नई दिल्ली. असल बात न्यूज़. नई दिल्ली में 75वें गणतंत्र दिवस परेड की सभी तैयारियां पूरी हो गई है. राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी...
नई दिल्ली.
असल बात न्यूज़.
नई दिल्ली में 75वें गणतंत्र दिवस परेड की सभी तैयारियां पूरी हो गई है.राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू 26 जनवरी, 2024 को नई दिल्ली में कर्तव्य पथ से 75वेंगणतंत्र दिवस का जश्न मनाने में राष्ट्र का नेतृत्व करेंगी।फ्रांस के राष्ट्रपति श्री इमैनुएल मैक्रॉन परेड में मुख्य अतिथि होंगे। इस परेड मेंभारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता, एकता एवं प्रगति;बढ़ती स्वदेशी क्षमताओं के दम पर इसकी सैन्य शक्ति और देश में बढ़ती नारी शक्ति को प्रदर्शित किया जाएगा।
'विकसित भारत'और'भारत-लोकतंत्र की मातृका'- दोनों विषयों पर आधारितइस वर्ष की परेड में लगभग 13,000 विशेष अतिथि भाग लेंगे। यह एक ऐसी पहल है जिसमेंसमाज के सभी वर्ग के लोगों को इस राष्ट्रीय त्योहार में शामिल होकर उत्सव मनाने और जनभागीदारी को प्रोत्साहित करने का अवसर मिलेगा।
पहली बार, परेड की शुरुआत 100 से अधिक महिला कलाकार भारतीय संगीत वाद्ययंत्र बजाते हुए करेंगी।परेड की शुरुआत ये महिला कलाकार शंख, नादस्वरम, नगाड़ा आदि बजाते हुए मधुर संगीत के साथ करेंगी।यह कर्तव्य पथ पर मार्च करते हुए सभी महिलाओं की त्रि-सेवा टुकड़ी की पहली भागीदारी का भी गवाह बनेगा। सलामी उड़ान (फ्लाई-पास्ट) के माध्यम से महिला पायलट भी नारी शक्ति का प्रतिनिधित्व करते हुए दर्शकों का मनोरंजन करेंगी।केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की टुकड़ियों में भी केवल महिला कर्मी शामिल होंगी।
परेड
गणतंत्र दिवस परेड सुबह 10.30 बजे शुरू होगी और लगभग 90 मिनट की अवधि तक चलेगी।यह गणतंत्र दिवस समारोह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पहुंचने के साथ शुरू होगा, जहां वह पुष्पांजलि अर्पित करके शहीद नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने में राष्ट्र का नेतृत्व करेंगे।इसके बाद, प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति परेड देखने के लिए कर्तव्य पथ पर सलामी मंच पर जाएंगे।
समारोह स्थल पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु और उनके फ्रांसीसी समकक्ष श्री इमैनुएल मैक्रॉन का आगमन ‘राष्ट्रपति के अंगरक्षक’ की निगरानी में होगा।राष्ट्रपति का अंगरक्षक भारतीय सेना की सबसे वरिष्ठ रेजिमेंट है।यह गणतंत्र दिवस इस विशिष्ट रेजिमेंट के लिए विशेष है क्योंकि ‘अंगरक्षक’ ने1773 में अपनी स्थापना के बाद से सेवा के 250 वर्ष पूरे कर लिए हैं। दोनों राष्ट्रपति 'पारंपरिक बग्गी'में पहुंचेंगे, यह प्रथा 40 वर्षों के अंतराल के बाद इस साल फिर शुरू की जा रही है।
परंपरा के अनुसार, सबसे पहलेराष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा। इसके बाद राष्ट्रगान गाया जाएगा और स्वदेशी बंदूक प्रणाली 105-एमएम इंडियन फील्ड गन के साथ 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। फिर 105 हेलीकॉप्टर यूनिट के चार एमआई-17 IV हेलीकॉप्टर कर्तव्य पथ पर उपस्थित दर्शकों पर फूलों की वर्षा करेंगे।इसके बादनारी शक्ति का प्रतीक 'आवाहन'बैंड का प्रदर्शन होगा, जिसमें 100 से अधिक महिला कलाकार विभिन्न प्रकार के ताल वाद्ययंत्र बजाते हुए शामिल होंगी।
इसके बाद राष्ट्रपति के सलामी लेने के साथ परेड शुरू होगी।परेड की कमान दूसरी पीढ़ी के सेना अधिकारी परेड कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, दिल्ली एरिया, संभालेंगे।मेजर जनरल सुमित मेहता, चीफ ऑफ स्टाफ, मुख्यालय दिल्ली क्षेत्र परेड सेकेंड-इन-कमांड होंगे।
सर्वोच्च वीरता पुरस्कारों के सम्मानित विजेताओं में परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेन्द्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार (सेवानिवृत्त), और अशोक चक्र विजेता मेजर जनरल सीए पीठावाला (सेवानिवृत्त), कर्नल डी श्रीराम कुमार और लेफ्टिनेंट कर्नल जस राम सिंह (सेवानिवृत्त) शामिल हैं। परमवीर चक्र दुश्मन के सामने बहादुरी और आत्म-बलिदान के सबसे विशिष्ट कार्य के लिए दिया जाता है, जबकि अशोक चक्र दुश्मन के सामने बहादुरी और आत्म-बलिदान के अलावा अन्य कार्यों के लिएभी दिया जाता है।