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पुलिस अधीक्षक दुर्ग द्वारा सड़क दुर्घटना में पीड़ित के अधिकार की जानकारी मुआवजा की राशि एवं बीमा की राशि समय सीमा में उपलब्ध कराने की प्रक्रिया की जानकारी तख्ती के माध्यम से सभी थानों में लगाए जाने हेतु दिए गए निर्देश

 दुर्ग पुलिस अधीक्षक दुर्ग द्वारा जिले के समस्त राजपत्रितत्र थाना प्रभारी एवं चौकी प्रभारी को अपने थाना/चौकी में तख्ती को लगाने एवं पीड़ित का...

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 दुर्ग


पुलिस अधीक्षक दुर्ग द्वारा जिले के समस्त राजपत्रितत्र थाना प्रभारी एवं चौकी प्रभारी को अपने थाना/चौकी में तख्ती को लगाने एवं पीड़ित का सहयोग करने हेतु निर्देशित किया गया

         आज दिनांक को पुलिस अधीक्षक कार्यालय दुर्ग में श्री जितेन्द्र शुक्ला, पुलिस अधीक्षक दुर्ग के द्वारा सड़क दुर्घटना में मृतक एवं गंभीर घायल को प्राप्त अधिकारी से संबंधित तख्ती का विमोचन किया गया तथा समस्त राजपत्रित, थाना प्रभारी/चौकी प्रभारियों को अपने थाना चौकी में तख्ती लगाकर पीडितो का अधिकार एवं सहयोग करने हेतु निर्देशित किया गया। 

       सडक दुर्घटना में पीडित का अधिकार निम्नानुसार हैः

सडक दुर्घटना में पीड़ित का अधिकार (अज्ञात वाहन ) होने पर

01- हिट एण्ड रन सोलेषियम योजना (अज्ञात वाहन होने पर) 01 अप्रैल 2022 से लागू मृतक के परिजन को 02 लाख रूपये, गंभीर घायल को 50 हजार रूपये आर्थिक सहायता


02-आवेदक की प्रक्रिया- पीडित या मृतक के वैध परिजन के द्वारा सडक दुर्घटना में गंभीर घायल/मृत्यु होने पर आवेदन तहसीलदार के समक्ष प्रस्तुत किया जाये।

नोटः-

       01-मृत्यु होने पर जरूरी दस्तावेज थाना एफआईआर, पीएम रिपोर्ट, मृत्यु प्रमाण पत्र, खात्मा रिपोर्ट ।

      02-गंभीर घायल होने पर जरूरी दस्तावेज थाना एफआईआर,  एमएलसी, खात्मा रिपोर्ट ।


03-समय सीमा- प्रकरण कायमी दिनांक से 06 माह के भीतर तहसीलदार के समक्ष दावा प्रस्तुत करें। यदि किसी कारणवष प्रकरण 06 माह में प्रस्तुत न हो तो उचित कारण के साथ घटना दिनांक से 12 माह के अवधि के अंतर्गत दावा प्रस्तुत किया जा सकता है। जैसे-प्रकरण खात्मा देरी होने पर, गंभीर घायल की अवस्था में अस्पताल में ईलाज जारी रहने, शहर से बाहर रहने पर।

04-समय सीमा- प्रत्येक हिट एंड रन के प्रकरणों में विवेचक द्वारा 30 दिनो के भीतर संबंधित न्यायालय/विविध प्राधिकरण को सूचना देना


*ःः केन्द्रीय मोटरयान नियम 2022 (पांचवा संषोधन) के अंतर्गत पीड़ित का अधिकारःः*


*जांचकर्ता अधिकारी द्वाराः-*

01- 48 घंटे के अंतर्गत प्राप्त अधिकार- सडक दुर्घटना के प्रकरण में 48 घंटे के भीतर पीडित या पीडित के परिजन को जांचकर्ता अधिकारी के द्वारा प्रारूप 1 प्रथम दुर्घटना रिपोर्ट(थ्पतेज ।बबपकमदज त्मचवतज) भरकर उपलब्ध कराया जायेगा एवं बीमा कंपनी को सूचना दी जावेगी।


02- 10 दिन के भीतर- जांचकर्ता अधिकारी के द्वारा सड़क दुर्घटना के पीडित को प्रारूप 2 में उल्लेखित स्कीम का प्रवाह चार्ट विवरण पीडित व उसके वैध उत्तराधिकारी को 10 दिन के भीतर उपलब्ध करायेगें। (जिसमें बीमा कैसे प्राप्त होगी प्रक्रिया)


03- 50 दिन के भीतर- जांचकर्ता अधिकारी के द्वारा सड़क दुर्घटना के पीडित को प्रारूप 5 में अंतरिम दुर्घटना रिपोर्ट (प्दजमतपउ ।बबपकमदज त्मचवतज) प्रस्तुत किया जाये तथा (प्।त्) की एक प्रति पीडित को उपलब्ध करायेगें। 


04- 90 दिन के भीतर- जांचकर्ता अधिकारी के द्वारा दुर्घटना के पीडित एवं वैध उत्तराधिकारी को 90 दिवस के भीतर प्रारूप 7 विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (क्मजंपसमक ।बबपकमदज त्मचवतज)की एक प्रति उपलब्ध करायेगें।  

बीमा कंपनी द्वाराः-

01- समय सीमा- प्रकरण कायमी दिनांक से 06 माह के भीतर तहसीलदार के समक्ष दावा प्रस्तुत करें। यदि किसी कारणवष प्रकरण 06 माह में प्रस्तुत न हो तो उचित कारण के साथ घटना दिनांक से 12 माह के अवधि के अंतर्गत दावा प्रस्तुत किया जा सकता है। जैसे-प्रकरण खात्मा देरी होने पर, गंभीर घायल की अवस्था में अस्पताल में ईलाज जारी रहने, शहर से बाहर रहने पर।


02- 06 माह के भीतर- यदि आवेदनकर्ता को बीमा कंपनी द्वारा दी जा रही मुआवजा राषि उचित लगता है तो इस स्थिति में बीमा कंपनी 06 माह के अंदर पीडित को बीमा की राषि उपलब्ध करायेगा। 


03- 09 माह के भीतर- यदि आवेदनकर्ता को बीमा कंपनी द्वारा दी जा रही मुआवजा राषि उचित नहीं लगता है तो वह दावा न्यायाधिकरण के समक्ष प्रस्तुत करेगा और न्यायाधिकराण द्वारा प्रस्तुतकर्ता का तर्क सुनने के पश्चात बीमा कंपनी को जो उचित राषि पीडित को प्रदान करने हेतु आदेषित करेगा उसे बीमा कंपनी द्वारा 09 माह के भीतर पीडित को बीमा की राषि उपलब्ध कराना होगा। 

04- 12 माह के भीतर- बीमा कंपनी के द्वारा जिम्मेदारी स्वीकार नहीं करती है तो 12 माह के भीतर निराकरण हेतु विधिक न्यायालय को पेष करेगा