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बारूद फैक्ट्री का सेंट्रल आर्डिनेंस डिपो जबलपुर की टीम ने बोरसी पहुंचकर किया निरीक्षण सुरक्षा बचाव के लिए कई गाइडलाइन फैक्ट्री की कई चीजों को भारी मात्रा में भिगोने को कहा गया

रायपुर  असलबात न्यूज़ छत्तीसगढ़ राज्य के बेमेतरा जिले के बरेला ब्लॉक के एक गांव पिरदा में स्थित बारूद फैक्ट्री में अचानक हुए भयावाह विस्फोट ...

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रायपुर 

असलबात न्यूज़




छत्तीसगढ़ राज्य के बेमेतरा जिले के बरेला ब्लॉक के एक गांव पिरदा में स्थित बारूद फैक्ट्री में अचानक हुए भयावाह विस्फोट का काला धुआं अब तक आसमान में छटा नहीं है, और विस्फोट की गुंज थम नहीं रही है। इस विस्फोट में वहां काम कर रहे मजदूरों के जिस तरह से चीथड़े उड़ गए भयावह विस्फोट में 10 से अधिक युवा पल भर में खाक हो गए। उस उद्योग जगत में श्रमिकों की हालत सुरक्षा सुविधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था सहित कई मुद्दों पर कई बड़े सवाल खड़े हो गए हैं। ईश्वर ने छत्तीसगढ़ को बहुत कुछ दिया है। यह पूरा राज्य खनिज जल हरे- भरे वन विशाल मानव संसाधन से भरपूर है। यह सब चीज देश-विदेश के उद्योगों को अपनी ओर आमंत्रित करती है।इसके चलते छत्तीसगढ़ के कई क्षेत्रों में व्यापक औद्योगिकरण बड़ा है। श्रम संसाधन यहां बहुत सरल और सस्ता है, लेकिन औद्योगिक जगत के लोगों को भी यह स्वीकार करने को तैयार नहीं होंगे कि सस्ते श्रम संसाधन की नियति चीथड़े उड़कर रह जाना चाहिए।

अब तक जो जानकारी प्राप्त हुई है उसके अनुसार यहां पिरदा बरेला में जिस फैक्टरी में विस्फोट हुआ है, वह फैक्ट्री स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड औद्योगिक विस्फोटकों का उत्पादन करती है। फैक्ट्री में कारडेक्स, पीईटिएन अमोनिया, नाइट्रेट, सल्फर, चीनी इत्यादि का बारूद निर्माण कार्य के लिए बड़े पैमाने पर लगातार भंडारण होता रहा है। यह कंपनी यहां लगभग 100 एकड़ विशाल क्षेत्र में फैली हुई है। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कितने बड़े पैमाने पर विस्फोटक को तैयार करने और विस्फोटकों को तैयार करने के लिए कितने बड़े पैमाने पर रॉ मैटेरियल रखने का काम होता था जानकारी के विस्फोटक सामग्री से लदा एक ट्रक आज भी यहां पहुंचा था लेकिन उसे दूर से ही फैक्ट्री तक जाने नहीं दिया गया। सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा कर्मचारी ने उसे वहां रास्ते से ही वापस लौटा दिया।

औद्योगिक उपयोग के लिए डाया स्लदी, विस्फोटक बल्क एमल्शन, वॉटर जेल एक सपल डोटोनेटिंग फ्यूज इत्यादि विस्फोटक चीज बनाई जाती थी। भयावाह विस्फोट से यहां जान माल का भारी नुकसान हुआ है। जानकारी के अनुसार फैक्ट्री के विस्फोटक भंडारण रैंक में से आज निकली और उसे दिन सुबह लगभग 7:45 बजे इनमें दिल दहला देने वाली विस्फोटक घटना हो गई।

असल बात न्यूज़ ने पहले उल्लेख किया है कि ऐसा भयावह विस्फोट सिर्फ आधे घंटे बाद हुआ होता तो, उनमें 300 से अधिक लोगों की जान जा सकती थी और उसमें महिला श्रमिकों की संख्या भी काफी अधिक होती क्योंकि तब वहां जनरल शिफ्ट में काम करने वाले सैकड़ो श्रमिक पहुंच गए होते और वहां विस्फोट इतना भयावाह था कि किसी का भी उसकी चपेट में आने से बचपाना मुश्किल था।

सेंट्रल ऑर्डिनेंस डिपो जबलपुर की एक टीम ने मेजर जयदीप के नेतृत्व में इस बारूद उत्पादक का निरीक्षण किया है। इस टीम में एक जेसीओ,  दो गोला बारूद टेक्नीशियन भी शामिल थे, जिसमें टीम के दो बम सूट, दो विस्फोटक बंपर डिटेक्टर शामिल थे और अन्य जरूरी सामग्रियों के साथ यहां पहुंची थी। यहां जिला प्रशासन द्वारा टीम से विस्फोट और विस्फोटक के बारे में तकनीकी विशेषज्ञ प्रदान करने का अनुरोध किया गया था। जिसके बाद यहां टीम पहुंची थी, टीम के सदस्यों ने यहां जिला प्रशासन के भी कई अधिकारियों से बात की है और जानकारियां ली हैं और विस्फोट तक सुरक्षा के संबंध में व्यापक दिशानिर्देश लिया है, टीम ने भी उत्पादक का दौरा किए जाने की संभावना है, सेंट्रल रोड डिपो जबलपुर की टीम ने पीईएसओ द्वारा किए जाने तक और निरीक्षण किए जाने तक उत्पादक का संचालन नहीं करने और विस्फोटकों को हटाने की अनुमति नहीं देने को कहा है।

सेंट्रल आर्डिनेंस की टीम के निरीक्षण के बाद फैक्ट्री में विस्फोट और उसके बाद के हालात पर कई नई चीजें सामने आई हैं। जिनमें से दो बड़ी बातें सामने आई है इनमें पहला है कि 24 में 2024 तक फैक्ट्री के तैयार प्रोडक्ट में पीईटिएन का बड़ा हिस्सा बचा हुआ है, पीईटिएन के इस हिस्से को पानी में डुबोकर रखना को कहा गया है। 

दूसरी बड़ी बात यह है कि निर्माता के विस्फोटक भंडारण टैंक के तीन-चार कंटेनरों से सांद्र नाइट्रिक एसिड के डिस्चार्ज की जानकारी सामने आई है, सांद्र नाइट्रिक एसिड के कंटेनरों से डिस्चार्ज होने का खतरा है, फिर भी यह कहना मुश्किल है कि सांद्र नाइट्रिक एसिड के कंटेनरों में डिस्चार्ज का भी कोई परिणाम हो सकता है। सेंट्रल आर्डिनेंस टीम ने उन्हें भारी मात्रा में पानी से भिगोने का कहा है, जिन कंटेनरों से सांद्र नाइट्रिक एसिड के डिस्चार्ज हो रहे हैं, उन्हें भी भारी मात्रा में पानी से भिगोने का कहा है,  

इस फैक्ट्री में अभी भी भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री का भंडार है, वही तैयार माल भी भारी मात्रा में बना हुआ है, इससे अभी भी खतरा है कि वह थोड़ी भी लापरवाही बड़ा परिणाम भुगतान कर सकता है, बारिश से खेलने का शौक तो शायद किसी को होगा, लेकिन सुरक्षा अभियान के आधार पर जो काम करने वाला है, वह भी काम आसान नहीं है, लेकिन उन्हें किसी भी तरह की खतरनाक परिणाम भुगतान करना पड़ सकता है। 

 विस्फोट के बाद फैक्ट्री का गेट भी बंद हो गया है, जिसके बाद गेट पर सुरक्षा बल के जवान तैनात कर दिए गए हैं, और किसी को भी अंदर जाने नहीं दिया जा रहा है। लेकिन इसके बाहर स्थानीय ग्रामीण और आम जनता के मन में कई सारे सवाल तैयार हो रहे हैं और विस्फोट के बाद कई लोगों के लापता होने की आशंका जा रही है। तो वही सवाल यह है कि पीड़ितों में क्या सब कुछ खत्म कर दिया गया है और पीड़ितों में अब कोई बचा नहीं है, इस सवाल का भी उचित उत्तर देना जरूरी है कि घटना के समय वास्तव में कितने लोग काम कर रहे थें जिनमें महिलाएं भी थीं। फैक्ट्री प्रबंधन या प्रशासन की ओर से इन सवालों का जवाब देने वाला कोई नहीं है, इन सवालों पर शायद ही कोई अधिकृत बयान दिया गया हो जो प्रभावित हुआ हो वे भी न्याय चाहते हैं फिलहाल बारूद फैक्ट्री के विस्फोट की गूंज तो सुनाई नहीं दे रही है लेकिन न्याय के लिए प्रभावितो ग्रामीण और आम जनता की कराह जरूर सुनाई दे रही है। भगवान से प्रार्थना है की बारूद के ढेर पर बैठे इस गांव में अब कभी भी भयावह विस्फोट की काला धुआ ना उठे।


                              छत्तीसगढ़ बेमेतरा।                                   असल बात न्यूज़