नई दिल्ली। असल बात न्यूज़।। भारत देश में कोरोना का संक्रमण फिर से तेजी से फैलने की खबर आ रही है। ताजा जानकारी के अनुसार देश के विभिन्...
नई दिल्ली।
असल बात न्यूज़।।
भारत देश में कोरोना का संक्रमण फिर से तेजी से फैलने की खबर आ रही है। ताजा जानकारी के अनुसार देश के विभिन्न हिस्सों में पिछले 24 घंटे के दौरान इसके 325 नए संक्रमित पाए गए हैं। संक्रमितों की संख्या फिर से बढ़ने से कोरोना को लेकर लोगों में एक बार फिर से चिंता बढ़ने लगी है। नए संक्रमितों की संख्या तो बड़ी रही है वहीं इससे पांच लोगों की मौत हो जाने की भी खबर है। केरल प्रदेश में पिछले तीन दिनों के भीतर इसके संक्रमण की चपेट में आ जाने से पांच लोगों की मौत हो गई है। वही उत्तर प्रदेश में भी इसकी चपेट में आकर एक व्यक्ति की जान चली गई है। यह उल्लेखनीय है कि कोरोना के संक्रमण के प्रत्येक लहर का फैलाव, केरल प्रदेश से ही फैलना शुरू हुआ है।
Coronavirus : देश में एक बार फिर से कोरोना वायरस एक्टिव हो गया है. देश में कोरोना से पांच लोगों की मौत हो गई है, जिसमें केरल में चार और उत्तर प्रदेश में एक संक्रमित शख्स की मौत हुई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में रविवार को कोविड के 335 नए मामले सामने आए हैं. वर्तमान में देश में कोविड के कुल 1,701 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं. भारत का COVID-19 केसलोएड 4.50 करोड़ (4,50,04,816) है. अभी लोग कोरोना के डर से उभरे ही नहीं कि कोरोना का एक और नया सब वेरिएंट जेएन.1 (Covid subvariant JN.1) सामने आया है. बताया जा रहा है कि, केरल में 79 वर्षीय महिला के नमूने की 18 नवंबर को आरटी-पीसीआर जांच की गई थी, जो संक्रमित पाया गया. वहीं, महिला पहले भी कोविड-19 से उबर चुकी है. उल्लेखनीय है कि, भारत में कोरोना वायरस के वर्तमान में 90 प्रतिशत से अधिक मामले गंभीर नहीं हैं. ऐसे में कोई संक्रमित पाया जाता है तो उसे अपने घर में ही क्वारंटाइन में रखा जा रहा है. इससे पहले, सिंगापुर में एक भारतीय यात्री में कोरोना का नया सब वेरिएंट जेएन.1 संक्रमण का पता चला था. यह तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले का मूल निवासी है और उसने 25 अक्टूबर को सिंगापुर की यात्रा की थी. हालांकि, तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले में पहला मामला आने के बाद यहां मामलों में वृद्धि नहीं हुई है. भारत में जेएन.1 वेरिएंट का कोई अन्य मामला सामने नहीं आया है. वहीं, कोविड-19 के सब वेरिएंट जेएन.1 की पहचान पहली बार लक्जमबर्ग में की गई थी. कई देशों फैला यह संक्रमण पिरोलो स्वरूप (बीए.2.86) से संबंधित है।
इन्साकॉग की नियमित निगरानी गतिविधि के एक हिस्से के तहत केरल में कोविड-19 के जेएन.1 सब-वेरिएंट के एक मामले का पता चला है। यह जानकारी आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने आज दी।
इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इन्साकॉग) जीनोमिक प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क है, जो जीनोमिक दृष्टिकोण से भारत में कोविड-19 की निगरानी कर रहा है। आईसीएमआर इसका एक हिस्सा है। कोविड-19 के संदर्भ में संशोधित निगरानी दिशानिर्देशों के अनुसार आईएलआई व एसएआरआई के रोगियों का कोविड-19 परीक्षण किया जाता है और संक्रमित (पॉजिटिव) मामलों को संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण (डब्ल्यूजीएस) के लिए भेजा जाता है।
8 दिसंबर, 2023 को केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित काराकुलम से आरटी-पीसीआर परीक्षण में पाए गए संक्रमित नमूने में इसका पता चला था। इससे पहले 18 नवंबर, 2023 को किए गए आरटी-पीसीआर परीक्षण में इस नमूने को पॉजिटिव पाया गया था। संबंधित रोगी में इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) के हल्के लक्षण थे और उसके बाद वे कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं।
पिछले कुछ हफ्तों से केरल में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी का रुझान देखने को मिल रहा है। इसका कारण परीक्षण के लिए भेजे जाने वाले आईएलआई मामलों के नमूनों की संख्या में बढ़ोतरी है। इनमें से अधिकांश रोगियों के लक्षण चिकित्सकीय रूप से हल्के किस्म के होते हैं और वे बिना किसी उपचार के अपने घर पर ही ठीक हो जाते हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से नियमित अभ्यास के एक हिस्से के तहत राज्यों की सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में उनके सार्वजनिक स्वास्थ्य और अस्पताल की तैयारी के उपायों का आकलन करने के लिए एक मॉक ड्रिल संचालित की जा रही है। 13 दिसंबर से शुरू हुई यह गतिविधि जिला कलेक्टरों की समग्र निगरानी में की जा रही है और 18 दिसंबर 2023 तक इसके पूरी होने की संभावना है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, केरल के स्वास्थ्य विभाग के साथ नियमित संपर्क में है और राज्य में प्रवेश के विभिन्न स्थलों की निगरानी कर रहा है।
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