Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


गौरेया दिवस पर बनाया कृत्रिम घोंसला

भिलाई.  असल बात न्यूज़.    दुनिया भर में नन्ही प्यारी पक्षी गौरैया की प्रजाति के खत्म होने का खतरा बढ़ रहा है तो औद्योगिक नगरी भिलाई में बच्...

Also Read


भिलाई.

 असल बात न्यूज़.  

 दुनिया भर में नन्ही प्यारी पक्षी गौरैया की प्रजाति के खत्म होने का खतरा बढ़ रहा है तो औद्योगिक नगरी भिलाई में बच्चों ने गौरैया को बचाने की मुहिम शुरू की है और उनके लिए  कृत्रिम घोषला तैयार किया है 

संपूर्ण विश्व में 20 मार्च को नन्ही व प्यारी चिड़िया गौरैया के संरक्षण के लिए *गौरैया संरक्षण दिवस* का आयोजन किया जाता है। इसके पीछे उद्देश्य यह रखा गया है कि हमारे आसपास आधुनिकतम सूचना व संचार के प्रणालियों, ध्वनि व प्रकाश की व्यवस्थाओं के चलते पर्यावरण का प्रदूषण सहित कृत्रिम वातावरण तैयार होने से बहुत से कीड़े-मकोडों, पशु-पक्षियों यहां तक से मानव समुदाय का जीवन सुविधा प्रभावित हो रहा है। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान नन्हें कीट-पतंग और चिड़ियों पर हो रहा है। इसमें गौरैया भी अत्यंत प्रभावित है। एक ओर जहां दूरसंचार के लिए लगाए जाने वाले उच्च क्षमता के टावरों, चमकदार प्रकाश आदि से उनकी जीवन शैली, उनकी प्रजनन क्षमता पूरी तरह से दुष्प्रभावित है।

 वहीं लोगों द्वारा आधुनिकतम आवास बनाने से पक्षियों को रहने के लिए खोखले स्थान, ठंडक वातावरण,दाना-चुग्गा, स्वच्छ पानी वाली जगह नहीं मिल पा रही है। साथ में लोगों द्वारा नन्हीं पक्षियों को उचित संरक्षण भी नहीं दिया जा रहा है। इससे पक्षियां ,जो एक तरह से पालतू व मनुष्यों को मित्र मानकर उसके आसपास रहने वाली हैं। वे निरंतर दूर होती जा रही है।  इसीलिए 'विश्व गौरव दिवस' का आयोजन किया जाता है।  इन्हीं भावनाओं को बच्चों में हस्तांतरित करने के लिए शिक्षक व जनजाति शोधार्थी राम कुमार वर्मा ने सेजस चरोदा के विद्यार्थियों डी.गोपिका, लवली, भूमिका साहू, मौली देवांगन, पूर्वा तांडी, रिक्की रात्रे, मंगल चक्रधारी, शाहील चक्रधारी, देवेंद्र साहू, रोहित महतो आदि गौरैयों  के संरक्षण के कृत्रिम घोंसला निर्माण में सहयोग किया।

  इस प्रेरणादायक और सृजनात्मक कार्यों से शालेय बच्चों को जोड़ने के लिए शाला के प्राचार्य जे.पी. श्याम सहित वरिष्ठ के व्याख्याता के.एस.दीवान, ऋचा सिंह, संगीता वैद्य, मधुमती नायक हरिशंकर वर्मा, भरत लाल देवांगन, घनश्याम शर्मा, युगल किशोर चंद्राकर, रोहित पटेल, भूपेंद्र कुमार, भुनेश्वरी यादव, दीपशिखा चंद्राकर, श्वेता सिंह, रजत हलधर, बुलबुल दास संकुल समन्वयक खिलेश वर्मा,  आदि ने हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त की है।