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भालू शावक को देख ग्रामीण उसके पास पहुंचे. इस दौरान शावक भालू काफी सुस्त नजर आया और उसे पानी पिलाया

  गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही । मरवाही वनमंडल के मरवाही वन रेंज के महौरा बीट में सफेद भालू मिला. भालू शावक को देख ग्रामीण उसके पास पहुंचे. इस द...

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 गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही। मरवाही वनमंडल के मरवाही वन रेंज के महौरा बीट में सफेद भालू मिला. भालू शावक को देख ग्रामीण उसके पास पहुंचे. इस दौरान शावक भालू काफी सुस्त नजर आया और उसे पानी पिलाया. उसके बाद भी वह बार-बार बेहोश जैसे हो रहा था. जिसके बाद इसकी सूचना वन विभाग को दी गई. मौके पर वन विभाग की टीम पहुंची और स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है. शावक की उम्र लगभग 2 साल के आसपास बताई जा रही है. सफेद भालू के बच्चे का इस तरह से गांव में पहुंचना एक कौतूहल का विषय बन गया है.

इस संबंध में मरवाही वन मंडल DFO रौनक गोयल ने बताया कि अपने परिवार से शावक भालू बिछड़ गया है. गांव वालों से इस संबंध में जानकारी सुबह मिली है. सूचना मिलते ही वन विभाग ने शावक भालू को अपने कब्जे में लेकर उसका पशु चिकित्सकों से स्वास्थ्य परीक्षण कर रहा है. डीएफओ ने बताया कि प्रारंभिक परीक्षण के बाद बच्चा एक दम स्वस्थ है और उसके परिवार से मिलाने के लिए योजना बनाई जा रही है. DFO ने बताया कि इस इलाके में भालू के साथ 2 नन्हे शावक पहले भी देखे जा चुके है, संभवना है कि ये उसी काले मादा भालू का बच्चा है. इसलिए बच्चे को वन विभाग के अमले से निगरानी करवाई जा रही है, आसपास ही उसके परिवार के होने का अंदेशा है. जिससे मां के पास वापस बच्चा सुरक्षित जा सके. फिलहाल बच्चा एकदम स्वस्थ है. बिलासपुर से भी डॉक्टरों की टीम बुलाई जा रही है जो भालू का स्वास्थ्य संबंधित चेकअप भी करेंगे.

बता दें कि मरवाही के जंगलों में भालुओं की संख्या सर्वाधिक है. इस क्षेत्र को भालू लैंड के नाम से जाना जाता है. पहले भी इस इलाके में सफेद भालू की मौजूदगी की फोटो और वीडियो वायरल होते रहे हैं. ये सफेद भालू दरअसल अल्बिनो है जो कि जीन्स में परिवर्तन के कारण सफेद रंग में परिवर्तित हो जाते है जो कि बेहद दुर्लभ है.