दुर्ग. असल बात न्यूज़. पोक्सो एक्ट की धारा 6 के मामले के आरोपी को गिरफ्तारी के बाद से आज तक जमानत नहीं मिल सकी और न्यायालय ने उसे अब 20 साल...
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असल बात न्यूज़.
पोक्सो एक्ट की धारा 6 के मामले के आरोपी को गिरफ्तारी के बाद से आज तक जमानत नहीं मिल सकी और न्यायालय ने उसे अब 20 साल के सत्संग कारावास और ₹5000 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है. अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ एफटीएससी दुर्ग विशेष न्यायालय पोक्सो एक्ट श्रीमती संगीता नवीन तिवारी के न्यायालय ने यह सजा सुनाई है.
यह मामला 26 सितंबर 2022 का और आरक्षी केंद्र पुलगांव के अंतर्गत का है. मामले में अभियोकत्री के पिता ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी. अभियोजन के अनुसार मामले के तथ्य इस प्रकार है कि आरोपी ने पीड़िता 16 साल से कम उम्र की बालिका को उसके माता-पिता के विधि पूर्ण संरक्षकता में से उनकी सहमति के बिना बहला फुसलाकर शादी का प्रलोभन देकर अयुक्त संभोग करने के लिए उसका व्यपाहरण अपहरण कारित किया और विधिपूर्वक विवाह नहीं है यह जानते हुए भी अभियोकत्री के मांग में सिंदूर भरकर एवं मंगलसूत्र पहना कर विवाह कर्म किया और प्रलोभन देकर एक से अधिक बार शारीरिक संबंध स्थापित कर ब्लॉतसंग कारित किया.
प्रकरण में कोई स्वीकृत तथ्य नहीं है. न्यायालय ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 366 के अपराध में 3 वर्ष का सश्रम कारावास तथा ₹100 रु अर्थदंड और पोक्सो एक्ट की धारा 6 के अपराध में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹5000 अर्थदंड की सजा सुनाई है.
प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की.