केन्द्रीय जेल दुर्ग में वर्ष 2023 के द्वितीय राज्य स्तरीय वृहद जेल लोक अदालत का आयोजन दुर्ग । असल बात न्यूज़।। राज्य में जेल लोक अदालत ...
केन्द्रीय जेल दुर्ग में वर्ष 2023 के द्वितीय राज्य स्तरीय वृहद जेल लोक अदालत का आयोजन
दुर्ग ।
असल बात न्यूज़।।
राज्य में जेल लोक अदालत को बड़ी सफलता मिली है। इसमें दुर्ग जिले में कल 36 प्रकरण निपटाए गए। प्रकरणों के निराकरण से संबंधित पक्षों में भी खुशी देखने को मिली है।
छ0ग0राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देशानुसार एवं श्रीमती नीता यादव, जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दुर्ग के मार्गदर्शन में राज्य स्तरीय वृहद जेल लोक अदालत’’ का /आयोजन स्थान केन्द्रीय जेल दुर्ग में किया गया।
उक्त राज्य स्तरीय वृहद जेल लोक अदालत के आयोजन शुभारंभ/अवसर पर श्री संतोष कुमार ठाकुर, मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट, दुर्ग के अलावा प्रमुख रूप से गठित दो खण्डपीठ के पीठासीन न्यायिक अधिकारीगण श्रीमती सरोजनी जनार्दन खरे, न्या.मजि.प्रथम श्रेणी, दुर्ग एवं श्री डी0एस0बद्येल, न्या.मजि.प्रथम श्रेणी, दुर्ग तथा प्रतिबंधात्मक धाराओं के प्रकरणों के निराकरण हेतु गठित खण्डपीठ के पीठासीन अधिकारी श्री दीपक कुमार निकंुज एस.डी.एम. भिलाईनगर/छावनी एवम् श्री आशीष डहरिया, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दुर्ग, केन्द्रीय जेल दुर्ग की ओर से श्री आर.आर. राय जेल अधीक्षक, दुर्ग श्री श्यामलाल ठाकुर उप जेल अधीक्षक, केन्द्रीय जेल दुर्ग व जेल के अन्य कर्मचारी/स्टाफ उपस्थित रहे।
इस अवसर पर उपस्थित न्यायिक अधिकारीगण एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग द्वारा जेल में निरूद्ध बंदियों को प्ली बार्गेनिंग , अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी तथा विचाराधीन बंदियों के प्रकरणों के सुगमता से निराकरण के कई कानूनी पहलुओं की जानकारी प्रदान करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को जेल में निरूद्ध प्रत्येक बंदी के लिए सदैव विधि अनुसार सहयोग करने के लिए तत्पर एवं प्रतिबद्ध होना बताया गया।
केन्द्रीय जेल दुर्ग में आयोजित उक्त राज्य स्तरीय वृहद जेल लोक अदालत में मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट/न्यायिक मजिस्टेªट प्रथम श्रेणी के न्यायालय में लंबित ऐसे बंदियों के प्रकरणों जिनमें बंदियों द्वारा अपराध स्वीकार किया गया ;च्समंक ळनपसजलद्ध प्ली-बारगेनिंग एवं शमनीय मामलों का निराकरण किया गया। जिसके तहत जिला न्यायालय में 02 खण्डपीठ एवं राजस्व न्यायालय की 01 खण्डपीठ का गठन किया गया। उक्त गठित खण्डपीठ में कुल 36 मामलें निराकृत हुए जिनमें 29 मामलें न्यायालयीन एवं 07 मामलें राजस्व न्यायालय के शामिल है।