दुर्ग। असल बात न्यूज़।। 00 विधि संवाददाता आरोपी पीड़ित बालक के पिता की दुकान में ही काम करता था। उसने घर में जबरदस्ती घुसकर ...
दुर्ग।
असल बात न्यूज़।।
00 विधि संवाददाता
आरोपी पीड़ित बालक के पिता की दुकान में ही काम करता था। उसने घर में जबरदस्ती घुसकर अवयस्क बालक से शारीरिक संबंध बनाया और कई बार कृकृत्य किया। किसी को इसके बारे में जानकारी देने पर जान से मारने की धमकी देता था। घटना के दिन उसने पीड़िता को दूसरी जगह बुलाया था। उसकी मां उसे खोजते हुए वहां पहुंच गई तो आरोपी भाग गया। न्यायालय ने इन आरोपों को प्रमाणित पाए जाने आरोपी को कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम फास्ट ट्रैक कोर्ट विशेष न्यायाधीश श्रीमती सरिता दास के न्यायालय ने प्रकरण में आरोपी को शेष जीवन के कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने पीड़िता को पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना के तहत प्रतिकर प्रदत करने की भी अनुशंसा की है।
न्यायालय ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 450, 376 (क )(ख) 376 (दो) (n) एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(thh)(ड) के अपराध का दोषी पाया।उक्त घटना जून 2021 की आरक्षि केंद्र पुरानी भिलाई दुर्ग के अंतर्गत है। आरोपी 24 वर्षीय युवक है जो की घटना के बाद से न्यायिक अभीरक्षा में निरुद्ध है। पीड़ित बालक की मां के द्वारा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। अभियोजन की ओर से कुल नौ साक्षयों का परीक्षण कराया गया। बचाव पक्ष की ओर से किसी साक्षी का परीक्षण नहीं कराया गया। न्यायालय ने पीड़िता की उम्र को 12 वर्ष से कम वर्ष का होना प्रमाणित पाया। न्यायालय ने बचाव पक्ष के द्वारा पीड़िता से विस्तृत प्रतिपरीक्षण करने के बाद भी पिता के साक्षय को अखंडनीय नहीं पाया।
न्यायालय ने प्रकरण में 12 वर्ष से कम आयु की अवयस्क बालिका के साथ बलात्संग गुरुत्तर लैंगिक हमला कारीत करने का अपराध सिद्ध पाए जाने पर अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 450 के अपराध में 5 वर्ष के सश्रम कारावास तथा ₹1000 अर्थदंड, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5 ड के अपराध में आजीवन कारावास तथा ₹5000 अर्थ दंड और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(थ) के अपराध में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह सभी सजा साथ-साथ चलेंगी ।
प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार साहू ने पैरवी की।