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मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी कार्यालय ने दी कार्रवाई की चेतावनी,गंगोत्री अस्पताल दुर्ग में भारी अनियमताए की शिकायतें, आयुष्मान कार्ड से नहीं किया जाता, इलाज मानवता हो रही है शर्मसार

दुर्ग आयुष्मान कार्ड से इलाज की सुविधा नहीं देने से बढ़ रहा है मरीजों और उनके परिजनों में बढ़ रहा है आक्रोश, शिकायत पर मुख्य चिकित्सा एवं स्...

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आयुष्मान कार्ड से इलाज की सुविधा नहीं देने से बढ़ रहा है मरीजों और उनके परिजनों में बढ़ रहा है आक्रोश, शिकायत पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय दुर्ग ने संबंधित अस्पतालों को दी नियमानुसार कार्रवाई करने की  चेतावनी 


 केंद्र राज्य औऱ सरकार के द्वारा आम लोगों, कमजोर वर्ग के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कई सारे प्रयास किए जा रहे हैं. शासकीय अस्पतालों में भी अत्याधुनिक  उपकरणों तथा मानव संसाधनों की सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं तो वहीं आयुष्मान कार्ड से निजी अस्पतालों में भी निशुल्क चिकित्सा की सुविधा दी जा रही है ताकि जो कुछ सुविधा शासकीय अस्पताल में उपलब्ध नहीं हैं कमजोर वर्ग के मरीज उसका लाभ पाने से वंचित ना रह जाए और वे सब Bana निजी अस्पतालों में भी बेहतर इलाज की सुविधा प्राप्त कर सके . पिछले वर्षों के दौरान आम लोगों के बेहतर इलाज के लिए शुरू की गई आयुष्मान कार्ड  की सुविधा का कई तरह से दुरुपयोग किए जाने की जानकारी सामने आ रही है तो वहीं ढेर सारे स्थानों पर  मरीजों का आयुष्मान कार्ड से निशुल्क इलाज नहीं करने की शिकायतें भी सामने आ रही हैं. शिकायत है कि कई सारे अस्पताल मरीज को आयुष्मान कार्ड से निशुल्क इलाज की सुविधा नहीं देना चाहते हैं और वह मरीजों से किसी न किसी तरह से नगद राशि वसूल लेते हैं.अभी इसी तरह किसी का सामने आई है तो मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय दुर्ग ने संबंधित अस्पताल को पत्र लिखकर आयुष्मान कार्ड से इलाज की सुविधा नहीं देने पर नियमानुसार  कार्रवाई करने के चेतावनी दी है.


 आम लोगों को बेहतर इलाज के लिए आज भी कई सारी सुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है. खासतौर पर आयुष्मान कार्ड से इलाज  करने के लिए मरीज उनके परिजनों और अस्पताल प्रबंधन के बीच हर दिन नोक झोक, बहसबाजी  होती दिखती है. ऐसी सीखने सामने आ रहे हैं कि कई सारे अस्पताल आयुष्मान कार्ड से न्यूज़ शुल्क इलाज के सुविधा किसी भी हालत में देना ही चाहते हैं और ऐसे अस्पतालों को के द्वारा नगद राशि नहीं देने पर मरीजों और उनके परिजनों को कई तरह से प्रताडित करना शुरू कर दिया जाता है.


 एक मरीज की ऐसी ही शिकायत पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय दुर्ग के द्वारा यहां के गायत्री अस्पताल प्रबंधन को पत्र लिखा गया है. इस पत्र में निर्देश देते हुए बताया गया है कि जिला अस्पताल दुर्ग के द्वारा मरीज की स्थिति गंभीर हो जाने पर उसे बेहतर इलाज के लिए उच्च चिकित्सा संस्था मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया था. पत्र में कहा गया है कि के संस्थान जिला अस्पताल दुर्ग से उच्च चिकित्सा संस्था नहीं है लेकिन फिर भी मरीज को आपका संस्थान में भर्ती किया गया. संस्थान के द्वारा भर्ती मरीज को  आयुष्मान कार्ड से उपचार के सुविधा दी गई. पत्र में जिला नोडल अधिकारी दुर्ग के द्वारा यह भी कहा गया है कि इस अस्पताल प्रबंधन की आयुष्मान कार्ड से इलाज के संबंध में पूर्व में भी शिकायतें प्राप्त हुई है और इस संबंध में जो पत्र लिखे गए हैं उनका कोई संतोष जनक उत्तर  नहीं पाया गया है. इस अस्पताल में उपलब्ध चिकित्सा सुविधा के संबंध में यह भी बड़ी बात सामने आई है कि जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दुर्ग की टीम, यहां इस अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी लेने के लिए औचक निरीक्षण करने पहुंची, तो इस अस्पताल में कोई भी एमबीबीएस डॉक्टर उपलब्ध नहीं पाया गया है.


 जिला स्वास्थ्य प्रशासन विभाग ने  उच्च चिकित्सा संस्थान मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किए गए मरीजों को गंगोत्री अस्पताल में भर्ती किए जाने पर भी कड़ी आपत्ति  की है तथा कहा है कि इस अस्पताल में मरीज को भर्ती किया जाना मरीज की जान से खिलवाड़ करने जैसा प्रतीत होता है.इस कारण बताओं नोटिस के साथ गंगोत्री अस्पताल से पूछा गया है कि ऐसी कर्मियों और अनियमिताओं की वजह से संस्था की चिकित्सा सेवा की मान्यता को समाप्त करने की क्यों ना कार्रवाई की जाए?


 जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने इस अस्पताल को उच्च शिक्षा संस्थान के लिए रेफर मरीजों को अपने अस्पताल में उपचार के लिए  भर्ती करने और आयुष्मान कार्ड से निशुल्क इलाज करने की सुविधा नहीं उपलब्ध कराने पर निर्माण अनुसार कार्रवाई की चेतावनी दी है.उल्लेखनीय की तौकीर आलम के उपचार और आयुष्मान कार्ड से इलाज की सुविधा नहीं उपलब्ध करने के संबंध में शिकायत की गई थी.


 अस्पतालों की मनमानी और अनियमितताओं पर मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में जताई गहरी नाराजगी, दी कार्रवाई की चेतावनी,गंगोत्री अस्पताल दुर्ग में भारी अनियमताए की शिकायतें, आयुष्मान कार्ड से नहीं किया जाता इलाज, मानवता हो रही है शर्मसार



आयुष्मान कार्ड से इलाज की सुविधा नहीं देने से बढ़ रहा है मरीजों और उनके परिजनों में आक्रोश बढ़ रहा है.शिकायत पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय दुर्ग ने संबंधित अस्पतालों को दी नियमानुसार कार्रवाई करने की  चेतावनी दे दी है.


 केंद्र राज्य औऱ सरकार के द्वारा आम लोगों, कमजोर वर्ग के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कई सारे प्रयास किए जा रहे हैं. शासकीय अस्पतालों में भी अत्याधुनिक  उपकरणों तथा मानव संसाधनों की सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं तो वहीं आयुष्मान कार्ड से उच्च बेहतर सुविधाओ वाले  निजी अस्पतालों में भी निशुल्क चिकित्सा की सुविधा दी जा रही है ताकि जो कुछ सुविधा शासकीय अस्पताल में उपलब्ध नहीं हैं कमजोर वर्ग के मरीज उसका लाभ पाने से वंचित ना रह जाए और वे सब उच्च निजी अस्पतालों में भी बेहतर इलाज की सुविधा प्राप्त कर सके. पिछले वर्षों के दौरान आम लोगों के बेहतर इलाज के लिए शुरू की गई आयुष्मान कार्ड  की सुविधा का कई तरह से दुरुपयोग किए जाने की जानकारी सामने आ रही है तो वहीं ढेर सारे स्थानों पर  मरीजों का आयुष्मान कार्ड से निशुल्क इलाज नहीं करने की शिकायतें भी सामने आ रही हैं. शिकायत है कि कई सारे अस्पताल, मरीज को आयुष्मान कार्ड से निशुल्क इलाज की सुविधा देने के नाम पर भटकाने और परेशान करने लगते हैं अथवा इसकी सुविधा मरीज को   देना ही नहीं  चाहते हैं और वह मरीजों से किसी न किसी तरह से नगद राशि वसूल लेने की कोशिश में लगे रहते हैं.अभी इसी तरह की शिकायत सामने आई है तो मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय दुर्ग ने संबंधित अस्पताल को पत्र लिखकर आयुष्मान कार्ड से इलाज की सुविधा नहीं देने पर नियमानुसार  कार्रवाई करने के चेतावनी दी है. गंगोत्री अस्पताल दुर्ग को भी इस संबंध में नोटिस भेजी गई है. 


 आम लोगों को बेहतर इलाज के लिए आज भी कई सारी सुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है. खासतौर पर आयुष्मान कार्ड से इलाज  करने के लिए मरीज, उनके परिजनों और अस्पताल प्रबंधन के बीच हर दिन नोक झोक, बहसबाजी  होती दिखती है. ऐसी शिकायतें  सामने आ रही हैं कि कई सारे अस्पताल, आयुष्मान कार्ड से निशुल्क इलाज की सुविधा किसी भी हालत में देना ही नहीं चाहते हैं और ऐसे अस्पतालों के द्वारा नगद राशि नहीं देने पर मरीजों और उनके परिजनों को कई तरह से प्रताडित करना शुरू कर दिया जाता है.


 एक मरीज की ऐसी ही शिकायत पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय दुर्ग के द्वारा यहां के गंगोत्री अस्पताल प्रबंधन को पत्र लिखा गया है. इस पत्र में निर्देश देते हुए बताया गया है कि जिला अस्पताल दुर्ग के द्वारा मरीज की स्थिति गंभीर हो जाने पर उसे बेहतर इलाज के लिए उच्च चिकित्सा संस्था / मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया था. पत्र में कहा गया है कि ये संस्थान, जिला अस्पताल दुर्ग से उच्च चिकित्सा संस्था नहीं है लेकिन फिर भी मरीज को आपके संस्थान में भर्ती किया गया. संस्थान के द्वारा भर्ती मरीज को  आयुष्मान कार्ड से उपचार की सुविधा नहीं दी गई. पत्र में जिला नोडल अधिकारी दुर्ग के द्वारा यह भी कहा गया है कि इस अस्पताल प्रबंधन की आयुष्मान कार्ड से इलाज के संबंध में पूर्व में भी शिकायतें प्राप्त हुई है और इस संबंध में जो पत्र लिखे गए हैं उनका कोई संतोष जनक उत्तर  नहीं पाया गया है. इस अस्पताल में उपलब्ध चिकित्सा सुविधा के संबंध में यह भी बड़ी बात सामने आई है कि जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दुर्ग की टीम, यहां इस अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी लेने के लिए औचक निरीक्षण करने पहुंची, तो इस अस्पताल में कोई भी एमबीबीएस डॉक्टर उपलब्ध नहीं पाया गया है.


 जिला स्वास्थ्य प्रशासन विभाग ने  उच्च चिकित्सा संस्थान/ मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किए गए मरीजों को गंगोत्री अस्पताल में भर्ती किए जाने पर कड़ी आपत्ति  की है तथा कहा है कि इस अस्पताल में मरीज को भर्ती किया जाना मरीज की जान से खिलवाड़ करने जैसा प्रतीत होता है. विभाग के द्वारा कारण बताओं नोटिस के साथ गंगोत्री अस्पताल से पूछा गया है कि ऐसी कमियों और अनियमिताओं की वजह से संस्था की चिकित्सा सेवा की मान्यता को समाप्त करने की क्यों ना कार्रवाई की जाए?


 जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने इस अस्पताल को उच्च शिक्षा संस्थान के लिए रेफर मरीजों को अपने अस्पताल में उपचार के लिए  भर्ती करने और आयुष्मान कार्ड से निशुल्क इलाज करने की सुविधा नहीं उपलब्ध कराने पर नियम अनुसार कार्रवाई की चेतावनी दी है.

उल्लेखनीय है कि यहां तौकीर आलम के उपचार और आयुष्मान कार्ड से इलाज की सुविधा नहीं उपलब्ध करने के संबंध में शिकायत की गई थी जिसे भी जिला अस्पताल प्रबंधन में संज्ञान में लिया है .


दलालों का भी चक्कर, बेहतर और सस्ते इलाज का झांसा देकर कर देते हैं भर्ती   


यहां एक बड़ा सवाल यह भी है कि जिला अस्पताल दुर्ग से जिन गंभीर हालत वाले  मरीजों को  उपचार के लिए आगे उच्च चिकित्सा संस्थान अथवा में मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रायपुर के लिए रेफर किया जाता है वह मरीज,वहां उपचार कराने के बजाय, इलाज के लिए यहां के कम मापदंड की सुविधा वाले वाले चिकित्सा संस्थान में कैसे पहुंच जाते हैं. जिला चिकित्सा विभाग ने इस बात को भी संज्ञान में लिया है और अपनी नोटिस में इसका उल्लेख किया है. बताया जा रहा है कि कई सारे दलाल टाइप के लोग सक्रिय हैं जोकि मरीज और उनके परिजनों का सस्ते इलाज के नाम पर ब्रेनवाश करते हैं और उन्हें कहीं भी भर्ती करा देते हैं. 

दो मेटरनल डेथ के मामले में भी की जा रही है जांच 


 जिले में मातृत्व पीरियड के दौरान माओं की मौतें होने की घटनाएं भी सामने आई हैं और इन मामलों में भी यहां जाँच शुरू कर दी गई है. इसमें से एक घटना गंगोत्री अस्पताल की भी है. यहां श्रीमती सीमा साहू उम्र 26 वर्ष भर्ती हुई थी जिनकी अस्पताल में 10 अप्रैल 2024 की मृत्यु हो गई. प्राप्त जानकारी के अनुसार श्रीमती सीमा साहू की डिलीवरी  हुई थी. स्वास्थ्य की  समस्या बढ़ने की वजह से उन्हें जिला अस्पताल दुर्ग में भर्ती कराया गया. इस दौरान पीड़िता को पीलिया हो गया तथा यूरीन आउटपुट कम होने की वजह से उस को मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रायपुर रेफर कर दिया गया. लेकिन पीड़िता को गंगोत्री अस्पताल में भर्ती कर दिया गया.जहाँ उनकी मृत्यु हो गई

 प्राप्त जानकारी के अनुसार इसमें मृत्यु अंकेक्षण बैठक भी ली गई जिसमें जिला अस्पताल दुर्ग के 31 मार्च 2020 को ऑन ड्यूटी डॉक्टर एवं लेवर रूम ऑन ड्यूटी स्टाफ नर्स पीएनसी वार्ड की ऑन ड्यूटी स्टाफ नर्स, गाइनेकोलॉजिस्ट, ब्लड बैंक इंचार्ज और पैथोलॉजिस्ट के साथ गाड़ाडीह,पाटन अस्पताल के सेक्टर चिकित्सा अधिकारी,  मेडिकल ऑफिसर, स्टाफ नर्स, क्षेत्र के एएनएम, सुपरवाइजर और मितानिन को बुलाया गया था.