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दो दिन पहले अपने परिवार से बिछड़ा सफेद भालू शावक आखिरकार अपनी मां से मिला

  ,गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही। दो दिन पहले अपने परिवार से बिछड़ा सफेद भालू शावक आखिरकार अपनी मां और शावक भाई से मिला. मरवाही वनमंडल विभाग को भालू...

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 ,गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही। दो दिन पहले अपने परिवार से बिछड़ा सफेद भालू शावक आखिरकार अपनी मां और शावक भाई से मिला. मरवाही वनमंडल विभाग को भालू शावक को उसकी मां भालू से मिलाने में बड़ी सफलता मिली. मरवाही वन मंडल के DFO रौनक गोयल ने इसकी पुष्टि की.

 

भालू के इस बच्चे को उसके परिवार से मिलाने और मां भालू को ढूंढने के लिए दो दिन से मरवाही वनमंडल कड़ी मश्क्कत कर रहा था. इस दौरान शुक्रवार रात को मरवाही वनमंडल के जंगल में बिछड़े हुए भालू शावक को उसकी मां के पास छोड़ा गया.



 

उल्लेखनीय है कि यह सफेद भालू शावक दो दिन पहले अपने परिवार से बिछड़ कर अलग हो गया था. सड़क के किनारे भूख-प्यास से बेचैन इस बच्चे को गांव वाले सड़क पर देख इसे पानी और खिलाने का प्रयास कर रहे थे. वन विभाग को इसकी सूचना मिलते हैं तत्काल इसे रेस्क्यू कर इसका स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया और इसे फिर पेण्ड्रा के इंदिरा गार्डन में सुरक्षित रख दिया गया.

इस बीच वन विभाग जहां बच्चा मिला था उसके आसपास के जंगलों में ट्रेप कैमरे लगाकर उसके परिवार को खोजने का प्रयास कर रहा था. इस बीच कल रात को सफेद शावक के बच्चें का परिवार मिलने पर सुरक्षित इसे मां भालू और भाई के पास छोड़ दिया गया.

बताया जा रहा है कि ये काली मादा भालू पहले भी इस क्षेत्र में देखी गयी थी, जिसके दो नन्हें सफेद शावक है. पहले भी इनके वीडियो जमकर वायरल हो चुके हैं. मरवाही क्षेत्र के जंगलों में भालुओं की संख्या सबसे ज्यादा है. इस इलाके को भालू लैंड के नाम से जाना जाता है. इन जंगलों में सफेद भालू का होना दुर्लभ है. ये सफेद भालू जीन्स में परिवर्तन होने के कारण अल्बिनो हो जाते हैं जो कि ध्रुवीय प्रदेश में पाए जाने वाले पोलर बियर से अलग होते है.

वहीं DFO रौनक गोयल ने कहा कि इस क्षेत्र भालुओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए नई योजना लाई जाएगी, जिस पर कार्य योजना बनाई जा रही है.