छत्तीसगढ़ में सिकल सेल से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है. बस्तर जिला भी इससे अछूता नहीं है. यहां मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिले में 3 हजार 613 से ज्यादा लोग सिकल सेल से पीड़ित हैं. आने वाले दिनों में सिकलसेल से पीड़ित मरीजों की संख्या में और अधिक वृद्धि होने की संभावना है.

 ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ शासन और भारत शासन द्वारा गजट नोटिफिकेशन निकालकर सिकलसेल पीड़ित मरीजों को दिव्यांगता की श्रेणी में रखा गया है एवं ऐसे मरीजों को प्रतिमाह निःशुल्क उपचार, दवाइयां, जांच एवं परिवहन की सुविधा दी जा रही है. विशेषज्ञों की मानें तो सिकल सेल अनुवांशिक बीमारी है. यानी एक से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित होती है. सर्वे के अनुसार दस से 12 साल पहले छत्तीसगढ़ में यह बात सामने आई थी कि प्रदेश के कुछ जातियों में यह बीमारी पाई जाती थी, लेकिन आज सिकल सेल के मरीज हर वर्ग जाति के लोग हो रहे हैं. यह लाइलाज बीमारी है, जिससे असमय मौत हो जाती है. सिकल सेल रोग लाल रक्त कोशिका संबंधी बीमारी है और जीन के माध्यम से व्यक्ति को विरासत में मिल जाती है. यह असामान्य जीन से उत्पन्न अनुवांशिक बीमारी है.

एक विशेषज्ञ डॉक्टर ने बताया कि सिकलसेल रोग माता-पिता से बच्चों में जीन के द्वारा होता है. यह संक्रामक नहीं है और व्यक्ति से व्यक्ति में इन्फेक्शन के द्वारा नहीं फैलता. हाथ और पैर में दर्द के साथ सूजन, एनीमिया से थकान या घबराहट, त्वचा का पीलापन, पीलिया, शरीर में लम्बे समय से दर्द रहना इस बीमारी के लक्षण हैं. हालांकि बस्तर के मेकॉज में सिकलसेल यूनिट खोले जाने से मरीजों को इसका लाभ मिल रहा है.

शादी के पूर्व जेनेटिक काउंसिलिंग जरूरी

विशेषज्ञ डॉक्टर ने बताया कि इस बीमारी का कोई स्थाई उपचार नहीं है. यह एक अनुवांशिक बीमारी है जो माता-पिता से संतानों में पाई जाती है. इस बीमारी से बचने का सिर्फ एक ही उपाय है कि हम शादी के पूर्व जेनेटिक काउंसिलिंग कराएं तभी शादी की जानी चाहिए. शादी के पूर्व अनिवार्य सिकलिंग जांच होना आवश्यक है.